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Thursday, December 29, 2016

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; पात्र आउ वेशभूषा



निकोलाय वसील्येविच गोगल (1809-1852)
इंस्पेक्टर
दर्पण के दोष देवे के नयँ चाही, अगर मुँहें टेढ़ होवे ।
    --- लोकोक्ति ।

प्रहसन - पाँच अंक में
पात्र
अन्तोन अन्तोनोविच स्क्वोज़निक-द्मुख़ानोव्स्की - मेयर
आन्ना अन्द्रेयेव्ना - उनकर पत्नी
मारिया अन्तोनोव्ना - उनकर बेटी
लूका लूकिच ख़्लोपोव - स्कूल इंस्पेक्टर
उनकर पत्नी
आम्मोस फ़्योदोरोविच ल्यापकिन-त्यापकिन – जज
अरतेमी फ़िलिप्पोविच ज़िमल्यानिका - अनुदान संस्था के न्यासी (ट्रस्टी)
इवान कुज़मिच श्पेकिन - पोस्टमास्टर
प्योत्र इवानोविच दोबचिन्स्की - स्थानीय जमींदार
प्योत्र इवानोविच बोबचिन्स्की - स्थानीय जमींदार
इवान अलिक्सांद्रोविच ख़्लिस्ताकोव - पितिरबुर्ग के क्लर्क
ओसिप - ओकर नौकर
ख़्रिस्तियान इवानोविच गिबनेर - जिला डाक्टर
फ़्योदोर इवानोविच ल्युल्युकोव - अवकाशप्राप्त सरकारी अफसर, शहर के एगो सम्मानित व्यक्ति
इवान लज़ारेविच रस्ताकोव्स्की - अवकाशप्राप्त सरकारी अफसर, शहर के एगो सम्मानित व्यक्ति
स्तेपान इवानोविच कोरोबकिन - अवकाशप्राप्त सरकारी अफसर, शहर के एगो सम्मानित व्यक्ति
स्तेपान इल्यिच उख़ोवेरतोव - पुलिस चीफ़
स्विस्तुनोव - पुलिस के सिपाही
पुगोवित्सिन - पुलिस के सिपाही
देर्झिमोर्दा - पुलिस के सिपाही
अब्दुलिन - व्यापारी
फ़ेवरोन्या पित्रोव्ना पोशल्योपकिना - तालासाज के घरवली
सर्जेंट के विधवा
मिश्का - मेयर के नौकर
होटल के बैरा
पुरुष एवं महिला अतिथि, व्यापारी, मध्यवर्गीय लोग, याचिकाकर्ता

पात्र आउ वेशभूषा

अभिनेता सब लगी दिशानिर्देश

मेयर - दीर्घकाल तक सरकारी सेवा में कार्य कइल आउ अपने आप में एगो बहुत समझदार व्यक्ति । हलाँकि घूसखोर हका, लेकिन गरिमा के साथ व्यवहार करऽ हका । काफी गंभीर; कुछ तर्कवादी भी; न तो जोर से, न शांति से, न तो बहुत जादे, न बहुत कम बात करऽ हका । उनकर हरेक शब्द सार्थक होवऽ हइ । उनकर चेहरा-मोहरा रूक्ष आउ दृढ़ हइ, जइसन कि ऊ हरेक व्यक्ति के साथ होवऽ हइ, जे सबसे निचला ओहदा से सरकारी सेवा शुरू करऽ हइ । भय से खुशी में, अशिष्टता से अहंकार में तीव्र परिवर्तन, जइसन कि आत्मा के रूक्षतापूर्वक विकसित प्रवृत्ति वला व्यक्ति के साथ होवऽ हइ ।  साधारणतः अपन वरदी में कालर पट्टी आउ एड़ीदार उँचगर बूट में सज्जल । केश काटके छोटगर कइल आउ बीच-बीच में सफेद ।

आन्ना अंद्रेयेव्ना - उनकर पत्नी, एगो प्रांतीय नखरेबाज, अभियो बिलकुल वइसगर नयँ; आंशिक रूप से उपन्यास आउ अलबम [1] पर, आउ आंशिक रूप से भंडारघर आउ नौकर-चाकर के घर चलावे पर पालित-पोषित । बहुत उत्सुक आउ अवसर अइला पर अहंकार प्रदर्शन के प्रवृत्ति वली । कभी-कभी अपन पति पर हुकुम चलावे वली, खाली ई चलते कि ओकरा लगी उनका पास त्वरित उत्तर नयँ रहऽ हइ; लेकिन ई हुकुम खाली छोटगर-छोटगर बात पर चल्लऽ हइ, आउ खाली झिड़की आउ मजाक तक निहित होवऽ हइ । नाटक के दौरान चार तुरी विभिन्न तरह के पोशाक बदलऽ हइ ।

ख़्लिस्ताकोव - लगभग 23 बरस के नवयुवक, दुब्बर-पातर; जरी अविवेकी, आउ जइसन कि कहल जा हइ, मस्तिष्क में बेगर सम्राट् के (अर्थात् अधकपारी) - ओइसन लोग में से एक, जेकन्हीं के दफ्तर में खाली दिमाग वला कहल जा हइ । बिन कुछ सोचले-समझले बोले आउ करे वला । कोय विचार पर लगातार ध्यान केंद्रित करे में अक्षम । ओकर बोली प्रवाहरहित होवऽ हइ, आउ मुँह से शब्द अप्रत्याशित ढंग से निकस जा हइ । ई पात्र जेतने जादे सरलहृदयता आउ सीधापन देखइतइ, ओतने जादे निम्मन ओकर भूमिका अदा होतइ । फैशनदार पोशाक में सज्जित ।

ओसिप - एगो अइसन नौकर, जइसन साधारणतः कुछ वइसगर उमर के नौकर होवऽ हइ । गंभीर बात करऽ हइ, जरी निच्चे नजर करके देखऽ हइ, तर्कवादी, अपन मालिक के संबोधित करके अपने आप के उपदेश देना पसीन करऽ हइ । ओकर स्वर हमेशे लगभग समतल रहऽ हइ, मालिक के साथ बातचीत में ई कठोर, प्रवाहरहित, आउ जरी रूक्ष अभिव्यक्ति के रूप धारण कर ले हइ । ऊ अपन मालिक से अधिक बुद्धिमान हइ आउ ओहे से जल्दीए बात के पकड़ ले हइ, लेकिन बहुत जादे बोलना पसीन नयँ करऽ हइ आउ एगो शांत धूर्त हइ । ओकर पहनावा - धूसर चाहे नीला रंग के फट्टल-चिट्टल फ्रॉक-कोट ।

बोबचिन्स्की आउ दोबचिन्स्की - दुन्नु नटघूरन, बहुत उत्सुक; आश्चर्यजनक रूप से एक दोसरा से मिलता-जुलता; दुन्नु के तोंद जरी निकसल; दुन्नु सड़ासड़ बोले वला आउ अत्यधिक इशारा आउ हाथ से काम लेवे वला। दोबचिन्स्की बोबचिन्स्की के अपेक्षा जरी उँचगर आउ अधिक गंभीर हइ, लेकिन बोबचिन्स्की अधिक निस्संकोची आउ फुरतीला हइ ।

ल्यापकिन-त्यापकिन - जज, पाँच-छो पुस्तक पढ़ल व्यक्ति आउ ओहे से कुछ स्वतंत्र विचारक । बड़गो अटकलबाजी के शौकीन, आउ ओहे से अपन हरेक शब्द पर जोर देवे वला । एकर भूमिका अदा करे वला अभिनेता के हमेशे अपन चेहरा पर सार्थक मुद्रा बनइले रक्खे के चाही । हरेक स्वर (vowel) के जरी लम्मा करते, घरघराहट आउ फूँक मारे नियन मंद्र स्वर (bass voice) में बोलऽ हइ - जइसन कि पुरनकन घड़ी, जे पहिले चरचर अवाज करऽ हइ, आउ फेर घंटा बजावऽ हइ ।

ज़िमल्यानिका - अनुदान संस्था के न्यासी, बहुत मोटा, सुस्त आउ फूहड़ व्यक्ति, लेकिन ई सब के बावजूद बदमाश आउ धूर्त । बहुत सेवापरायण आउ अधीर ।

पोस्टमास्टर - नादानी के हद तक सरलहृदय व्यक्ति ।

अन्य भूमिका में विशेष स्पष्टीकरण के आवश्यकता नयँ । ओकन्हीं के असल नमूना लगभग हमेशे आँख के सामने देखाय दे हइ ।

अभिनेता महोदय लोग के अंतिम दृश्य पर विशेष ध्यान देवे के चाही । अंतिम उच्चारित शब्द, बिजली के धक्का नियन, सब कोय के समवेत स्वर में आउ अचानक निकसे के चाही । पूरे दल के, एक पलक मारते, स्थिति के परिवर्तित करे के चाही । सब स्त्री पात्र द्वारा आश्चर्य के स्वर, बिलकुल समवेत स्वर में निकसे के चाही, मानूँ  एक्के गला से निकस रहल होवे । ई सब दिशानिर्देश के उपेक्षा, पूरे प्रभाव के नष्ट कर दे सकऽ हइ ।



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