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Friday, May 22, 2009

8. मगही लघुकथा संग्रह "कथा-बतीसी" में प्रयुक्त ठेठ मगही शब्द

कब॰ = "कथा-बतीसी" (मगही लघुकथा सेंगरन); कथाकारः घमण्डी राम उर्फ रामदास आर्य (जन्म: 9 जनवरी 1949); प्रथम संस्करणः जून 2004; प्रकाशकः श्यामसुन्दरी साहित्य कलाधाम, बेनीबिगहा, बिक्रम (पटना); मूल्य - 80 रुपये; कुल 14 + 64 पृष्ठ; सम्पर्क सूत्रः बल्लमीचक, अनीसाबाद, पटना - 800 002; दूरभाषः 2253729.

देल सन्दर्भ में पहिला संख्या पृष्ठ, आउ दोसर संख्या पंक्ति दर्शावऽ हइ ।
ई लघुकथा संग्रह में बत्तीस कहानी हकइ जेकर शीर्षक और पृष्ठ संख्या हइ -

क्र॰ कथा पृष्ठ
1 अन्तरजातीय बिआह 1
2 हनुमान के लाचारी 3
3 टेकुआ लेखा सोझ 5
4 करेड़ माटी पर जमल दुब्भी 7
5 पत्थल पर दुब्भी 9
6 राखी 11
7 सोवाभिमान 14
8 कानून किताबे में बन्द रह गेल 16
9 माँ दुरगा के सवाल 18
10 बाल मजदूर के मुक्ति 20
11 कलंक 21
12 धोबिया घाट 23
13 मदारी के बानर 25
14 किरखी माय के दरद 27
15 जमाना के मोताबिक 29
16 अनोखा बदला 30
17 सवाल के जवाब 32
18 बन्हन 34
19 रजिया अम्मा 36
20 नफरत के आग 38
21 पयहारी बाबा के जय 40
22 जोग वर 42
23 जंगल राजा के चुनाव 43
24 पूत के छोह 45
25 सदमा 47
26 सुगिया 49
27 जनता के धन 51
28 कलक्टर साहेब 53
29 अप्पन गाँव 55
30 पछतावा 58
31 अदमी के खोज 61
32 सरहद पर 63

ठेठ मगही शब्द:
अँकवारी (भर ~) (कब॰ 46:6; 48:5; 60:12)
अँचरा (कब॰ 1:11)
अइसन (कब॰ 1:1)
अजगुत, अजगूत (कब॰ 6:6; 23:5)
अता-पता (कब॰ 55:5)
अदना (कब॰ 53:18)
अनमन (कब॰ 49:5)
अप्पन (कब॰ 1:11)
अरउआ (कब॰ 30:16)
अर-बर, अल-बल (कब॰ 32:5)
अलमुनियाँ (कब॰ 45:22; 56:1)
असुलना (कब॰ 19:8)
आँख उठाके ताकबो न करना (कब॰ 50:7)
आँख में आँख (कब॰ 45:1)
आ (=और) (कब॰ 1:17)
आगू (कब॰ 1:25)
आझ (कब॰ 1:30)
आन्हर (कब॰ 3:18)
आन्ही (कब॰ 11:14)
आरी (कब॰ 4:15; 30:5)
आरी-पगारी (कब॰ 30:1)
इंगोरा (कब॰ 18:7)
इंगोरा (~ लहकना) (कब॰ 38:6)
इन्नर (कब॰ 1:6)
इहे (= यही) (कब॰ 1:4)
ई (कब॰ 1:7)
उकटा-पुरान (कब॰ 8:3; 14:16; 32:19)
उज्जर (कब॰ 36:20)
उपहना (कब॰ 4:26; 28:7)
एँड़ियाना (कब॰ 1:16)
एँड़ी के लहर कपार पर चढ़ना (कब॰ 21:7)
एक्के (कब॰ 1:5)
एन्ने (कब॰ 39:1)
एही (कब॰ 1:25)
ओकर (कब॰ 1:21)
ओकरा (कब॰ 1:9)
ओका-बोका-तीन-तरोका (खेल के नाम) (कब॰ 49:16)
ओझा-गुनी (कब॰ 32:2)
ओन्ने (कब॰ 39:1)
कनइठी (कब॰ 28:7; 32:26)
कनियाँ (कब॰ 34:1)
कमिनी-धमनी (कब॰ 7:23)
करम (सब ~ करके छोड़ना) (कब॰ 45:9)
करिखा, कारिख (कब॰ 1:1)
करिया (कब॰ 2:6)
करेड़ (~ माटी पर जमल दुब्भी जादे दिन हरिअर न रहे) (कब॰ 8:15)
कहनाम (कब॰ 7:6; 43:10; 58:13)
कहिया (कब॰ 11:20)
काठो के सउतीन बैरीन होवऽ हे (कब॰ 50:12)
कान-कोतर (कब॰ 38:24)
कानी गइया के अलगे बथान (कब॰ 53:9)
काहे (कब॰ 1:10)
किरखी (= कृषि) (कब॰ 27:17; 28:5)
किरिया धरउल (कब॰ 33:12)
किरियाठ (कब॰ 63:21)
कुकुर (पड़लन राम ~ के पाला) (कब॰ 38:22)
कुकुहारो (कब॰ 45:15)
कुरकी-जपती (कब॰ 5:9)
कुरसी (तीन ~ तक के उकटा-पुरान होना) (कब॰ 8:3)
कुरसी (दसो ~ उलट देना) (कब॰ 32:18)
कुलबोरन (कब॰ 1:1, 4)
केंवाड़ी (कब॰ 12:3)
केत्ता (कब॰ 1:9)
कोनासी (~ घर) (कब॰ 36:11)
कोर (कब॰ 1:11)
कोरसिस (कब॰ 34:10)
खनदान (कब॰ 1:1)
खम्हा (कब॰ 38:2)
खानी (कब॰ 11:23)
खीस-पीत (कब॰ 45:14; 47:14)
खेत-बधार (कब॰ 55:19, 26; 56:27; 57:5)
गलगलाना (= गरगराना) (कब॰ 26:5)
गवनई (गीत-गवनई) (कब॰ 56:13)
गाँव के बेटी सबके बेटी (कब॰ 38:25)
गाड (=गार्ड) (कब॰ 14:1)
गिधवा-मिसान (कब॰ 7:26)
गुमटी (कब॰ 9:13)
गुरमाटी (कब॰ 1:8)
गेरा (कब॰ 32:19; 40:19)
गोड़ (कब॰ 1:25)
गोड़ (कब॰ 2:4)
गोड़थारी (कब॰ 59:12, 16)
गोड़ी उठाना (कब॰ 45:14)
गोतिया-नइया (कब॰ 2:13, 19; 34:22)
गोदी (कब॰ 49:4)
गोर भक-भक (कब॰ 21:2)
गोरथारी (कब॰ 49:6)
घवाहिल (कब॰ 63:4, 9, 11)
घाठी (~ देके मारना) (कब॰ 17:1)
घिनाना (कब॰ 40:6, 21)
घुमरना (कब॰ 46:5)
घेंची (कब॰ 23:17)
घोड़हिया (कब॰ 1:22)
चनरमा (कब॰ 1:7)
चमकी (कब॰ 55:13)
चरतल्ला (~ पीटना) (कब॰ 29:16)
चल घोड़िया धाने धान (कब॰ 51:14)
चसकना (मन ~) (कब॰ 30:2)
चस्का (कब॰ 27:4)
चाउर-दाल (कब॰ 32:8)
चान (कब॰ 2:6; 46:11)
चानी (कब॰ 17:10)
चाभुक (कब॰ 1:11)
चाह (= चाय) (कब॰ 63:13)
चिरौरी करना (कब॰ 5:16)
चुप्पे-चुप्पे (कब॰ 1:13)
चूंटी ससरे के जगह न होना (कब॰ 18:2-3)
छरदीवारी (कब॰ 59:9)
छाँपी (कब॰ 30:2, 4)
जनता के मारल पइसा हबेख न लगना (कब॰ 51:13)
जनाना (= दिखाई देना) (दुन्नो के हड्डी जनाय लगल) (कब॰ 25:5)
जन्ने ... ओन्ने (कब॰ 21:5)
जरना (= जलना) (कब॰ 2:11)
जहिया (कब॰ 9:1; 55:3; 58:13)
जेन्ने ... ओन्ने (कब॰ 29:6)
जोगाना (जोगा के रखना) (कब॰ 45:9)
जोड़ा-पारी (कब॰ 35:2)
झँखना (कब॰ 5:2)
झुलफी (कब॰ 61:9)
झुल्ला (कब॰ 46:13)
टहल-टिकोरा (कब॰ 53:10)
टुक-टुक ताकना (कब॰ 6:6; 15:1)
टुघरना (कब॰ 63:15)
टूअर (कब॰ 1:30)
टूसा (कब॰ 2:6; 49:14)
टेकुआ, टकुआ (कब॰ 6:10)
ठेठा-ठेठा के कमाना (कब॰ 45:13)
ठौर (कब॰ 43:13)
डागडर (कब॰ 17:8)
डेहन्डल, जेहन्डल (कब॰ 58:1)
ढकचाना (ढकचावइत-ढकचावइत) (कब॰ 32:12)
ढुकवाना (कब॰ 42:26)
त (= तो, तब) (कब॰ 1:2)
तइयो (कब॰ 27:6; 62:5)
तखसल (कब॰ 15:4)
तितकी (कब॰ 18:15)
तितकी (कब॰ 39:3)
तिल चटा के छोड़ना (कब॰ 39:18-19)
तुम्मा (कब॰ 27:2)
तोरा (कब॰ 1:23)
तोरे (कब॰ 1:12)
थारी-लोटा (कब॰ 5:5)
थुक्का-फजीहत (कब॰ 32:17)
थेथर (कब॰ 1:22)
दउरी (कब॰ 9:16)
दउरी-मउनी (कब॰ 9:16; 22:5)
दखल-देहानी (कब॰ 43:15)
दन्ने (कब॰ 23:2)
दवा-बीरो, दवा-बिरो (कब॰ 20:9; 48:19)
दाखिल (= समान, सदृश) (कब॰ 1:29)
दाल-चाउर (कब॰ 39:5)
दुन्नो (कब॰ 1:16)
दूरा-दलान (कब॰ 53:8, 13, 15)
देवाल (कब॰ 8:9)
दोस (कब॰ 1:26)
धधकाना (कब॰ 33:13)
धन पीट के धरना (कब॰ 7:20)
धप्प-धप्प गोर (कब॰ 2:7)
धिपाना (कब॰ 16:15)
धूर-गनौरा (कब॰ 27:24)
धोकड़ी (कब॰ 29:6)
धोबिया पटा चलाना (कब॰ 23:12)
नइहर (कब॰ 1:22)
नखड़ा (~ पसारना) (कब॰ 36:23)
नट-नगाड़िन (कब॰ 1:5)
नट्टिन (कब॰ 2:8)
नाक बजाना (कब॰ 39:2)
नामी-गिरामी (कब॰ 40:1)
निकोखी (कब॰ 1:4)
निमक पढ़ाना (कब॰ 32:2)
निसा (कब॰ 32:11)
नीयर (कब॰ 14:2)
नून (कब॰ 1:2)
नून चटाके छोड देना (कब॰ 32:9)
नेवता-पेहानी (कब॰ 38:1)
पइसा पीट के धर देना (कब॰ 51:2)
पघिलना (कब॰ 2:11)
पचमा (कब॰ 62:1)
पथारना (कभी थारी-लोटा पटक देवे, कभी गाय-भईंस के पथारे लगे) (कब॰ 5:5)
परकना, परिकना (परिकल बहुरिया करैला में झोर) (कब॰ 27:8)
परब-तेयोहार (कब॰ 34:7)
परसादी (कब॰ 61:12, 18, 23, 27)
पसेना (कब॰ 2:17)
पिअर (कब॰ 2:25)
पुतोह (कब॰ 2:12)
पेटकुनिए (कब॰ 27:16)
पेटकुनिए (कब॰ 63:15)
पेन्हना (कब॰ 21:3)
पेन्हाना (कब॰ 6:5)
पेयार (कब॰ 1:30)
फजीहत, फजहत (कब॰ 47:19)
फानना (कब॰ 59:9)
फिन (कब॰ 6:21)
फिफिहिया (कब॰ 1:10; 46:8)
फिरंट (कब॰ 1:5)
फेफरी (मुँह में ~ पड़ना) (कब॰ 3:20)
फोरा (कब॰ 47:16)
बउआ (कब॰ 29:8, 15)
बकार (कब॰ 55:12)
बझाना (कब॰ 23:13)
बड़ (कब॰ 2:12)
बड़ (कब॰ 49:15)
बड़का (कब॰ 1:5; 47:2)
बन-मजूरी (कब॰ 38:19)
बनूक, बन्हूक (कब॰ 36:3; 44:5)
बन्हन (कब॰ 35:17, 19)
बन्हाना (कब॰ 1:23)
बरना (= बलना) (कब॰ 12:27)
बाई, बाय (कब॰ 48:4)
बाकि (= लेकिन) (कब॰ 1:7)
बाघ-बघौअल (खेल के नाम) (कब॰ 49:17)
बादर (कब॰ 2:7)
बान्ह (= बाँध) (कब॰ 43:15, 22)
बान्हना (गाँठ ~) (कब॰ 5:21; 35:11)
बिढ़नी (कब॰ 38:8)
बिहान (कब॰ 2:28)
बुतरू (कब॰ 19:5)
बुतात (खाना-बुतात) (कब॰ 16:15; 20:13)
बेपारी (कब॰ 19:10)
बेयोहार (कब॰ 29:3)
बोतल (बोतल लइका) (कब॰ 1:18)
बोलहटा (कब॰ 53:22; 54:7)
भँभोरना (कब॰ 26:4)
भट्ठा (कब॰ 5:4)
भट्ठी (कब॰ 5:11)
भतार (कब॰ 1:18)
भविस (कब॰ 1:23)
भिजुन (कब॰ 16:13)
भिर (कब॰ 6:19)
भीरू (= भिर) (कब॰ 40:6)
भुंजा (कब॰ 25:23)
भोंकार पार के रोना (कब॰ 39:11)
मउनी (कब॰ 9:16)
मटका के कुरता (कब॰ 7:3; 21:2-3)
मडर (= मर्डर) (कब॰ 12:15; 58:14)
मनेजर, मनीजर (कब॰ 14:5)
मन्दिल (कब॰ 3:3)
ममहर (कब॰ 32:8)
मरनी-हरनी (कब॰ 53:8)
मर-मोकदमा (कब॰ 47:24)
मामू के गगरिया काहे फोड़ले रे चुट्टा (खेल के नाम) (कब॰ 49:16-17)
माय (कब॰ 1:29)
मार-गारी (कब॰ 43:26)
मुसकी (कब॰ 1:20)
मुसहरी (कब॰ 53:26)
मूड़ी (कब॰ 19:1)
मूनना (आँख ~) (कब॰ 7:13)
मेराना (कब॰ 31:5)
मोसमात (कब॰ 34:5)
रहता (कब॰ 58:24)
राताराती (कब॰ 13:2)
राते-दिने (कब॰ 1:4)
रिपोट (कब॰ 17:5)
रूह-चुह (कब॰ 30:1)
रोवाई (कब॰ 59:21)
रोहा-पीटन (कब॰ 34:3)
लगहर (~ गाय) (कब॰ 20:10)
लछनमान (कब॰ 2:12)
लमपोर (कब॰ 2:7)
लम्मा (कब॰ 2:7)
लहठी (कब॰ 22:4)
ला, ल, लागी, लगी (= के लिए) (कब॰ 1:5)
लाठी-लठउअल (कब॰ 8:3)
लूर (कब॰ 14:24)
लेखा (= समान, जैसा) (कब॰ 1:7)
लेहाज (कब॰ 29:2)
लोग-बाग (कब॰ 5:12)
संघाती (साथी-संघाती) (कब॰ 40:7)
संतोख (कब॰ 1:23)
सउँसे (कब॰ 3:26)
सउख (कब॰ 1:6)
सउरी (सउरिये में) (कब॰ 1:2)
सगरे (कब॰ 18:1, 18; 19:21)
सगरो (कब॰ 3:8; 23:23)
सरबेटा (कब॰ 33:6)
सादी (कब॰ 1:6)
सितुहारी (कब॰ 9:16)
सुगापंखी साड़ी (कब॰ 49:2, 3, 15)
सुतना (सुतइत-जागइत) (कब॰ 1:4)
सुत्थर (कब॰ 2:9)
सुन्नर (कब॰ 2:8)
सेनगुप्ता धोती (कब॰ 7:3; 21:3; 61:10)
सेनुर (कब॰ 2:3)
सेसर (कब॰ 1:17)
सोमारी (~ मेला) (कब॰ 42:1)
हँकड़ना (कब॰ 44:1)
हँड़िया (अप्पन-अप्पन ~ अलगे कर लेना) (कब॰ 8:6)
हबकना (कब॰ 18:8)
हबकुरिए (कब॰ 23:15; 24:15)
हमरा (कब॰ 1:27)
हम्मर (कब॰ 1:26)
हहरना (कब॰ 43:20)
हाइल-काइल (कब॰ 38:11)
हार-पार के (कब॰ 6:11; 32:7; 45:7; 56:22)
हित-नाता (कब॰ 47:5; 55:6)
हुराड़ (कब॰ 44:18)
हेंकरी (कब॰ 4:19)
होरी-चइता (कब॰ 54:13)

1 comment:

bihari khichady said...

badhiya hav.

birendra yadav patna
9304170154