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Sunday, August 15, 2010

43. महिला मोर्चा बनाएगा मगही एकता मंच

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_6617351.html

02 Aug 2010, 12:48 am

जमशेदपुर। मगही एकता मंच के कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक रविवार को हुई। इसमें महिला मोर्चा का शीघ्र गठन करने की बात भी कही गई, तो वृहद स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने पर भी फैसला लिया गया। महासचिव उपेंद्र सिंह ने सभी प्रखंड अध्यक्ष को अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं-सदस्यों के साथ बैठक कर मुख्यालय को सूचित करने को कहा। बैठक को डा. विजय कुमार पीयूष, डा. भोलेंद्र पांडेय, रामनारायण शर्मा, रियाजुद्दीन खान, कल्याणी शरण, सत्येंद्र सिंह, यशोदा देवी, अनवारुल हक, कमर सुल्ताना, दीपा देवी, चंद्रभान सिंह ने भी संबोधित किया। नसर फिरदौसी की अध्यक्षता में हुई बैठक का संचालन मो. अलाउद्दीन ने किया। इस मौके पर अध्यक्ष हाजी वसीमुल्लाह के नाती के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की गई।

Friday, August 13, 2010

42. मगही दिवस के रूप में मनेगी महाकवि की जयंती


हिन्दुस्तान दैनिक, पटना संस्करण, 14 अगस्त 2010, पृष्ठ 8.

बख्तियारपुर। महाकवि योगेश की जन्मतिथि 23 अक्टूबर को प्रति वर्ष मगही दिवस के रूप में मनाया जायेगा। यह निर्णय अथमलगोला के नीरपुर में शुक्रवार को महाकवि योगेश फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय मगही भाषा सह कवि सम्मेलन के समापन मौके पर सर्वसम्मति से लिया गया। मगही एकादमी के अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में कई कवियों ने अपनी कविता पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर जमकर तालियां बटोरीं। महाकवि योगेश के पुत्र पत्रकार मृत्युंजय कुमार ने कहा कि वे मगही एकादमी को 1950 के दशक का महत्वपूर्ण मगही पाण्डुलिपि उपलब्ध करायेंगे। सम्मेलन के दौरान मगही साहित्यकार रामनन्दन जी को वर्ष 2010 का योगेश शिखर सम्मान प्रदान किया गया। कवि दीनबन्धु, कारू गोप, जयराम और पंकज ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन कवि रामाश्रय झा ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, साहित्यकार, शिक्षाविद् आदि उपस्थित थे ।

Thursday, August 12, 2010

41. जनकवि थे 'योगेश': नंदकिशोर

प्रथम पुण्यतिथि पर पैतृक गांव में लगा साहित्यकारों, राजनेताओं और शिक्षाविदों का जमावड़ा

http://epaper.hindustandainik.com/PUBLICATIONS/HT/HP/2010/08/13/index.shtml

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http://epaper.hindustandainik.com/PUBLICATIONS/HT/HP/2010/08/13/ArticleHtmls/%C2%AAF%C2%B3FI-d%C2%BDF-%C2%B1FZ-k%C2%B9F%C3%BB%C2%A6FZVFl-%C2%B3FaQdI-VF%C3%BBS-13082010004013.shtml?Mode=1

हिन्दुस्तान दैनिक, पटना संस्करण, 13 अगस्त 2010, पृष्ठ 4.

संवाद सूत्र / निसं
बख्तियारपुर / बाढ़

मगही साहित्य के मूर्धन्य कवि डा॰ योगेश्वर प्रसाद ‘योगेश’ की प्रथम पुण्यतिथि के मौके पर उनके पैतृक गांव नीरपुर में जुटे प्रख्यात साहित्यकारों, नेताओं, शिक्षाविदों एवं आमजनों ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया । इस अवसर पर जाने-माने साहित्यकार प्रो. रामदेव शुक्ल की अध्यक्षता में स्व॰ योगेश की रचना मगही साहित्य के प्रथम महाकाव्य ‘गौतम’ एवं 'मगही रामायण' का लोकार्पण करते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नन्दकिशोर यादव ने कहा कि ‘योगेश’ वाकई में एक जनकवि थे, जिन्होंने अपनी कविता के माध्यम से जहां आमजनों की समस्याओं को उकेरा वहीं समाज में व्याप्त कुरीतियों पर भी करारा प्रहार किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कवि और साहित्यकार कभी मरते नहीं। उनकी अमर कृति सदैव लोगों को अंधेरे में भी राह दिखाने का काम करती है । मौके पर पूर्व सांसद विजय कृष्ण ने मगही भाषा को अष्टम अनुसूची में शामिल करने की मांग की। वहीं मगही अकादमी के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद ने कहा कि मगही भाषा के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया गया। उन्होंने मगही भाषा के विकास के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मगही क्षेत्र के राजनैतिक ध्रुवतारा हैं। श्री शंकर ने योगेश की मगही साहित्य की सेवा में उल्लेखनीय योगदान की सराहना करते हुए कहा कि स्व॰ योगेश हमेशा हमलोगों के प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मगही कवि रामाश्रय झा ने कहा कि 23 अक्टूबर को स्व॰ योगेश की जन्मतिथि मगही दिवस के रूप में मनाई जाए। इससे पूर्व स्व॰ योगेश के पुत्र मृत्युंजय कुमार ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। मौके पर नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के कुलपति जितेन्द्र कुमार सिंह, बाढ़ के विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू , कुमार इन्द्रदेव, डा॰ अनिल राय समेत दर्जनों वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये।

Friday, August 06, 2010

40. भाषायी अकादमियों की समितियाँ पुनर्गठित

http://epaper.hindustandainik.com/Publications/HT/HP/2010/08/07/INDEX.SHTML

हिन्दुस्तान दैनिक, पटना संस्करण, दिनांक 07 अगस्त 2010, पृष्ठ 7

भाषायी अकादमियों की समितियाँ पुनर्गठित
चारों अकादमियाँ अब भी कार्यवाहक निदेशकों के जिम्मे ही

हिन्दुस्तान ब्यूरो

पटना: राज्य सरकार ने करीब छह माह की कसरत के बाद मैथिली के साथ ही मगही, भोजपुरी और संस्कृत अकादमियों की समितियों को पुनर्गठित कर दिया है । हालाँकि चारों के निदेशकों का मनोनयन नहीं किया गया है । इस पद के प्रभारी में पूर्ववत एच॰आर॰डी॰ (मानव संसाधन विभाग) के उप-निदेशक ही रहेंगे । उधर मगही अकादमी के सदस्यों की सूची में एक नाम ऐसा भी है जो अब इस दुनिया में हैं ही नहीं । विक्रम के खोरइठा गाँव के निवासी संत रामनगीना सिंह 'मगहिया' को मानव संसाधन विभाग ने स्वर्गीय होने के बाद अकादमी का सदस्य बनाया है । 81 वर्षीय स्व॰ सिंह की मौत 1 अगस्त को हो गई पर विभाग को इसकी भनक ही नहीं लगी । सरकार के उप-सचिव और मगही अकादमी के प्रभारी निदेशक ओंकारननाथ आर्य के दस्तखत से स्व॰ सिंह की सदस्य की अधिसूचना जारी हुई है । हालाँकि इस बारे में विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उनकी मौत की आधिकारिक सूचना नहीं मिल पाई थी । सूची सुधार ली जाएगी ।

मगही अकादमी में विभाग ने स्व॰ रामनगीना सिंह समेत कुल 11 सदस्यों को मनोनीत किया है । नालन्दा निवासी उदय शंकर शर्मा (कवि जी) अधयक्ष बनाए गए हैं । मो॰ सफी जानी, लखीसराय की परमेश्वरी, मोकामा के भाई बालेश्वर, शेखपुरा के मुनेश्वर रजक, हरनौत के एतवारी पंडित, पटना के हरीन्द्र विद्यार्थी, अरवल के राम किशोर सिन्हा, पटना के जीतेन्द्र व्यास, नवादा (हिसुआ) के उदय कुमार भारती और गया के सुमन्त सदस्य बनाए गए हैं ।

भोजपुरी अकादमी को अध्यक्ष तो नहीं दिया गया पर 11 सदस्यीय समिति की घोषणा की गई है । रोहरास के डॉ॰ गुरचरण सिं, गोपालगंज के अधिवक्ता मुश्ताक अहमद, पश्चिम चम्पारण के गंगा प्रसाद पांडेय और एन॰ तिवारी, भोजपुर के महेन्द्र सिंह और डॉ॰ लक्ष्मी नारायण चौबे, पीयू हिन्दी विभाग के प्रो॰ भृगुनन्दन त्रिपाठी, बक्सर के रामेश्वर प्रसाद सिन्हा, रोहतास के जवाहर प्रसाद सिंह, आरा के प्रो॰ गदाधर सिंह और छपरा के प्रो॰ राजेश्वर कुंवर भोजपुरी अकादमी के सदस्य मनोनीत हुए हैं ।

राज्य सरकार ने मधुबनी जिला के विट्ठो ग्राम निवासी डॉ॰ किशोर नाथ झा को बिहार राज्य संस्कृत अकादमी का अध्यक्ष बनाया गया है । बी॰आर॰ए॰ वि॰वि॰ के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ॰ सतीश चन्द्र झा और दरभंगा संस्कृत वि॰वि॰ के डॉ॰ विद्याधर मिश्र को कार्यसमिति का जबकि बेरगेनिया (सीतामढ़ी) संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ॰ महाचन्द्र ठाकुर को सामान्य समिति का सदस्य बनाया गया है ।



भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष बने डॉ. रविकांत दुबे
पटना।
मानव संसाधन विकास विभाग ने डॉ. रविकांत दूबे को भोजपुरी अकादमी का अध्यक्ष बनाया है। डॉ. दूबे बक्सर में महर्षि विश्वमित्र कॉलेज में स्नातकोत्तर राजनीति शास्त्र विभाग के अध्यक्ष हैं। उन्होंने शुक्रवार को अकादमी के अध्यक्ष पद पर योगदान भी कर लिया है। मूलत: डुमरांव के लाखनडिहरा निवासी डॉ. दूबे ने कई पुस्तकें लिखी हैं । उन्हें विभिन्न संस्थाओं ने भोजपुरी रत्न सम्मान, शिक्षा पदक पुरस्कार, साहित्य गौरव पुरस्कार आदि सम्मान से सम्मानित किया है।
 

7. प्रो॰ रामनाथ शर्मा

पिता के नाम - जनेश्वर सिंह
माता के नाम - इन्द्रज्योति देवी

जन्म-तिथि - ८-१-१९३३ ई॰

जन्मस्थान आउ वर्तमान पता - अमहर, पटना-८०१११८

शिक्षा -
मैट्रिक -पटना विश्वविद्यालय, १९५१
आइ॰ए॰  -पटना विश्वविद्यालय, १९५३
बी॰ए॰ ऑनर्स (हिन्दी) -पटना विश्वविद्यालय, १९५५
एम॰ए॰ (हिन्दी) -पटना विश्वविद्यालय, १९५७

कार्यक्षेत्र - १८ जून १९५८ से ९ फरवरी १९९३ तक जी॰जे॰ कॉलेज, रामबाग, बिहटा, पटना में स्नातक आउ स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पद पर काम करके सेवा-निवृत्त ।

अभिरुचि - पढ़ाई-लिखाई आउ ओजपूर्ण शैली में भाषण । एकरा अलावे शिक्षा सम्बन्धी आउ समाज कल्याण सम्बन्धी काम में योगदान ।

सम्मान-पुरस्कार -
१. अप्पन गाँ सम्बन्धी शोधस्तरीय पुस्तक 'अमहरा' पर १९८८ ई॰ में अखिल भारतीय अन्तरजनपदीय परिषद, उजियार घाट, बलिया, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रशस्ति पत्र
२. 'अमहरा' किताब पर ही १९९४ ई॰ में 'शान्ति स्थापना संघ, अमहरा, पटना' द्वारा 'गंगा शरण सिंह एवार्ड' से विभूषित
३. 'अमहरा' किताब पर ही १९९८ ई॰ में 'भगवान बुद्ध विकास सेवा समिति, पटना' द्वारा पद्मश्री डॉ॰ सी॰पी॰ ठाकुर के हाथ से 'कलाश्री' सम्मान प्राप्त

साहित्यिक कृति -
१. गद्य गौरव - सम्पादित
२. गद्य सरोवर - सम्पादित
३. अमहरा - १९७४ ई॰ में प्रकाशित, द्वितीय संस्करण २००० ई॰ में
४. बिहटा अंचल के कवि और लेखक - २००१ ई॰
५. भारतीय मुक्ति संग्राम में मनेर और बिहटा थाने की भागीदारी - १९९७ ई॰
६. मगही साहित्य का इतिहास - १९९८ ई॰ में छपल किताब के सह लेखक (एक अध्याय - मगही साहित्य का जागरण काल)
७. गंगा बाबू की याद के सह लेखक
८. डॉ॰ स्वर्ण किरण अभिनन्दन ग्रन्थ के सह लेखक
९. डॉ॰ राम प्रसाद सिंह अभिनन्दन ग्रन्थ के सह लेखक
१०. मगही भासा साहित्यिक निबन्धावली के सह लेखक
११. इंटरमीडियट मगही गद्य-पद्य संग्रह के सह लेखक
एकरा अलावे हिन्दी आउ मगही के विभिन्न पत्र-पत्रिका में इनकर लेख प्रकाशित होइत रहल हे ।
आकाशवाणी पटना के 'मागधी' कार्यक्रम में २० बरिस में लगभग ७५ वार्ता प्रसारित कर चुकलन हे ।

[मगही मासिक पत्रिका "अलका मागधी", बरिस-, अंक-, दिसम्बर २००२, पृ॰१८ से साभार]