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Monday, November 09, 2015

अपराध आउ दंड - भाग – 6 ; अध्याय – 6



अपराध आउ दंड

भाग – 6

अध्याय – 6

ई पूरा शाम दस बजे तक ऊ कइएक शराबखाना आउ पाप के अड्डा में बितइलकइ, एक से होके दोसरा में जाके । कहीं तो ओकरा कात्या से भेंट होलइ, जे फेर से कोय 'नीच आउ अत्याचारी' के बारे दोसरा बाजारू गाना गा रहले हल, जे 'कात्या के चुम्मे लगलइ' ।

स्विद्रिगाइलोव कात्या, ऑर्गन-वादक, गायक, बैरा आउ दू गो कोय छोटगर क्लर्क लगी पेय मँगइलकइ । ई दुन्नु क्लर्क से ऊ खास करके ई कारण से संबंध स्थापित कर लेलके हल, कि दुन्नु के नाक टेढ़ा हलइ - एगो के नकिया दहिना दने मुड़ल हलइ, त दोसरा के बामा दने । ई बात स्विद्रिगाइलोव के विस्मित कर देलके हल । ओकन्हीं आखिर ओकरा एक प्रकार के मनोरंजन बाग में ले गेते गेलइ, जाहाँ ऊ ओकन्हीं के प्रवेश लगी भुगतान कर देलकइ । ई बाग में तीन बरिस के एगो लमछड़ देवदार के पेड़ हलइ आउ तीन गो छोटगर झाड़ी । एकरा अलावे एगो वॉक्स-हॉल (Vauxhall) [1] बनावल हलइ, जे असल में एगो मधुशाला हलइ, लेकिन जाहाँ परी चाय भी मिलऽ हलइ, आउ एकर साथ-साथ कुछ हरियर रंग के टेबुल आउ कुरसी लगल हलइ । घटिया किसिम के गायक के एगो टोली, आउ नशा में चूर आउ जोकर जइसन लाल नाक वला, लेकिन कोय कारणवश अत्यंत उदास, म्यूनिख़ के कोय जर्मन, दर्शक लोग के मनोरंजन कर रहले हल । दुन्नु क्लर्क के कोय दोसर क्लर्क के साथ कुछ कहा-सुन्नी हो गेलइ आउ लड़ाय चालू हो गेलइ । स्विद्रिगाइलोव के ओकन्हीं निर्णायक चुनलकइ । ऊ ओकन्हीं बीच पनरह मिनट तक मध्यस्थता कइलकइ, लेकिन ओकन्हीं एतना जादे चिल्लाब करऽ हलइ, कि लेशमात्र भी कुछ समझे के संभावना नयँ हलइ । सबसे अधिक संभावना ई हलइ, कि ओकन्हीं में से एगो कुछ तो चोरा लेलके हल आउ कोय यहूदी के बेच देलके हल, जे संयोगवश ओज्जे परी हलइ; लेकिन बेच लेला के बाद, अपन साथी के साथ हिस्सा बाँटे लगी नयँ चाहऽ हलइ । आखिरकार, पता चललइ, कि चोरावल चीज चाय के एगो चम्मच हलइ, जे वॉक्स-हॉल के हलइ । वॉक्स-हॉल में एकर चोरी जाय के पता चल गेले हल, आउ ई सारा मामला दुर्भाग्यपूर्ण मोड़ ले रहले हल । स्विद्रिगाइलोव चम्मच के पइसा चुका देलकइ, फेर उठलइ आउ बाग के बाहर चल गेलइ । लगभग दस बज रहले हल । ई पूरे अवधि के दौरान ऊ एक्को बून शराब नयँ पिलके हल, आउ वॉक्स-हॉल में खाली एगो चाय के औडर देलकइ, आउ ओहो खाली मर्यादा के खातिर । एतने में शाम दमघोंटू आउ अंधकारमय हो गेलइ । दस बजे तक चारो तरफ से भयंकर बादर घिर अइलइ; बिजली कड़के लगलइ, आउ झरना नियन बारिश होवे लगलइ । बारिश बून में नयँ हो रहले हल, बल्कि पानी पूरे धारा के रूप में जमीन पर चोट कर रहले हल । पल-पल बिजली कौंधऽ हलइ, आउ हरेक कौंध के दौरान खाली पाँच तक गिन्नल जा सकऽ हलइ । स्विद्रिगाइलोव बिलकुल बारिश से तर-बतर होके घर अइलइ, अपने आप के कमरा में बन कर लेलकइ, टेबुल के दराज खोललकइ, अपन सब पइसा निकास लेलकइ आउ दू-तीन कागज फाड़के फेंक देलकइ । फेर, पइसवा के धोकड़ी में रखके, ऊ अपन पोशाक बदले लगी चहलकइ, लेकिन खिड़की में से देखके आउ बिजली के कड़क आउ बारिश के अवाज सुनके, अपन हाथ लहरइलकइ, अपन हैट लेलकइ आउ फ्लैट में ताला लगइलहीं बगैर बाहर निकस गेलइ । ऊ सीधे सोनिया हियाँ चल पड़लइ । ऊ घरे पर हलइ ।

ऊ अकेल्ले नयँ हलइ; ओकरा साथ कापेरनाउमोव के चार गो छोटगर-छोटगर बुतरू हलइ । सोफ़िया सिम्योनोव्ना ओकन्हीं के चाय पिला रहले हल । ऊ चुपचाप आउ आदरपूर्वक स्विद्रिगाइलोव के स्वागत कइलकइ, ओकर भिंगल पोशाक तरफ अचरज से देखलकइ, लेकिन एक्को शब्द नयँ बोललइ । बुतरुअन अवर्णनीय भय से तुरतम्मे भाग गेलइ ।
स्विद्रिगाइलोव टेबुल भिर बइठ गेलइ, आउ सोनिया के पासे में बइठे लगी कहलकइ । ऊ सहमल-सहमल ओकर बात सुन्ने लगी तैयार हो गेलइ ।
"हम, सोफ़िया सिम्योनोव्ना, हो सकऽ हइ, कि अमेरिका चल जइअइ", स्विद्रिगाइलोव कहलकइ, "आउ चूँकि शायद ई हमन्हीं के आखिरी मोलकात होवइ, त हम हियाँ कुछ इंतजाम करे खातिर अइलिए ह । अच्छऽ, ई महिला से आझ अपने भेंट कइलथिन ? हम जानऽ हिअइ, कि ऊ अपने से की बात कइलका ह, हमरा ऊ सब फेर से बतावे के कोय जरूरत नयँ हइ । (सोनिया कसमसइलइ आउ ओकर चेहरा लाल हो गेलइ ।) "अइसन लोग के काम करे के अपनहीं ढंग होवऽ हइ । जाहाँ तक अपने के भाय-बहिन के संबंध हइ, त ओकन्हीं लगी इंतजाम करवा देवल गेले ह, आउ पइसा, जे ओकन्हीं के बाद में मिल्ले वला हइ, ऊ हम हरेक लगी रसीद के साथ भरोसा वला लोग के हाथ में दे देलिए ह । लेकिन अपने ई सब रसीद अपने साथ रख लेथिन, हो सकऽ हइ, कभी जरूरत पड़ जाय । ई लेथिन ! अच्छऽ जी, ई मामला तो समाप्त हो गेलइ । अइकी तीन गो पाँच प्रतिशत के नोट (बौंड) हइ, कुल मिलाके तीन हजार रूबल के । ई अपने पास रख लेथिन, बिलकुल अपने पास, आउ ई बात के हमन्हीं दुन्नु के बीच रक्खल जाय, ताकि दोसरा कोय के कुच्छो मालूम नयँ होवे, चाहे अपने के कुच्छो सुन्ने लगी मिल्लइ । एकर अपने के जरूरत पड़तइ, काहेकि, सोफ़िया सिम्योनोव्ना, पहिले नियन जिनगी गुजारना अच्छा नयँ हइ, आउ अपने के ओइसन जिनगी गुजारे के कोय जरूरतो नयँ हइ ।"

"अपने तो हमरा खातिर जी, आउ अनाथ सब आउ स्वर्गीया (कतेरिना इवानोव्ना) खातिर जी भी, एतना सारा उपकार कर चुकलथिन हँ", सोनिया जल्दी-जल्दी बोललइ, "कि अगर अभी तक हम अपने के ठीक से धन्यवाद भी नयँ दे सकलिए ह, त ... अपने ई बात के मन में नयँ लेथिन ..."
"अरे, बस, बहुत हो गेलइ, बहुत हो गेलइ ।"
"आउ ई पइसा, अर्कादी इवानोविच, हम अपने के बहुत कृतज्ञ हिअइ, लेकिन अभी हमरा एकर जरूरत नयँ हइ। हम अपना खातिर हमेशे कमाय कर सकऽ हिअइ, एकरा अपने अकृतज्ञता के रूप में नयँ लेथिन - अगर अपने एतना उदार हथिन, त जी, ई सब पइसा ..."

"ई अपने लगी हइ, अपने लगी, सोफ़िया सिम्योनोव्ना, आउ, मेहरबानी करके, एकरा बारे आउ बिन कोय विशेष बात के, काहेकि हमरा अभी समय नयँ हइ । आउ अपने के एकर जरूरत पड़तइ । रोदियोन रोमानोविच लगी दू रस्ता हइ - या तो सिर पे गोली, चाहे व्लादिमिरका [2] । (सोनिया ओकरा तरफ वहशी नजर से देखलकइ आउ सिहर उठलइ ।) "फिकिर नयँ करथिन, हमरा सब कुछ मालूम हइ, ठीक उनके मुँह से सुनलिए ह, आउ हम बातूनी नयँ हिअइ । तखने उनका अपने ठीक सीख देलथिन हल, कि ऊ खुद्दे जाके सब कुछ बता देथिन । ई उनका लगी बहुत जादे फायदेमंद होतइ । अच्छऽ, अगर उनका व्लादिमिरका जाय पड़लइ - त ऊ तो हुआँ जइता, आउ अपने उनकर पीछू ? हइ न ? हइ न ? आउ अगर अइसन बात हइ, त एकर मतलब हइ, कि पइसा के तो जरूरत पड़वे करतइ । उनका लगी तो जरूरत पड़तइ, समझऽ हथिन ? अपने के देके, मानूँ हम उनके देब करऽ हिअइ । एकरा अलावे, अपने अमालिया इवानोव्ना के करजा चुकावे के वादा कइलथिन हल; हम तो सुनलिए हल । ई की बात हइ, सोफ़िया सिम्योनोव्ना, कि एतना बिन सोचले-समझले अइसन ठीका आउ जिमेवारी अपने ऊपर ले ले हथिन ? वस्तुतः कतेरिना इवानोव्ना ई जर्मन औरत के कर्जदार हला, अपने नयँ, ओहे से अपने के तो ई जर्मन औरत पर थूक देवे के चाही । अइसे तो अपने के संसार में जीना हराम हो जइतइ । अच्छऽ जी, अगर कोय कभी अपने से पुच्छइ - कल चाहे परसुन - हमरा बारे चाहे हमरा से संबंधित कुच्छो के बारे (आउ अपने के तो पुछवे करतइ), त अपने ई बारे, कि हम अभी अपने के पास अइलिअइ, केकरो से नयँ उल्लेख करथिन आउ न पइसा कभियो केकरो देखाथिन आउ न बताथिन कि हम अपने के ई देलिअइ । अच्छऽ, अब हम चलबइ ।" (ऊ कुरसी पर से उठ गेलइ ।) "रोदियोन रोमानोविच के हमरा तरफ से नमस्ते । अरे हाँ - अभी खातिर पइसा मिस्टर रज़ुमिख़िन के पास रख सकऽ हथिन । मिस्टर रज़ुमिख़िन के जानऽ हथिन ? जरूर जानऽ होथिन । ई खराब अदमी तो नयँ हका । बिहान उनका हीं ले जाथिन, चाहे ... जब समय आबइ । आउ तब तक एकरा जेतना संभव हो सकइ, छिपाके रखथिन ।"

सोनिया भी कुरसी से उछलके खड़ी हो गेलइ आउ भय से ओकरा दने देखे लगलइ । ओकरा कुछ कहे के मन कर रहले हल, कुछ तो पुच्छे के, लेकिन शुरू के कुछ क्षण ओकरा साहस नयँ पड़लइ, आउ ओकरा समझहूँ में नयँ अइलइ, कि शुरू कइसे करइ ।
"लेकिन अपने कइसे ... जी, अपने कइसे, अभिए अइसन बारिश में जइथिन ?"
"अरे, अमेरिका जाय के तैयारी आउ बारिश से डरना, हे-हे ! अलविदा, प्यारी, सोफ़िया सिम्योनोव्ना ! जीथिन, आउ दीर्घायु होथिन, अपने से दोसरा के भला होवइ । अरे ... मिस्टर रज़ुमिख़िन के कह देथिन, कि हम उनका प्रणाम करऽ हिअइ । उनका अइसीं कह देथिन - अर्कादी इवानोविच स्विद्रिगाइलोव उनका प्रणाम करऽ हइ । भूलथिन नयँ ।"

ऊ बाहर निकस गेलइ, सोनिया के अचरज में, भय में, आउ एक प्रकार से अस्पष्ट आउ उदास आशंका में छोड़के।
बाद में पता चललइ, कि एहे शाम के, करीब एगारह बजे, ऊ एगो आउ बहुत सनकी आउ अप्रत्याशित भेंट करे खातिर गेले हल । बारिश अभियो तक बन नयँ होले हल । पूरा तरह से भिंगल, एगारह बजके बीस मिनट पर ऊ वसील्येव्स्की द्वीप पर माली राजपथ (avenue) के तेसरा लाइन में अपन मंगेतर के तंग फ्लैट में घुसलइ । ओकरा देरी तक दरवाजा खटखटावे पड़लइ, तब कहीं जाके सुनाय पड़ला पर दरवाजा खोलल गेलइ, आउ शुरू-शुरू में हुआँ बड़गो खलबली मच गेलइ; लेकिन अर्कादी इवानोविच जब चाहऽ हलइ, त बहुत सम्मोहक व्यवहार वला अदमी बन जा हलइ, ओहे से ओकर मंगेतर के समझदार माय-बाप के पहिलौका (हलाँकि बहुत तेज) अनुमान, कि अर्कादी इवानोविच कदाचित् कहीं पर एतना पी लेलका ह, कि उनका होशो नयँ रहले ह - तुरतम्मे गलत साबित होलइ । मंगेतर के कोमलहृदय आउ समझदार माय ओकर अपाहिज बाप के पहियेदार कुरसी में ढकेलके अर्कादी इवानोविच भिर लइलकइ, आउ जइसन कि ओकर आदत हलइ, तुरतम्मे कोय तो दूर-दूर के (अर्थात् घुमा-फिराके) सवाल करे लगलइ । (ई औरत कभियो सीधा सवाल नयँ करऽ हलइ, बल्कि हमेशे पहिले मुसकान आउ अपन हाथ के रगड़ से शुरू करऽ हलइ, फेर बाद में, अगर ओकरा कुछ पक्का तरह से ठीक-ठीक मालूम करे के जरूरत रहऽ हलइ, मसलन - कब अर्कादी इवानोविच के शादी निश्चित करे लगी सुविधाजनक होतइ, त पेरिस आउ हुआँ के राज-दरबार के जिनगी के बारे सबसे दिलचस्प आउ उत्सुक सवाल से चालू करऽ हलइ, आउ तब कहीं बाद में जाके धीरे-धीरे वसील्येव्स्की द्वीप के तीसरा लाइन तक पहुँचऽ हलइ।) दोसर समय में ई सब कुछ, वास्तव में, सम्मान के भावना जागृत करते हल, लेकिन ई बखत अर्कादी इवानोविच कइसूँ विशेष रूप से अधीर देखाय देलकइ आउ साफ तौर से अपन मंगेतर से भेंट करे लगी आग्रह कइलकइ, हलाँकि वास्तव में पहिलहीं ओकरा बता देवल गेले हल, कि मंगेतर तो सुत चुकले ह । जाहिर हइ, मंगेतर आ गेलइ । अर्कादी इवानोविच ओकरा सीधे सूचित कइलकइ, कि अभी तो एगो बहुत महत्त्वपूर्ण परिस्थिति के कारण पितिरबुर्ग से बाहर जाय के हइ, आउ ओहे से चानी के पनरह हजार रूबल, विभिन्न तरह के नोट के रूप में, ओकरा लगी लइलके ह, जे ऊ ओकरा उपहार के रूप में स्वीकार करे के निवेदन कइलकइ, काहेकि बहुत पहिलहीं से शादी के पहिले ऊ ओकरा ई छोट्टे गो उपहार देवे लगी सोच रहले हल । ई उपहार, आउ तुरंत प्रस्थान आउ एकरा लगी बारिश में अधरात के आवे में अनिवार्य आवश्यकता के बीच, ई सब व्याख्या से, कोय विशेष तर्कसंगत संबंध बिलकुल नयँ देखाय देलकइ, लेकिन तइयो सारा मामला बहुत अच्छा से निपट गेलइ । आवश्यक 'ओह' आउ 'आह', प्रश्न आउ आश्चर्य, भी कइसूँ अचानक असाधारण रूप से सीमित आउ नियंत्रित हो गेलइ; लेकिन दोसरा तरफ कृतज्ञता अत्यंत प्रचंड रूप में व्यक्त कइल गेलइ आउ जेकर पुष्टि भी अति व्यवहारकुशल माय के आँसू से कइल गेलइ । अर्कादी इवानोविच उठ खड़ी होलइ, हँस पड़लइ, मंगेतर के चूम लेलकइ, ओकर गाल थपथपइलकइ, पुष्टि कइलकइ, कि ऊ जल्दीए वापिस अइतइ, आउ ओकर आँख में हलाँकि बुतरू के उत्सुकता, लेकिन एकरा अलावे एक प्रकार के बहुत गंभीर मूक प्रश्न देखके थोड़े देरी सोचलकइ, ओकरा दोसरा तुरी चुमलकइ आउ हार्दिक रूप से ओकरा झुंझलाहट होलइ, कि ओकर देल उपहार अत्यंत व्यवहारकुशल माय सुरक्षा खातिर तुरतम्मे ताला-कुंजी के साथ बन कर देतइ । सबके असाधारण रूप से उत्तेजित अवस्था में छोड़के ऊ बाहर निकस गेलइ । लेकिन कोमलहृदय माय तुरतम्मे आधा फुसफुसाहट आउ सड़ासड़ बोलते कुछ सबसे महत्त्वपूर्ण उलझन के सुलझा देलकइ, अर्थात्, अर्कादी ईवानोविच बड़गो अदमी हथिन, कारोबार आउ पहुँच वला अदमी, बहुत धनी - भगमाने जानऽ हइ, कि उनकर दिमाग में की हइ, ठान लेलका आउ चल गेला, ठान लेलका आउ पइसा दे देलका, मतलब, एकरा में अचरज के कोय बात नयँ हइ । बेशक ई बात अजीब जरूर हलइ, कि ऊ पूरा भिंगल हला, लेकिन अंगरेज लोग तो, मसलन, आउ जादे सनकी होते जा हइ, आउ सब अइसन उँचगर हैसियत के लोग ई नयँ देखते जा हका, कि सामान्य जनता ओकन्हीं के बारे की कहते जइतइ, आउ औपचारिकता से काम नयँ लेते जा हका । शायद, ऊ जान-बूझके ई तरह से चल्लऽ हका, ई देखावे लगी, कि ऊ केकरो से डरऽ नयँ हका । आउ मुख्य बात ई हइ, कि एकरा बारे केकरो से एक्को शब्द नयँ बोले के चाही, काहेकि भगमान जानऽ हइ, कि एकरा से आउ की नतीजा निकसइ, आउ पइसा जल्दी से जल्दी ताला-कुंजी से बन कर देवे के चाही, आउ वास्तव में ई सब कुछ के मामले में सबसे निम्मन ई होलइ, कि फ़िदोस्या भनसाघर में बइठल रहलइ, आउ मुख्य बात ई हइ, कि ई मक्कार औरत रेसलिख़ (Resslich) के बिलकुल नयँ, बिलकुल नयँ, बिलकुल नयँ बतावे के चाही, इत्यादि, इत्यादि । ओकन्हीं करीब दू बजे तक बइठल रहलइ आउ फुसफुसइते रहलइ । मंगेतर, लेकिन, बहुत जल्दीए सुत्ते लगी चल गेलइ, अचंभित आउ कुछ उदास होल ।

आउ ई दौरान स्विद्रिगाइलोव ठीक बारह बजे अधरात के पितिरबुर्ग के तरफ के दिशा में ॒कोव पुल [2] पार कर रहले हल । बारिश बन हो चुकले हल, लेकिन हावा चल रहले हल । ऊ कँप्पे लगलइ आउ मिनट भर एक प्रकार के विशेष उत्सुकता से आउ प्रश्नात्मक दृष्टि से छोटकी नेवा नदी के कार पानी के देखते रहलइ । लेकिन जल्दीए ओकरा पानी के ऊपर खड़ी रहे से बहुत ठंढा लगे लगलइ; ऊ मुड़ गेलइ आउ ॒ओय राजपथ [3] दने चल पड़लइ । ऊ अनंत ॒ओय राजपथ पर बहुत देर तक, लगभग आध घंटा तक, अपन डेग बढ़इते गेले हल, एक से जादे तुरी अन्हेरा में लकड़ी के सड़क पर ढनमनइवो कइलइ, लेकिन बिन रुकले राजपथ के दहिना तरफ कुछ तो उत्सुकता से खोजते रहलइ । हिएँ कहीं परी राजपथ के अंत में, हाल में गाड़ी से गुजरते बखत, एगो लकड़ी के बन्नल, लेकिन बड़गर, होटल पर ओकर नजर गेले हल, आउ ओकर नाम, जाहाँ तक ओकरा आद पड़लइ, कुछ अद्रियानोपल जइसन हलइ । ओकर खियाल गलत नयँ हलइ - ई होटल अइसन दूरस्थ सुनसान जगह में, अन्हरवो में, एतना निम्मन से देखाय देब करऽ हलइ, कि एकरा खोज पाना असंभव नयँ हलइ । ई एगो लमगर, लकड़ी के बन्नल, कार-कार होल बिल्डिंग हलइ, जेकरा में, एतना देर रात होलो पर, अभियो बत्ती जल रहले हल, आउ कुछ चहल-पहल देखाय देब करऽ हलइ ।  ऊ अंदर घुसलइ आउ गलियारा (corridor) में एगो फट्टल-चिट्टल बस्तर में भेंटल अदमी से एगो कमरा लगी पुछलकइ । ऊ गुदड़िया स्विद्रिगाइलोव पर एक नजर डालके अपन देह झटकइलकइ आउ तुरतम्मे ओकरा दूर वला कमरा में ले गेलइ, जे दमघोंटू आउ सकेत (तंग) हलइ, गलियारा के बिलकुल अंत में, कोना में, ज़ीना के निच्चे । लेकिन आउ दोसर नयँ हलइ; सब कमरा भरल हलइ । गुदड़िया ओकरा दने प्रश्नात्मक दृष्टि से देखलकइ ।

"चाह हकइ ?" स्विद्रिगाइलोव पुछलकइ ।
"ई संभव हइ, श्रीमान ।"
"आउ कउची-कउची हइ ?"
"जी, बछड़ा के मांस, वोदका, नश्ता हइ श्रीमान ।"
"बछड़ा के मांस आउ चाह लाव ।"
"आउ कुच्छो नयँ जरूरत हइ ?" गुदड़िया कुछ अचंभित होके पुछलकइ ।
"कुछ नयँ, कुछ नयँ !"
गुदड़िया चल गेलइ, बिलकुल निराश होके ।
"निम्मन जगह होवे के चाही", स्विद्रिगाइलोव सोचलकइ, "हम ई कइसे नयँ जानऽ हलूँ । हमहूँ शायद कोय काफ़े-शाँताँ [café-chantant (फ्रेंच) - संगीत-नृत्य के सुविधा सहित कैफ़े या रेस्तोराँ (restaurant)] से वापिस लौट रहल अइसन अदमी नियन लगऽ हिअइ, जेकरा साथ रस्ता में कुछ घटना हो चुकल होवइ । लेकिन ई उत्सुकता के बात हइ, केऽ हियाँ परी ठहरके रात गुजारऽ होतइ ?"

ऊ मोमबत्ती जलइलकइ आउ कमरा के निरीक्षण कइलकइ । ई कमरा पिंजड़ा नियन एतना छोटगर हलइ, कि छत स्विद्रिगाइलोव के ऊँचाई के लगभग हलइ (अर्थात् ऊ मोसकिल से खड़ी हो सकऽ हलइ), एगो खिड़की; बिछौना बहुत गंदा-संदा, एगो साधारण पेंट कइल टेबुल आउ कुरसी लगभग समुच्चे जगह छेंक लेलके हल । देवाल सब देखे में अइसन लगऽ हलइ, कि जइसे लकड़ी के तख्ता सब के कील से ठोंक-ठाक के एक दोसरा के जोड़-जाड़ के बनावल हलइ, जेकरा पर के चिपकावल कागज एतना पुराना, धूरी से पट्टल आउ फट्टल-चिट्टल हलइ, कि ओकर रंग (पीयर) कइसूँ पछानल जा सकऽ हलइ, लेकिन ओकरा पर बन्नल बेल-बूटा अब कइसूँ पछानल नयँ जा सकऽ हलइ । देवाल के एक हिस्सा आउ छत छोटगर करके ढालू बनावल हलइ, जइसन कि साधारणतः अटारी में होवऽ हइ, लेकिन ई ढालू हिस्सा के उपरे से एगो ज़ीना (staircase) जा  हलइ । स्विद्रिगाइलोव मोमबत्ती रख देलकइ, बिछौना पर बइठ गेलइ आउ सोचे लगलइ । लेकिन बगल वला पिंजड़ा नियन कमरा में विचित्र आउ अनवरत कानाफूसी, जे कभी-कभी लगभग चिल्लाहट तक पहुँच जा हलइ, आखिरकार ओकर ध्यान आकृष्ट कइलकइ । ई कानाफूसी ओकर प्रवेश कइला के समय से ही नयँ रुकले हल । ऊ ध्यान से सुन्ने लगलइ - कोय तो डाँट रहले हल आउ लगभग रुआँसी अवाज में दोसरा के धिक्कार रहले हल, लेकिन खाली एक्के अवाज सुनाय देब करऽ हलइ । स्विद्रिगाइलोव उठ खड़ी होलइ, मोमबत्ती के हाथ से आड़ कर लेलकइ, आउ देवाल पर तुरतम्मे एगो दरार से रोशनी देखाय देलकइ; ऊ पास में गेलइ आउ देखे लगलइ ।

ऊ कमरा में, जे ओकर वला से जरी बड़गर हलइ, दू गो अदमी हलइ । ओकन्हीं दुन्नु में से एगो, बिन कोट के, सिर में बहुत जादे घुंघराला केश, लाल सुज्जल चेहरा वला अदमी वक्ता के मुद्रा में खड़ी हलइ, आउ अपन दुन्नु टाँग एक दोसरा से दूर फैलइले हलइ, ताकि संतुलन बन्नल रहइ, आउ अपन छाती में हाथ से पीट-पीटके दयनीय रूप से दोसरा के धिक्कार रहले हल, कि ऊ कंगाल हइ आउ ओकर कोय ओहदा नयँ हइ, कि ऊ ओकरा कीचड़ से घसीटके उपरे लइलके हल आउ जखने चाहतइ, तखने ओकरा दूर हाँक दे सकऽ हइ, कि ई सब कुछ खाली एक्के गो सबसे उप्पर वला अँगुरी (अर्थात् भगमान) देखऽ हइ । धिक्कार खाय वला दोस्त एगो कुरसी पर बइठल हलइ आउ देखे में एगो अइसन व्यक्ति जइसन लग रहले हल, जे छिंक्के लगी तो चाहऽ हइ, लेकिन ओकरा अइसन करे में नयँ बन्नऽ हइ । बीच-बीच में ऊ मंदबुद्धि आउ धुंधला नजर से वक्ता दने देख ले हलइ, लेकिन स्पष्टतया ओकरा कुछ समझ में नयँ आवऽ हलइ, कि बात कउन विषय पर हो रहले ह, आउ मोसकिल से कुच्छो सुनवो कइलके हल । टेबुल पर के मोमबत्ती अब लगभग जल चुकले हल, आउ एकरा पर हलइ - वोदका के लगभग खाली सुराही, शराब के गिलास, पावरोटी, गिलास, खीरा आउ बहुत पहिलहीं पीयल जा चुकल चाय के प्याली-प्लेट । ई तस्वीर के ध्यानपूर्वक देखके, स्विद्रिगाइलोव विरक्त होके दरार बिजुन से दूर हट गेलइ आउ फेर से बिछौना पर बइठ गेलइ ।

गुदड़िया के, जे चाय आउ बछड़ा के मांस लेके अइलइ, एक तुरी आउ पुच्छे से नयँ रहल गेलइ - "की आउ कुछ के जरूरत नयँ हइ ?", आउ फेर से नकारात्मक उत्तर सुनके, आखिरकार चल गेलइ । स्विद्रिगाइलोव चाय पर टूट पड़लइ, ताकि ऊ खुद के गरम कर सकइ, आउ एक गिलास पूरा पी गेलइ, लेकिन भूख बिलकुल गायब हो गेला के चलते ऊ एक्को कोर खा नयँ सकलइ । शायद ओकरा बोखार चढ़े लगलइ । ऊ अपन देह पर से कोट, जैकेट उतार लेलकइ, कंबल लपेट लेलकइ आउ बिछौना पर पड़ गेलइ । ऊ झुंझला रहले हल - "अइसन पल में स्वस्थ रहना बेहतर होते हल", ऊ सोचलकइ आउ हलके सन मुसका उठलइ । कमरा में घुटन हलइ, मोमबत्ती के रोशनी धुंधला (dim) हलइ, बहरसी हावा के शोर हलइ, कहीं तो कोना में चूहा खुरच रहले हल, आउ पूरे कमरा में मानूँ चूहा आउ चमड़ा के गन्ह फैलल हलइ । ऊ पड़ल हलइ आउ मानूँ सपना रहले हल - एक के बाद दोसर विचार ओकर दिमाग में आ रहले हल । अइसन लगलइ, कि ओकरा बहुत मन कर रहले हल कि कम से कम कुछ विशेष कल्पना में ओकर ध्यान केंद्रित रहइ । "ई खिड़की के निच्चे शायद कोय बाग होतइ", ऊ सोचलकइ, "पेड़ के सरसराहट के शोर सुनाय देब करऽ हइ; केतना हमरा नफरत होवऽ हइ पेड़ के शोर रात में, आन्ही में आउ अन्हार में - एगो खराब अनुभव !" आउ ओकरा आद पड़लइ, कि कइसे कुछ समय पहिले जब ऊ पित्रोव्स्की पार्क बिजुन से गुजर रहले हल, त ऊ घृणापूर्वक एकरा बारे सोचलके हल । हियाँ परी संयोगवश ओकरा ॒कोव पुल [2] के आउ छोटकी नेवा के भी आद अइलइ, आउ ओकरा फेर से मानूँ ओकरा ठंढक महसूस होलइ, जइसन कि कुछ समय पहिले, जब ऊ पानी के उपरे खड़ी हलइ । "अपन जिनगी में हमरा कभी पानी नयँ पसीन आल, प्राकृतिक दृश्य (landscape) में भी", ऊ फेर से सोचलकइ आउ अचानक फेर से एगो विचित्र विचार पर ओकर चेहरा पर हलका मुसकान उभर अइलइ - "अइसन लगऽ हइ, कि अब ई सब सौन्दर्य आउ सुख-सुविधा के संबंध में सब कुछ बराबर होवे के चाही, लेकिन ठीक अभिए तो हम जरी तुनुकमिजाज हो गेलूँ हँ, ठीक ऊ जानवर नियन, जे अपना लगी पक्का एगो जगह चुन्नऽ हइ ... अइसने हालत में । हमरा पहिले ठीक पित्रोव्स्की बिजुन से ही मुड़ जाय के चाही हल ! शायद अन्हेरा आउ ठंढक लगते हल, हे ! हे ! हमरा तो लगभग मनोहर संवेदना के जरूरत होते हल ! ... अरे हाँ, हम मोमबत्ती काहे नयँ बुता दे हिअइ ? (ऊ ओकरा फूँकके बुता देलकइ ।) "पड़ोसी लोग शायद सुत गेते गेलइ", ऊ दरार से कोय रोशनी नयँ देखला पर ऊ सोचलकइ । "अब तो, मार्फ़ा पित्रोव्ना, अपने के हमरा साथ भेंट करे लगी आवे के चाही, अन्हेरा हइ, आउ जगहवो उचित हइ, आउ बखत भी ठीक हइ । लेकिन वस्तुतः अपने तो ठीक अभिए नयँ अइथिन ..."

ओकरा अचानक कोय कारणवश आद पड़लइ, कि कइसे पहिले, दुनेच्का पर अपन मनसूबा के पूरा करे के प्रयास से एक घंटा पहिले, ऊ रस्कोलनिकोव के ओकरा रज़ुमिख़िन के संरक्षण में सौंप देवे के अनुशंसा (recommend) कइलके हल । "वास्तव में, हम शायद जादे अपन जोश में तखने ई बोल गेलिअइ, जइसन कि रस्कोलनिकोव अंदाज लगा लेलके हल । लेकिन कइसन दुष्ट हइ ई रस्कोलनिकोव ! अपने ऊपर बहुत कुछ घसीटके लेलके ह । समय के साथ ऊ बड़गो दुष्ट बन सकऽ हइ, जब ओकरा से बकवास निकसतइ, लेकिन अभी तो ओकरा बहुत जीए के मन करऽ हइ ! ई बिंदु के संबंध में ई लोग - दुष्ट होवऽ हइ । खैर, ऊ भाड़ में जाय, जइसन ओकर मर्जी, हमरा एकरा से की ?"

ओकरा अभियो नीन नयँ आ रहले हल । धीरे-धीरे दुनेच्का के हाल के प्रतिमा ओकरा सामने प्रत्यक्ष होवे लगलइ, आउ अचानक ओकर पूरे शरीर में सिहरन के लहर दौड़ गेलइ । "नयँ, अब हमरा ई सब के खियाल छोड़ देवे के चाही", खुद के सँभारते ऊ सोचलकइ, "कुछ आउ चीज के बारे सोचे के चाही । विचित्र आउ हास्यास्पद - हमरा कभियो केकरो लगी कोय जादे घृणा नयँ हलइ, कभियो केकरो से बदला लेवे के भी हम नयँ इच्छा कइलिअइ, आउ वस्तुतः ई बुरा संकेत हइ, बुरा संकेत ! हम विवादो करे लगी नयँ पसीन कइलिअइ आउ न कभी गोस्सा से भड़क उठलिअइ - एहो बुरा संकेत हइ ! आउ हम ओकरा लगी आझ केतना वादा कइलिअइ - उफ ! हे भगमान ! आउ वस्तुतः, शायद, हमरा कइसूँ ऊ पीसिए देते हल ..."

ऊ फेर से चुप हो गेलइ आउ दाँत भींच लेलकइ - फेर से दुनेच्का के प्रतिमा ओकरा सामने हू-ब-हू उभर अइलइ, जइसन कि ऊ हलइ, जब पहिला तुरी गोली चलइला पर, भयंकर रूप से डर गेले हल, रिवॉल्वर निच्चे कर लेलके हल, आउ मरल नियन ओकरा तरफ देखे लगले हल, अइसे कि ऊ ओकरा दू तुरी पकड़े में सफल हो जइते हल, आउ ऊ अपन रक्षा में अपन हाथो नयँ उठा पइते हल, अगर ऊ खुद ओकरा आद नयँ देलइते हल । ओकरा आद पड़लइ, कि कइसे ओकरा ऊ क्षण दुन्या पर तरस आ गेले हल, मानूँ ओकर दिल ओकरा दबा रहले हल ... "ओह ! लानत हइ ! फेर से अइसन विचार, ई सब के दिमाग से दूर फेंक देवे के चाही, निकास देवे के चाही ! ..."

ओकरा अब नीन आ रहले हल; बोखार के कँपकँपी कम हो रहले हल; अचानक जइसे कंबल के अन्दर ओकर बाँह आउ गोड़ पर से होके कुछ तो दौड़ रहले हल । ऊ चौंक गेलइ - "उफ, लानत हइ, कहीं ई चूहा तो नयँ हइ!" ऊ सोचलकइ, "हम तो मांस टेबुल पर छोड़ देलिए हल ... ।" ओकरा उघार होवे, बिछौना पर से उट्ठे, आउ ठंढक से ठिठुरे के बिलकुल मन नयँ हलइ, लेकिन अचानक फेर से कुछ तो ओकर गोड़ पर से होके दौड़लइ; ऊ कंबल के अपन देह पर से उतार देलकइ आउ मोमबत्ती जलइलकइ । बोखार के ठिठुरन से कँपते ऊ झुकके बिछौना के जाँचे लगलइ - कुछ नयँ हलइ; ऊ कंबल के झड़लकइ, आउ अचानक एगो चूहा उछलके बेडशीट (पलंग के चादर) पर गिरलइ । ऊ ओकरा पकड़े खातिर टूट पड़लइ; लेकिन चूहा बिछौना पर से भागलइ नयँ, बल्कि चकमा देके एन्ने से ओन्ने टेढ़ा-मेढ़ा चारो तरफ दौड़ते रहलइ, ओकर अँगुरियन के बीच से फिसल-फिसलके भाग जाय, ओकर हथवा पर से होके भाग जाय आउ अचानक तकिया के अंदर घुस गेलइ; ऊ तकिया के फेंक देलकइ, लेकिन एक्के क्षण में ऊ महसूस कइलकइ, कि कुछ तो उछलके ओकर छाती पर चढ़ गेलइ आउ ओकर देह पर चल रहले ह, आउ अब कमीज के अंदर पीठ पर पहुँच गेलइ । ऊ विकल होके कँप्पे लगलइ आउ ओकर आँख खुल गेलइ । कमरा में अन्हेरा हलइ, ऊ पहिलहीं जइसे कंबल लपेटले बिछौना पर पड़ल हलइ, खिड़की के निच्चे साँय-साँय हावा चल रहले हल । "केतना बीभत्स (disgusting) हइ !" ऊ झुंझलाके सोचलकइ ।

ऊ उठ गेलइ आउ बिछौना के किनारे पर खिड़की दने पीठ करके बइठ गेलइ । "बेहतर एहे हइ कि बिलकुल सुत्तल नयँ जाय", ऊ फैसला कइलकइ । लेकिन खिड़की से ठंढा आउ नम हावा आ रहले हल; जगह से बिन उठले, ऊ कंबल अपने ऊपर घिंचलकइ आउ ओकरा से खुद के लपेट लेलकइ । मोमबत्ती ऊ नयँ जललइलकइ । ऊ कोय चीज के बारे नयँ सोच रहले हल, आउ सोचहूँ लगी नयँ चाहऽ हलइ; लेकिन दिवास्वप्न एक के बाद दोसरा उठते रहलइ, विचार के बिखरल टुकड़ा, बिन कोय आदि आउ अंत के, आउ बिन कोय आपसी संबंध के । मानूँ ऊ आधा नीन में हलइ । चाहे ठंढक होवइ, चाहे अन्हेरा, चाहे नमी, चाहे खिड़की के निच्चे साँय-साँय चल रहल आउ पेड़वन के झंझोड़ रहल हावा, ओकरा में कोय तरह के निरंतर कल्पनातीत झुकाव आउ लालसा पैदा कर रहले हल - लेकिन ओकरा सगरो खाली फूल देखाय देवे लगलइ । ओकर कल्पना में मनोरम प्राकृतिक दृश्य  (landscape) अइलइ; उज्ज्वल, गरम, लगभग झरक वला दिन, त्योहार के दिवस - ट्रिनिटी दिवस [4] । एगो शानदार, राजसी ग्रामीण अंगरेजी शैली के बँगला, क्यारी में पूरा सुगंधित फूल, पूरे घर के चारो दने समूह में लगावल; ड्योढ़ी, लत्तर से लपटल, गुलाब के क्यारी से भरल; रोशनीदार आउ ठंढा ज़ीना, शानदार दरी बिच्छल, चीनी जार में विरल फूल से सजावल । ऊ विशेष करके नोटिस कइलकइ, कि खिड़की के तल पर पानी से भरल जार में, उज्जर आउ कोमल नरगिस के गुलदस्ता हइ, जे अपन तेज सुगंध सहित गहरा हरियर रंग के मोटगर-मोटगर आउ लमगर डंठल से झुक्कल हइ । ऊ सब से दूर जाय के ओकर मन नयँ कर रहले हल, लेकिन ऊ ज़ीना से चढ़के उपरे गेलइ आउ एगो बड़गर आउ उँचगर छत वला कमरा में घुसलइ, आउ फेर से हियों सगरो, खिड़की भिर, बाल्कोनी में खुल्ले वला दरवजवन भिर, आउ बाल्कोनी में भी, सगरो फूले-फूल हलइ । फर्श ताजा कट्टल सुगंधित घास से आच्छादित हलइ, खिड़कियन सब खुल्लल हलइ, ताजा हलका शीतल हावा कमरा में आ रहले हल, खिड़की के निच्चे चिरईं चहचहाब करऽ हलइ, आउ कमरा के बीचो-बीच उज्जर साटन कपड़ा के चादर से ढँक्कल टेबुल पर एगो ताबूत (शवपेटी) रक्खल हलइ । ई ताबूत उज्जर ग्रो-द-नाप्ल (gros de Naples) रेशमी कपड़ा से ढँक्कल हलइ आउ जेकर किनारे-किनारे चारो तरफ उज्जर मोटगर झालर टांकल हलइ । सब्भे बगली से फूल के माला से ओकरा (ताबूत के) लपेटल हलइ । पूरा फूल से लद्दल ओकरा में एगो लड़की पड़ल हलइ, उज्जर मलमल के पोशाक में, हाथ एक दोसरा पर मोड़के सीना पर दाबल हलइ, आउ अइसन लगऽ हलइ, मानूँ संगमरमर से तराशल होवे । लेकिन ओकर खुल्लल, हलका सुनहरा रंग के केश गीला हलइ; ओकर सिर पर गुलाब के एगो माला लपेटल हलइ । ओकर चेहरा के कठोर आउ अकड़ चुकल पार्श्व मुद्रा (profile) भी संगमरमर से तराशल प्रतीत होवऽ हलइ, लेकिन ओकर पीयर होंठ पर के मुसकान में एक प्रकार के बिन बाल-सुलभ, असीम शोक आउ बड़गर शिकायत भरल हलइ । स्विद्रिगाइलोव ई लड़की के जानऽ हलइ; कोय प्रतिमा (icons), कोय जलावल मोमबत्ती ई ताबूत भिर नयँ हलइ, आउ कोय प्रार्थना सुनाय नयँ देब कर हलइ। ई लड़की आत्महत्या कर लेलके हल - पानी में डूबके । [5] ऊ अभी खाली चौदहे साल के हलइ, लेकिन ओकर दिल टूट चुकले हल, आउ ऊ खुद के नष्ट कर लेलके हल, अइसन दुर्व्यवहार से अपमानित होके, जेकरा से ई नवयुवती के भोला मन आतंकित आउ विस्मित हो गेले हल, ओकर फरिश्ता नियन निष्कलंक आत्मा अनुचित (undeserved) ग्लानि से डूब गेले हल, आउ निराशा में ओकर अंतिम चीत्कार निकस गेले हल, अनसुन्नल आउ निर्लज्जता से बलात्कार के शिकार होल - करिया रात में, अन्हरिया में, ठंढक में, जब बहरसी बरफ पिघल रहले हल, जब हावा साँय-साँय चल रहले हल ...

स्विद्रिगाइलोव के आँख खुल गेलइ, बिछौना पर से उठलइ आउ खिड़की दने कदम बढ़इलकइ । ऊ टटोलके सिटकिनी ढुँढ़लकइ आउ खिड़की खोल लेलकइ । हावा के झोंका प्रचंड रूप से ओकर तंग कमरा में घुसलइ आउ ओकर चेहरा पर आउ खाली एगो कमीज से ढँक्कल छाती पर पाला नियन चिपक गेलइ । खिड़की के निच्चे, शायद, वास्तव में कोय तरह के बाग हलइ, आउ लगऽ हइ, एहो मनोरंजन बाग हलइ; शायद दिन में हियों गायक मंडली गावऽ होतइ आउ छोटकुन्ना टेबुल सब पर चाय परसल जा होतइ । अभी तो खिड़की में से होके पेड़ आउ झाड़ी से बारिश के बून उड़के आब करऽ हलइ, अन्हेरा हलइ, जइसन कि तहखाना में, एतना कि कोय चीज के  मोसकिल से खाली कार-कार रूपरेखा पछानल जा सकऽ हलइ । स्विद्रिगाइलोव झुकके आउ अपन केहुनी के खिड़की के तल पर अटकाके कोय पाँच मिनट तक अन्हेरा में एकटक देखते रहलइ । अन्हेरा आउ रात के बीच तोप चल्ले के अवाज सुनाय पड़लइ, आउ एकर बाद एगो आउ । "आह, खतरा के संकेत ! पानी चढ़ रहले ह !" [6] ऊ सोचलकइ, "सबेरे तक अहिल-दहिल कर देतइ, हुआँ, जाहाँ जगह निचगर हइ, रोड पर, तहखाना आउ तलघर में पानी भर जइतइ, तहखाना के चूहा सब मरके दहला जइतइ, आउ बारिश आउ हावा में, गरिअइते आउ भिंगल-भांगल लोग, अपन सर-समान उपरौका मंजिला पर हटावे लगतइ ... आउ अभी टैम केतना होले ह ?" आउ जइसीं ऊ ई सोचलकइ, ओइसीं कहीं तो पास में, टिक्-टिक् करते आउ मानूँ यथासंभव जल्दीबाजी करते देवाल घड़ी तीन के घंटा बजइलकइ । "आहा, एक घंटा के बाद अब तो उजाला होवे लगतइ ! त इंतजार कउन बात के ? अभिए निकस जाम, सीधे पित्रोव्स्की (पार्क) चल जाम - हुआँ परी कहीं एगो बड़गर झाड़ी चुन लेम, जे बारिश के पानी से पूरा सराबोर होल रहइ, ताकि कन्हा से छूवो नयँ करिअइ, कि लाखों बून पूरे सिर पर बरस पड़इ ... ।" ऊ खिड़की भिर से हट गेलइ, एकरा बन कर लेलकइ, मोमबत्ती जलइलकइ, वास्कट आउ ओवरकोट पेन्हलकइ, हैट लगइलकइ आउ मोमबत्ती लेके गलियारा में निकसलइ, ताकि ऊ कहीं परी कूड़ा-कचरा आउ जल्लल मोमबत्ती के टुकड़वन के बीच कोय तंग कमरा में सुत्तल गुदड़िया के खोज लेय, ओकरा कमरा के किराया चुका देय आउ होटल से निकस जाय । "सबसे अच्छा क्षण हके, एकरा से अच्छा आउ कोय चुन्नल नयँ जा सकऽ हइ !"

ऊ देर तक पूरे लमगर आउ सकेत गलियारा पर चलते रहलइ, लेकिन कोय नयँ मिललइ, आउ ऊ जोर से चिल्लाहीं जा रहले हल, कि अचानक एगो अन्हार कोना में, पुरनका अनवारी आउ दरवाजा के बीच, कोय विचित्र चीज पर ओकर नजर गेलइ, जे कुछ तो जीवित प्राणी नियन लगलइ । ऊ मोमबत्ती के साथ निच्चे झुकलइ आउ ओकरा एगो बुतरू देखाय देलकइ - लगभग पाँच साल के लड़की, जादे के नयँ, जे कँप आउ सिसक रहले हल, आउ एगो अइसन छोटगर पोशाक में हलइ, जे फर्श साफ करे के पोंछनी नियन गीला हलइ । ऊ स्विद्रिगाइलोव से डरल नयँ प्रतीत होलइ, बल्कि ओकरा तरफ थोड़े अचरज से अपन बड़गर कार अँखिया से देख रहले हल, आउ बीच-बीच में सिसक रहले हल, जइसे कि ओइसन बुतरुअन करऽ हइ, जे देर तक कनते रहले हल, लेकिन जे अब कन्ने लगी बन कर देलके ह आउ तसल्ली महसूस करऽ हइ, लेकिन तइयो, नयँ-नयँ, आउ अचानक फेर से सिसक पड़ऽ हइ । लड़किया के चेहरा पीयर आउ मुरझाल हलइ; ऊ ठंढक से अकड़ गेले हल, लेकिन "ऊ हियाँ पहुँचलइ कइसे ? लगऽ हइ, ऊ हियाँ नुक्कल हलइ आउ रातो भर सुतलइ नयँ ।" ऊ ओकरा से पूछताछ करे लगलइ । लड़किया में अचानक जइसे जान आ गेलइ आउ तेजी-तेजी से अपन बुतरू के भाषा में बड़बड़इलइ । हियाँ बात कुछ ओकर "मइया" के बारे हलइ आउ, कि "मइया मालत", कोय प्याली के बारे, जेकरा ऊ "तोल देलके हल" । लड़किया धाराप्रवाह बोलते जा रहले हल; ई सब बात से कइसूँ अंदाज लगावल जा सकऽ हलइ, कि ई नापसंद (उपेक्षित) बुतरू हलइ, जेकर मइया हमेशे नशा में चूर, शायद एहे होटल में खाना बनावे के काम करऽ हलइ, आउ ओकरा हमेशे पीटते आउ डेरइते रहऽ हलइ; कि लड़किया मइया के प्याली तोड़ देलके हल आउ से-से ऊ एतना डर गेले हल, कि सँझिए से भागल हलइ; शायद देर तक आँगन में कहीं परी दुबकल रहलइ, बारिश में, आखिरकार रेंगके हियाँ तक आ गेले हल, आउ अनवारी के पीछू नुक्कल रहलइ आउ रातो भर हियाँ कोना में बइठल रहलइ, कनते; नमी, अन्हेरा आउ भय के कारण कँपते; कि ई सब के कारण ओकरा बहुत मार मारल जइतइ । ऊ ओकरा अपन बाँह में उठा लेलकइ, अपन कमरा में गेलइ, बिछौना पर बइठइलकइ, आउ ओकर कपड़ा उतारे लगलइ । फटलका जुत्ती जे ओकर नंगे पाँव (अर्थात् पेतावा रहित पाँव) में एतना भिंगल हलइ, कि जइसे सारी रात पानी के गड्ढा में पड़ल हलइ । भिंगल कपड़ा उतारके ओकरा बिछौना पर पाड़ देलकइ, आउ कंबल से ओकरा ढँकके सिर सहित पूरा देह के लपेट देलकइ । ओकरा तुरतम्मे नीन आ गेलइ । ई सब कुछ खतम कर लेला के बाद, ऊ फेर से अपन उदास विचार में डूब गेलइ । "हम ई कइसन पचड़ा में खुद के फँसा लेलूँ !" ऊ अचानक भारी आउ द्वेषपूर्ण अनुभूति के साथ निर्णय कइलकइ । "कइसन बकवास हइ !" झुंझलाहट में ऊ मोमबत्ती लेलकइ, ताकि जाके कइसूँ ऊ गुदड़िया के ढूँढ़ निकासइ आउ जल्दी से जल्दी हियाँ से चल जाय । "अरे, ई लड़किया के की होतइ !" दरवाजा खोलते बखत ऊ अभिशाप के साथ सोचलकइ, लेकिन एक तुरी लड़किया के देखे लगी वापिस अइलइ, कि ऊ सुत्तल हइ कि नयँ, चाहे ऊ कइसे सुत्तल हइ । ऊ सवधानी से कंबल उठइलकइ । लड़की गहरा नीन में आउ चैन से सो रहले हल । ओकर देह कंबल के अंदर गरमा गेले हल, आउ ओकर पीयर गाल पर लाली आ चुकले हल । लेकिन विचित्र बात हलइ - ई रंग, आम तौर पर बुतरू के लाली के अपेक्षा, मानूँ कुछ जादहीं चमकदार आउ गहरा लग रहले हल । "ई बोखार के तमतमाहट हइ", स्विद्रिगाइलोव सोचलकइ; ई लाली बिलकुल शराब के चलते नियन हलइ, जइसे ओकरा पूरे एक गिलास पीए लगी देल गेले हल । ओकर गहरा लाल (crimson) होंठ जइसे जल रहले ह, तप रहले ह; लेकिन ई कीऽ ? ओकरा अचानक लगलइ, कि ऊ लमगर कार पिपनी मानूँ मिचका रहले ह आउ मटकी मार रहले ह, मानूँ ऊ खुल रहले ह, आउ जइसे ओकर छोटगर-छोटगर चंचल तेज आँख अइसन अंदाज से आँख मार रहले ह, जे एक प्रकार के बुतरू वला अंदाज नयँ हइ, जइसे लड़की सुत्तल नयँ हइ आउ खाली सुत्ते के ढोंग कर रहले ह । हाँ, एहे बात हइ - ओकर होंठ फैलके मुसकान में बदल रहले ह; होंठ के कोना फड़क रहले ह, मानूँ ऊ अपना के अभियो नियंत्रित कर रहल होवे । लेकिन अइकी अब तो बिलकुल अपन नियंत्रण खो देलके ह; ई तो अब हँसी हइ, स्पष्ट हँसी; ई चेहरा में, जे बिलकुल बाल-सुलभ चेहरा नयँ हइ, कुछ तो निर्लज्ज, उसकावे वला चमक हइ; ई वासना हलइ, ई चेहरा एगो वेश्या के हलइ, एगो फ्रेंच शैली के बिकाऊ औरत के निर्लज्ज चेहरा । अब बिन बिलकुल छिपइले, दुन्नु आँख खुल जा हइ - ऊ ओकरा पर दहकते आउ निर्लज्ज नजर डालऽ हइ, ऊ ओकरा आमंत्रित करऽ हइ, हँस्सऽ हइ ... कुछ तो असीम घिनौना आउ अपमानजनक हलइ ई हँस्सी में, ई आँख में, एगो बुतरू के चेहरा में ई सब नीच हरक्कत में । "की ! एगो पाँच साल के लड़की ! ..." स्विद्रिगाइलोव वास्तविक भय से फुसफुसइलइ, "ई ... ई की हइ ?" लेकिन अब ऊ अपन पूरा दहकते चेहरा ओकरा दने बिलकुल मोड़ ले हइ, अपन बाँह फैलावऽ हइ ... "ए, अभिशप्त लड़की !" स्विद्रिगाइलोव भय से चिल्ला उठलइ, (मारे लगी) ओकरा पर हाथ उठइते ... लेकिन तखनिएँ ओकर आँख खुल गेलइ ।

ऊ ओहे बिछौना पर हइ, ओइसीं कंबल ओढ़ले; मोमबत्ती प्रज्वलित नयँ हइ, खिड़की में से दिन के रोशनी आ रहले ह ।

"रात भर भयानक सपना !" ऊ झुंझलइते उठलइ, अइसन महसूस करते कि ऊ पूरा तरह से टूट चुकले ह; ओकर हड्डी सब में दरद हो रहले हल । बहरसी बहुत घना कुहासा छाल हइ आउ कुच्छो देख पाना असंभव हइ । लगभग पाँच बज रहले ह; जरूरत से जादहीं सो गेले हल ! ऊ उठलइ आउ अपन जैकेट आउ ओवरकोट पेन्ह लेलकइ, जे अभियो ओद्दा हलइ । जेभी में टटोलके रिवॉल्वर निकसलकइ आउ गोली दागे के टोपी (cap) ठीक कइलकइ; फेर बइठ गेलइ, जेभी से एगो नोटबुक निकसलकइ, आउ मुख्य आउ सबसे स्पष्ट पृष्ठ पर बड़गर अक्षर में कुछ पंक्ति लिखलकइ । ओकरा पढ़ला के बाद, टेबुल पर केहुनी टेकके ऊ सोचे लगलइ । रिवॉल्वर आउ नोटबुक ओज्जे केहुनी भिर पड़ल हलइ । जग्गल मक्खी सब के झुंड अभी तक टेबुल पर रक्खल बच्चल मांस पर मँड़रा रहले हल । ऊ देर तक ओकरा देखते रहलइ, आउ आखिरकार, अपन खाली दहिना हाथ से एगो मक्खी के पकड़े लगलइ । देर तक ऊ प्रयास करते-करते थक गेलइ, लेकिन ऊ कइसूँ नयँ पकड़ पइलकइ । आखिरकार, ऊ खुद के ई रोचक काम में व्यस्त पाके होश में अइलइ, चौंक पड़लइ, उठलइ आउ दृढ़संकल्प के साथ कमरा से चल पड़लइ । एक मिनट के बाद ऊ सड़क पर हलइ ।

शहर पर घना दुधिया कुहासा छाल हलइ । स्विद्रिगाइलोव पिच्छुल, गंदा, लकड़ी के रोड से होके छोटकी नेवा नद्दी के दिशा में चलल जाब करऽ हलइ । ओकरा  कल्पना में देखाय दे रहले हल - रात भर में छोटकी नेवा के उँचगर उट्ठल पानी, पित्रोव्स्की द्वीप, भिंगल रस्ता, भिंगल घास, भिंगल पेड़ आउ झाड़ी, आउ आखिरकार, बिलकुल ओहे झाड़ी ... झुंझलाहट में ऊ घरवन दने तक्के लगलइ, ताकि कुछ दोसरा चीज के बारे सोच सकइ । राजपथ पर कोय राहगीर नयँ, कोय घोड़ागाड़ी नयँ भेंटलइ । बन झिलमिली (shutters) के साथ चटकीला पीयर रंग के लकड़ी के घर सब उदास आउ गंदा देखाय दे रहले हल । ठंढक आउ नमी ओकर पूरे शरीर में समाल जा रहले हल, आउ ऊ कँप्पे लगले हल । बीच-बीच में ओकरा दोकान आउ तरकारी के साइनबोर्ड पर नजर पड़ जा हलइ आउ ऊ हरेक के ध्यान से पढ़ ले हलइ । बस अब लकड़ी के रोड खतम हो चुकले हल । ऊ एगो बड़गर पत्थल के घर के पास पहुँच चुकले हल । एगो गंदा, छोटगर कुत्ता, टाँग के बीच अपन पुच्छी दबइले, ठंढक से ठिठुरते, ओकर रस्ता काटते दौड़ल चल गेलइ । कोय तो नशा में बेहोश, ओवरकोट में, चेहरा निच्चे कइले, फुटपाथ के आरपार पड़ल हलइ । ऊ ओकरा पर एक नजर डललकइ आउ आगू बढ़ गेलइ । बामा तरफ ओकरा एगो उँचगर आवेक्षण मीनार (watch-tower)  झलकलइ । "अरे !" ऊ सोचलकइ, "ई तो उचित जगह हइ, पित्रोव्स्की जाय के की जरूरत हइ ? कम से कम एगो सरकारी गोवाह के उपस्थिति में ... ।" ऊ ई नयका विचार पर लगभग मने-मन हँस पड़लइ आउ -स्काया रोड [7] में मुड़ गेलइ । हिएँ परी आवेक्षण मीनार वला एगो बड़गो बिल्डिंग हलइ । ई बिल्डिंग के बन (बंद) बड़गो फाटक पर, ओकरा से अपन कन्हा के झुकाके अटकइले, एगो नटगर अदमी, भूरा रंग के सैनिक ओवरकोट के कसके लपेटले आउ सिर पर पीतल के अख़िलेस टोप (Achilles helmet) [8] लगइले, खड़ी हलइ । अलसाल आँख से, ऊ नजीक आ रहल स्विद्रिगाइलोव पर रुखाई से तिरछा नजर डललकइ । ओकर चेहरा पर चिड़चिड़ा शोक के ओहे शाश्वत भाव हलइ, जे बिन कोय अपवाद के यहूदी नस्ल के हरेक अदमी के चेहरा पर बड़ी कटुता से अंकित रहऽ हइ । ओकन्हीं दुन्नु, स्विद्रिगाइलोव आउ अख़िलेस, कुछ देर तक चुपचाप एक दोसरा के घूरते रहलइ । अख़िलेस के आखिरकार बहुत अजीब लगलइ, कि एगो अइसन अदमी, जे पीयल नयँ हइ, लेकिन ओकरा सामने तीन कदम पर खड़ी हइ, एकटक देखब करऽ हइ आउ कुछ नयँ बोलऽ हइ ।

"अजी, तोहरा हियाँ की चाही ?" ऊ बोललइ, बिन हिलले-डुलले आउ बिन अपन मुद्रा बदलले ।
"कुछ नयँ, भाय, सलाम !" स्विद्रिगाइलोव जवाब देलकइ ।
"ई जगह नयँ ।"
"हम, भाय, विदेश जा रहलियो ह ।"
"विदेश ?"
"अमेरिका ।"
"अमेरिका ?"

स्विद्रिगाइलोव रिवॉल्वर निकसलकइ आउ घोड़ा चढ़इलकइ । अख़िलेस अपन भौं तान लेलकइ ।
"अजी, ई की हइ ? अइसन मजाक लगी ई जगह नयँ !"
"लेकिन ई जगह काहे नयँ ?"
"काहे से कि, ई जगह नयँ ।"
"अरे, भाय, एकरा से की फरक पड़ऽ हइ । जगह तो निम्मन हइ; अगर कोय तोहरा पुछतो, त बता दिहो, कि अमेरिका चल गेलइ, बोलके ।"

ऊ रिवॉल्वर अपन दहिना कनपट्टी पर रखलकइ ।
"अरे, अरे, हियाँ अइसन काम नयँ करे के, ई जगह नयँ !" अख़िलेस चौंक पड़लइ, ओकर धड़कन बढ़ गेलइ, आउ ओकर आँख के पुतली बड़गर आउ बड़गर होते चल गेलइ ।

स्विद्रिगाइलोव रिवॉल्वर के घोड़ा दाब लेलकइ ।




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