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Saturday, December 16, 2017

2.21 रूसी कहानी "ताबूतसाज"

ताबूतसाज
मूल रूसी शीर्षकः Гробовщик (ग्रबव्श्शीक) ; कहानीकार - पुश्किन ;    मगही अनुवाद - नारायण प्रसाद
की नयँ देखते जा हिअइ हमन्हीं रोज दिन ताबूत,
पक्कल बाल जीर्ण होते विश्व के ?
          --- देर्झाविन [1]

ताबूतसाज (coffin-maker, undertaker) अद्रियान प्रोख़ोरोव के आखरी सर-समान शववाहिनी (मुरदा ले जाय वला गाड़ी) में लाद देल गेलइ, आउ मरियल घोड़ा के जोड़ी बस्मान्नयऽ गल्ली से निकीत्स्कयऽ गल्ली तक चौठा खेप घींचके ले गेलइ, जाहाँ परी ताबूतसाज अपन पूरा घरबार स्थानान्तरित कर लेलके हल । दोकान में ताला लगाके गेट पर एगो नोटिस ठोंक देलकइ कि घर बिकाऊ हइ, चाहे किराया पर देल जाय के हइ, आउ नयका घर दने पैदल चल पड़लइ । अपन पीला छोटकुन्ना घर भिर पहुँचते, जे ओकर कल्पना के एक अरसा से लोभइले हलइ आउ आखिरकार जेकरा एगो बड़गो रकम चुकाके खरदलके हल, वृद्ध ताबूतसाज के ई बात के हैरानी होलइ कि ओकर दिल खुश नयँ हइ । अनजान दहलीज पार करके आउ अपन नयका घर में घबराहट पाके अपन पुरनका टुट्टल-फुट्टल झोपड़ी के बारे उच्छ्वास लेलकइ, जाहाँ परी अठारह साल ऊ अत्यंत कड़ाई के साथ व्यवस्था कइलके हल; अपन दुन्नु बेटी आउ नौकरानी के सुस्ती पर बुरा-भला कहलकइ आउ खुद ओकन्हीं के मदत करे में लग गेलइ । जल्दीए व्यवस्था कायम हो गेलइ; प्रतिमादानी (icon stand) में देव प्रतिमा, अलमारी में चीनी मिट्टी के बरतन, टेबुल, सोफा आउ पलंग पिछला कमरा में नियत कइल कोना में रख देल गेलइ; भनसाघर आउ अतिथिकक्ष घर के मालिक के तैयार माल से भर गेलइ - सब तरह के रंग आउ हर तरह के साइज के ताबूत; मातमी टोप, लबादा आउ मशाल के साथ अलमारी भी । गेट पर एगो साइनबोर्ड टँग्गल हलइ, जेकरा पर हाथ में उलटा मशाल लेले स्थूलकाय आमूर [2] चित्रित कइल हलइ, जेकर निच्चे लिक्खल हलइ - "हियाँ सादा आउ रंगीन  ताबूत बेचल आउ मढ़ल जा हइ, आउ किराया पर भी देल जा हइ आउ पुरनकन के मरम्मत कइल जा हइ ।" लड़कियन अपन-अपन कमरा में चल गेते गेलइ । अद्रियान अपन घर के चक्कर लगइलकइ, छोटकुन्ना खिड़की भिर बैठ गेलइ आउ समावार तैयार करे लगी औडर देलकइ ।
शिक्षित पाठक तो जानऽ हथिन कि शेक्सपियर आउ वाल्टर स्कॉट दुन्नु अपन कब्र खोदे वलन के खुशमिजाज आउ विनोदी लोग के रूप में चित्रित कइलथिन हँ [3], ताकि ई प्रतिकूलता (contrast) के साथ हम सब के कल्पना के आउ अधिक प्रेरित कर सकइ । सच्चाई के प्रति आदर के चलते हम सब ओकन्हीं के अनुकरण नयँ कर सकऽ हिअइ आउ ई स्वीकार करे लगी विवश हिअइ कि हमर ताबूतसाज के मनोवृत्ति ओकर मनहूस पेशा के बिलकुल अनुरूप हलइ । अद्रियान प्रोख़ोरोव साधारणतः उदास आउ विचारमग्न रहऽ हलइ । ऊ अपन चुप्पी तभिए तोड़ऽ हलइ, जब खाली ओकरा अपन बेटियन के डाँटे-डपटे के रहऽ हलइ जब ऊ ओकन्हीं के पास से गुजरते मुसाफिर लोग तरफ खिड़की से बेफुस्टंग के हुलकके देखते पकड़ ले हलइ, चाहे ओकरा ऊ लोग से अपन समान के बढ़ा-चढ़ाके पैसा वसूल करे के रहऽ हलइ, जेकन्हीं के दुर्भाग्य से (आउ कभी-कभी सौभाग्य से) ओकरा खरदे के जरूरत पड़ऽ हलइ । आउ ओहे से अद्रियान खिड़की भिर बैठल अपन सतमा कप चाय पीके अपन हमेशे के उदास विचार में मग्न होल हलइ । ऊ मूसलधार बारिश के बारे सोच रहले हल, जे एक सप्ताह पहिले एगो सेवा-निवृत्त ब्रिगेडियर के दफन-जुलूस के ठीक नगर-द्वार पर पहुँचतहीं शुरू हो गेले हल । कइएक लबादा ओकरा चलते सिकुड़ गेले हल, कइएक टोपी विकृत हो गेले हल । ऊ अनिवार्य खर्च के पहिलहीं भाँप गेलइ, काहेकि अंत्येष्टि पोशाक के ओकर पुरनका स्टॉक दयनीय स्थिति में आल हलइ । ऊ आशा करऽ हलइ कि बूढ़ी सेठानी त्रूख़िना के मरला पर ओकर घाटा पूरा हो जइतइ, जे लगभग एक साल से मृत्यु-शय्या पर पड़ल हलइ। लेकिन त्रूख़िना राज़गुल्याय में अपन आखरी साँस गिन रहले हल, आउ प्रोख़ोरोव के डर हलइ कि ओकर उत्तराधिकारी सब, अपन वादा के बावजूद, एतना दूर ओकरा लगी बोलावा भेजे में कहीं आसकत नयँ करते जाय आउ कोय नगीच के ठेकेदार से कहीं मामला नयँ तय कर लेते जाय ।
ई विचार-शृंखला में अचानक फ़्रीमेसन (Freemason) नियन दरवाजा पर तीन दस्तक [4] से विघ्न पड़ गेलइ।
"केऽ हकऽ ?" ताबूतसाज पुछलकइ ।
दरवाजा खुललइ, आउ एगो अइसन अदमी, जेकरा पहिलहीं नजर में जर्मन शिल्पी के रूप पछानल जा सकऽ हलइ, कमरा में प्रवेश कइलकइ आउ प्रसन्न मुद्रा में ताबूतसाज के नगीच अइलइ ।
"प्रिय पड़ोसी, हमरा माफ करथिन", ऊ अइसन रूसी शैली में कहलकइ, जेकरा आझो हँस्से बेगर नयँ सुन सकऽ हिअइ, "बाधा डाले खातिर हमरा माफ करथिन ... हमरा जल्दी से जल्दी अपने के साथ परिचित होवे के मन कइलकइ । हम मोची हिअइ, हमर नाम गोटलीब शुल्ट्स (Gottlieb Schultz) हइ, आउ रोड के पार अपने के खिड़की के सामने वला ऊ छोटका घर में रहऽ हिअइ । कल हम अपन विवाह के रजत जयन्ती मना रहलिए ह, आउ निवेदन करऽ हिअइ कि अपने अपन बेटी सहित हमरा हीं मित्रवत् भोजन करथिन ।"
निमंत्रण सहर्ष स्वीकार कर लेल गेलइ । ताबूतसाज मोची के बैठे लगी आउ एक कप चाय पीए लगी कहलकइ, आउ गोटलीब शुल्ट्स के खुल्लल विचार होवे से जल्दीए ओकन्हीं बीच मित्रतापूर्ण बातचीत होवे लगलइ ।
"अपने के धंधा कइसन चल रहले ह श्रीमान ?" अद्रियान पुछलकइ ।
"ए-हे-हे", शुल्ट्स उत्तर देलकइ, "कइसूँ चल रहले ह । शिकायत नयँ कर सकऽ हिअइ । हलाँकि, निस्संदेह, हमर धंधा ओइसन नयँ हइ जइसन कि अपने के - जिंदा अदमी बिन बूट के काम चला सकऽ हइ, लेकिन मुरदा तो ताबूत के बेगर नयँ रह सकऽ हइ ।"
"ई तो बिलकुल सच बात हइ", अद्रियान टिप्पणी कइलकइ; "लेकिन अगर जिंदा अदमी के पास बूट खरीदे लगी पैसा नयँ हइ, त गोस्सा में आवे के कोय बात नयँ हइ, ऊ नंगे पाँव भी चल्लऽ हइ; लेकिन मरल भिखारी के तो मुफ्ते में ताबूत मिल जा हइ ।"
ई तरह ओकन्हीं के बातचीत आउ कुछ समय तक चलते रहलइ; आखिरकार मोची उठलइ आउ अपन निमंत्रण दोहरइते ताबूतसाज से विदा लेलकइ ।
दोसर दिन ठीक बारह बजे ताबूतसाज आउ ओकर बेटियन नयका खरदल घर के दरीचा (छोटका दरवाजा, wicket gate) से बहरसी निकसते गेलइ आउ पड़ोसी के घर दने बढ़लइ । आझकल के उपन्यासकार लोग के अइसन अवसर पर बन्नल परंपरा से हटके, न तो हम अद्रियान प्रोख़ोरोव के कफ़्तान के वर्णन करे जाब करऽ हिअइ आउ न तो अकुलिना आउ दारिया के यूरोपीय पोशाक के । लेकिन हम एतना बता देना अनावश्यक नयँ समझऽ हिअइ कि दुन्नु लड़कियन पीयर टोपी आउ लाल जुत्ता पेन्हऽ हलइ, जे ओकन्हीं के साथ खाली जश्न के अवसर पर हीं होवऽ हलइ ।
मोची के छोटकुन्ना फ्लैट अतिथि लोग से खचाखच भरल हलइ, अधिकांश जर्मन शिल्पी लोग से, ओकन्हीं के पत्नी आउ प्रशिक्षु (apprentices) से । सरकारी कर्मचारी में से खाली एगो संतरी यूर्को हलइ, जे चुख़ोन (ऊ बखत पितिरबुर्ग के आसपास रहे वला एस्तोनिया अथवा फ़िनलैंड वासी) हलइ, आउ जे अपन मामूली पद के बावजूद मेजबान के विशेष अनुग्रह प्राप्त कइले हलइ । पचीस साल ऊ एहे पद पर विश्वास आउ निष्ठा से सेवा कइलकइ, पोगोरेल्स्की के डाकिया नियन [5] । सन् बारह (अर्थात् 1812), जे प्राचीनतम राजधानी (मास्को) के नष्ट कर देलकइ, ओकर पियरका संतरी-चौकी (sentry-box) के भी नष्ट कर देलकइ । लेकिन तुरतम्मे, दुश्मन के खदेड़ देवल गेला के बाद, ऊ स्थान पर एगो नयका बन गेलइ - सलेटी रंग के आउ छोटगर उज्जर यूनानी (Doric) स्तंभ के साथ, आउ यूर्को "परशु के साथ आउ घर के बन्नल कवच में " [6] ओकरा सामने फेर से चहलकदमी करे लगलइ । ऊ अधिकांश जर्मन लोग से परिचित हलइ, जे निकित्स्की गेट के आसपास रहऽ हलइ - ओकन्हीं में से कुछ लोग कभी-कभी रविवार से सोमवार के रात यूर्को के पास भी गुजारते जा हलइ । अद्रियान तुरतम्मे ओकरा साथ परिचय कर लेलकइ, जे अइसन अदमी हलइ जेकर देर चाहे सबेर जरूरत पड़ सकऽ हलइ, आउ जब अतिथि सब टेबुल भिर गेते गेलइ, त ओकन्हीं साथ-साथ बैठते गेलइ । मिस्टर आउ मिसेज़ शुल्ट्स आउ ओकन्हीं के सतरह साल के बिटिया, लोत्ख़ेन, अतिथि लोग के साथ भोजन करते बखत खिलावे-पिलावे में आउ रसोइया के परसे में लगातार मदत करते गेलइ । बियर तो बह रहले हल । यूर्को चार अदमी के बराबर खाब करऽ हलइ; अद्रियान ओकरा से बराबरी करे में पीछू नयँ हलइ; ओकर बेटियन शिष्टतापूर्वक व्यवहार कइलकइ; जर्मन भाषा में बातचीत लगातार अधिकाधिक कोलाहलपूर्ण होब करऽ हलइ। अचानक मेजबान ध्यान देवे लगी घोषणा कइलकइ आउ तारकोल से सील कइल बोतल के खोलते रूसी में जोर से बोललइ - "हमर दयालु लुइज़ा के स्वास्थ्य खातिर !"
हलका शैम्पेन के फेन उड़े लगलइ । मेजबान चालीस साल के अपन अर्द्धांगिनी के तजगर चेहरा के प्यार से चुमलकइ, आउ अतिथि लोग शोर मचइते दयालु लुइज़ा के स्वास्थ्य के जाम पीते गेलइ । "हमर प्यारे अतिथिगण के स्वास्थ्य खातिर !" दोसरका बोतल के कॉर्क खोलते मेजबान घोषणा कइलकइ - आउ अतिथिगण अपन-अपन जाम फेर से खाली करते ओकरा धन्यवाद देते गेलइ । हियाँ परी स्वास्थ्य के शुभकामना खातिर एक के बाद दोसरा जाम चालू होलइ - हरेक विशेष अतिथि के स्वास्थ्य खातिर जाम पीते गेलइ, मास्को आउ दर्जन भर जर्मन छोटगर-छोटगर शहर के स्वास्थ्य खातिर पीते गेलइ, सामान्य रूप से सब्भे आउ विशेष रूप से हरेक कर्मशाला (workshop, guild) के स्वास्थ्य के जाम पीते गेलइ,  मास्टर आउ प्रशिक्षु (masters and apprentices) के स्वास्थ्य के जाम पीते गेलइ । अद्रियान धुन में पी रहले हल आउ एतना खुश हलइ कि खुद कइसनो विनोदपूर्ण जाम पीए के प्रस्ताव रखलकइ । अचानक अतिथि लोग के बीच में से एगो मोटगर नानबाई (baker)  अपन जाम उपरे उठइलकइ आउ चिल्लइलइ - "ऊ लोग के स्वास्थ्य के खातिर, जिनका लगी हमन्हीं काम करऽ हिअइ, उन्ज़ेरर कुंड्ल्वाइटऽ ! [unserer Kundleute ! - (जर्मन) अपन ग्राहक लोग!] ई प्रस्ताव के, बाकी सब नियन, खुशी से आउ एकमत से स्वागत कइल गेलइ । अतिथि लोग एक दोसरा के सामने सिर झुकावे लगलइ, दर्जी मोची के, मोची दर्जी के, नानबाई ओकन्हीं दुन्नु के, सब कोय नानबाई के, इत्यादि । ई प्रकार के पारस्परिक अभिवादन के बीच, अपन पड़ोसी तरफ संबोधित करते यूर्को चिल्लइलइ - "त फेर ? त भाय, अपन मृतक लोग के स्वास्थ्य के खातिर जाम पीयऽ ।" सब कोय ठठाके हँस पड़लइ, लेकिन ताबूतसाज खुद के अपमान समझलकइ आउ ऊ नाक-भौं सिकोड़ लेलकइ । कोय ई बात के नोटिस नयँ कइलकइ, अतिथि लोग पीते रहलइ, जखने ओकन्हीं टेबुल भिर से उठते गेलइ त संध्या-वंदन के घंटी बज रहले हल ।  
अतिथि सब देर से विदा होते गेलइ, आउ अधिकांश नशा में धुत्त । मोटका नानबाई आउ जिल्दसाज, जेकर चेहरा लाल मराको (morocco) में  जिल्द चढ़ल लग रहले हल [7], यूर्को के बाँह पकड़के ओकर संतरी-चौकी में ले गेते गेलइ, जे ई हालत में रूसी कहावत के चरितार्थ करते गेलइ - "ऋण के शोभा एकर भुगताने करे में हइ।" (अर्थात् केकरो कइल एक भला काम के बदले ओकरो लगी भले काम करे के चाही ।) ताबूतसाज नशा में धुत्त आउ गोसाल घर अइलइ ।
"वास्तव में ई सब की हइ ?" ऊ जोर-जोर से तर्क कर रहले हल, "दोसर के धंधा के तुलना में हमर धंधा कइसे कम आदरणीय हइ ? की ताबूतसाज जल्लाद के भाय हइ ? काहे लगी हँस्सऽ हइ ई काफ़िर सब ? की वास्तव में ताबूतसाज क्रिस्मस उत्सव के एगो विदूषक हइ ? हम तो ओकन्हीं के गृहप्रवेश के पार्टी में निमंत्रित करे वला हलिअइ, ओकन्हीं के बड़गो भोज देवे वला हलिअइ - लेकिन अब ई नयँ होवे वला ! आउ हम ओकन्हीं के निमंत्रित करबइ जेकरा लगी हम काम करऽ हिअइ - ईसाई धर्म के श्रद्धालु मृतक लोग के ।"
"ई की हइ, मालिक ?" ओकर नौकरानी बोललइ, जे अभी ओकर बूट काढ़ब करऽ हलइ, "ई की बकवास करब करऽ हथिन ? क्रॉस करथिन ! गृहप्रवेश के पार्टी में मुरदा सब के निमंत्रण देथिन ! कइसन भयानक बात हइ !"
"भगमान कसम, हम निमंत्रण देबइ", अद्रियान बात जारी रखलकइ, "आउ बिहाने । हमर हित-चिन्तक लोग, अपने के स्वागत हइ, कल शाम के हमरा हीं भोज में आते जाथिन; जे कुछ भगमान भेजथिन, ओहे सेवा में हाजिर करबइ ।" एतना कहके ताबूतसाज बिस्तर पर चल गेलइ आउ जल्दीए खर्राटा भरे लगलइ ।
प्रांगण में अभियो अन्हेरे हलइ जब अद्रियान के जगा देल गेलइ । सेठानी त्रूख़िना एहे रात के गुजर गेले हल, आउ ओकर प्रबंधक (steward) के हियाँ से एगो संदेशवाहक ई संदेश लेके सरपट घोड़ा दौड़इते अइलइ । ताबूतसाज एकरा लगी ओकरा वोदका लगी एक ग्रिव्ना (दस कोपेक) देलकइ, जल्दी से कपड़ा पेन्हलकइ, किराया पर एगो कोचवान लेलकइ आउ राज़गुल्याय चल पड़लइ । मरल बुढ़िया के गेट भिर पहिलहीं से पुलिस खड़ी हलइ आउ व्यापारी लोग कौआ नियन लाश के गन्ह पाके चहलकदमी कर रहते गेले हल । मोम नियन पीयर होल मरल बुढ़िया टेबुल पर पड़ल हलइ [8], लेकिन अभियो तक सड़के विकृत नयँ होले हल । ओकरा पास रिश्तेदार, पड़ोसी आउ घर के नौकर-चाकर भीड़ लगइले हलइ । सब खिड़की खुल्लल हलइ; मोमबत्ती जल रहले हल; पादरी लोग प्रार्थना कर रहले हल । अद्रियान त्रूख़िना के भतीजा बिजुन गेलइ, जे एगो नवयुवक व्यापारी हलइ आउ फैशनदार फ्रॉक-कोट पेन्हले हलइ, आउ ओकरा बतइलकइ कि ताबूत, मोमबत्ती, कफन आउ दोसर-दोसर दफन के सामान बिलकुल ठीक-ठाक हालत में ओकरा पास तुरंत भेज देल जइतइ । उत्तराधिकारी ओकरा अन्यमनस्कता से धन्यवाद देलकइ, ई कहके कि कीमत के बारे ऊ मोल-जोल नयँ करतइ, बल्कि ओकर (ताबूतसाज के) ईमानदारी पर सब कुछ छोड़ देतइ । ताबूतसाज अपन हमेशे के आदत के मोताबिक भगमान के कसम खइलकइ कि ऊ फालतू कुछ नयँ लेतइ; ऊ अर्थपूर्ण ढंग से प्रबंधक (steward) के साथ नजर मिलइलकइ आउ अपन काम में लग गेलइ । सारा दिन ऊ रज़गुल्याय से निकित्स्की गेट तक आउ फेर वापिस घोड़ागाड़ी पर चक्कर काटते रहलइ; शाम तक सब काम निपटा लेलकइ आउ अपन कोचवान के मुक्त करके पैदल घर रवाना हो गेलइ । चाँदनी रात हलइ । ताबूतसाज निकित्स्की गेट तक सही-सलामत पहुँच गेलइ । स्वर्गारोहण (Ascension) के गिरजाघर बिजुन ओकर परिचित यूर्को ओकरा हाँक मालकइ आउ ताबूतसाज के पछानके ओकरा शुभरात्रि के कामना कइलकइ । देर हो चुकले हल । ताबूतसाज अपन घर भिर जइसीं पहुँचलइ कि अचानक ओकरा लगलइ कि कोय तो ओकर फाटक भिर अइलइ, विकेट (wicket) खोललकइ आउ ओकरा से अंदर जाके गायब हो गेलइ ।
"एकर की मतलब हो सकऽ हलइ ?" अद्रियान सोचलकइ । "केकरा फेर से हमर जरूरत हइ ? कहीं कोय चोर तो हमर घर में नयँ घुस गेलइ ? कि कहीं हमर दुन्नु बेवकूफ (लड़की) से मिल्ले लगी प्रेमी लोग तो नयँ अइते-जइते रहऽ हइ ? कुच्छो हो सकऽ हइ !" आउ ताबूतसाज मदत लगी अपन सुहृद् यूर्को के पुकारहीं वला हलइ। एतने में कोय तो आउ विकेट भिर अइलइ आउ अंदर आहीं वला हलइ, लेकिन घर के मालिक के दौड़ते अइते देखके रुक गेलइ आउ तिकोनी टोपी उतार लेलकइ । अद्रियान के ओकर चेहरा जानल-पछानल लगलइ, लेकिन ततलब्जी में ओकरा देखके निम्मन से पछान नयँ पइलकइ ।
"अपने हमरा हीं अइलथिन हँ", अद्रियान हँफते कहलकइ, "अंदर आथिन, किरपा करके पधारथिन ।"
"औपचारिकता के फेर में नयँ पड़ऽ, बबुआ", धीमे स्वर में ऊ उत्तर देलकइ, "आगू-आगू चलऽ; अतिथि लोग के रस्ता देखावऽ !"
अद्रियान के औपचारिकता खातिर समय नयँ हलइ । विकेट गेट खुल्ला हलइ, ऊ ज़ीना पर चढ़के उपरे गेलइ आउ आगंतुक ओकर पीछू-पीछू । अद्रियान के लगलइ कि ओकर कमरा सब में लोग चल-फिर रहले ह । "ई की हो रहले ह !" ऊ सोचलकइ आउ तेजी से अंदर गेलइ ... हिएँ परी ओकर गोड़ जवाब दे देलकइ । कमरा लाश से भरल हलइ । खिड़की से आ रहल चाँदनी ओकन्हीं के पीयर आउ नीला चेहरा, अंदर घुस्सल मुँह, धुँधला अर्द्धनिमीलित (आधा बंद) आँख आउ आगू तरफ निकसल नाक के प्रकाशित कर रहले हल ... अद्रियान आतंकित होल ऊ सब लोग के पछान लेलकइ, जेकन्हीं के ओकर प्रयास से दफनावल गेले हल, आउ अपन साथ अंदर घुस्सल ब्रिगेडियर के, जेकरा मूसलाधार बारिश के दौरान दफनावल गेले हल । ओकन्हीं सब्भे, महिला आउ पुरुष, सिर झुकाके अभिवादन के साथ ताबूतसाज के घेर लेते गेलइ, सिवाय एगो गरीब अदमी के, जेकरा हाले में मुफ्त में दफनावल गेले हल आउ जे अपन चिथड़ा (गुदड़ी) के कारण लजाल नगीच नयँ अइलइ आउ नम्रतापूर्वक एगो कोना में खड़ी हलइ । बाकी सब निम्मन कपड़ा पेन्हले हलइ - मृतक महिला सब रिब्बन लगल टोपी में, मृतक सरकारी कर्मचारी लोग वरदी में, लेकिन बिन दाढ़ी बनइले, व्यापारी लोग उत्सव वला कफ्तान में ।
"देखऽ हीं, प्रोख़ोरोव", सब आदरणीय अतिथि लोग के तरफ से ब्रिगेडियर कहलकइ, "हमन्हीं सब्भे तोर निमंत्रण पर कब्र से उठके अइते गेलियो ह; घर पर खाली ओहे सब रह गेले ह, जे दुर्बल हो चुकले ह, जे बिलकुल सड़-गल चुकले ह, आउ जेकर बिन चमड़ा के खाली हड्डी बच गेले ह, लेकिन एकन्हिंयों में से एगो के आवे बेगर नयँ रहल गेलइ - एतना ओकरा तोरा से भेंट करे के मन करब करऽ हलइ ..."
एतने में छोटकुन्ना अस्थिपंजर (कंकाल) भीड़ के चीरते अद्रियान भिर अइलइ ।  ओकर खोपड़ी स्नेहपूर्वक ताबूतसाज के तरफ देखते मुसकइलइ । हलका हरियर आउ लाल रंग के चिथड़ा आउ तार-तार होल कपड़ा ओकरा पर डंडा पर नियन लटक रहले हल, आउ ओकर गोड़ के हड्डी ओकर जैकबूट में ऊखड़ी में समाठ नियन बज रहले हल ।
"तूँ हमरा पछानलऽ नयँ, प्रोख़ोरोव", कंकाल बोललइ । "तोरा गार्ड सेना के भूतपूर्व सर्जेंट प्योत्र पित्रोविच कुरील्किन के आद पड़ऽ हको, ओहे जेकरा सन् 1799 में तूँ अपन पहिला ताबूत बेचलहो हल - आउ जेकरा बलूत (oak) के लकड़ी के बन्नल बतइलहो हल ?" एतना कहके मृतक ओकरा आलिंगन करे लगी अपन हड्डी के बाँह फैलइलकइ - लेकिन अद्रियान अपन पूरा ताकत लगाके चिल्लइलइ आउ ओकरा ढकेल देलकइ । प्योत्र पित्रोविच लड़खड़इलइ, गिर पड़लइ आउ ओकर कंकाल चकनाचूर हो गेलइ । मृतक लोग के बीच गोस्सा के भुनभुनाहट चालू हो गेलइ; सब कोय अपन साथी के प्रतिष्ठा के पक्ष में खड़ी हो गेते गेलइ, गारी आउ धमकी के साथ अद्रियान बिजुन आ गेते गेलइ, आउ बेचारा मेजबान ओकन्हीं के चीख से आउ लगभग कुचलाल अपन प्रत्युत्पन्नमति (presence of mind) खो देलकइ, खुद गार्ड सेना के सेवानिवृत्त सर्जेंट के हड्डी के ढेर पर गिर पड़लइ आउ बेहोश हो गेलइ ।
सूरज कब के ऊ बिस्तर के प्रकाशित कर रहले हल, जेकरा पर ताबूतसाज पड़ल हलइ । आखिरकार ऊ आँख खोललकइ आउ अपन सामने नौकरानी के देखलकइ, जे समावार गरम करे खातिर कोयला के फूँक मार रहले हल । आतंक के साथ अद्रियान के कल के सब्भे घटना आद पड़लइ । त्रूख़िन, ब्रिगेडियर आउ सर्जेंट कुरील्किन ओकर कल्पना में धुँधला सन देखाय देब करऽ हलइ । ऊ चुपचाप इंतजार करे लगलइ कि नौकरानी ओकरा साथ कोय बातचीत चालू करइ आउ ई बताबइ कि रात के साहसिक कार्य (adventures) के परिणाम की होलइ ।
"केतना देर तक तूँ सुत्तल रहलऽ, बबुआ, अद्रियान प्रोख़ोरोविच", ओकरा ड्रेसिंग गाउन देते अकसिन्या कहलकइ। "तोरा हीं पड़ोसी दर्जी अइलो हल, आउ हियाँ के संतरी दौड़ल सूचना देवे अइलो हल कि आझ पुलिस चीफ़ के नामकरण दिन हइ, लेकिन तूँ तो सुत्तल हलहो, आउ हमन्हीं तोरा जगावे लगी नयँ चहलियो।"
"आउ स्वर्गीया त्रूख़िना के हियाँ से हमरा हीं कोय अइते गेले हल ?"
"स्वर्गीया ? की वास्तव में ऊ मर गेलइ ?"
"कइसन बेवकूफ हकँऽ ! की तूँ कल्हे ओकर अंत्येष्टि के प्रबंध करे में हाथ नयँ बँटइलहीं हल ?"
"ई तूँ की कह रहलऽ ह, बबुआ ? की तूँ पगलाऽ गेलऽ ह, कि कहीं कल्हे के नशा के खुमार अभी तक गेलो नयँ? कल्हे कइसन अंत्येष्टि हलइ ? कल्हे तो सारा दिन तूँ जर्मन के हियाँ भोज में हलऽ, नशा में धुत्त वापिस अइलऽ, बिछौना पर पड़ गेलऽ, आउ अभी तक सुत्तल हलऽ, गिरजाघर के प्रार्थना सभा (mass) के घंटी कब के बज चुकलइ ।"
"अरे सचमुच !" खुश होल ताबूतसाज बोललइ ।
"बिलकुल", नौकरानी उत्तर देलकइ ।
"अगर ई बात हइ, त झटपट चाय दे, आउ हमर बेटियन के बोलाव ।"

टिप्पणी:
[1] देर्झाविन - गव्रीला रमानोविच देर्झाविन (1745-1816) पुश्किन के पीढ़ी के ठीक पहिले के एगो महानतम कवि हलथिन । ई सूक्ति उनकर कविता “Водопад” (जल-प्रपात) (1794) से उद्धृत हइ, जे साम्राज्ञी एकातेरिना महान के जेनरल (सेनापति) आउ कृपापात्र राजकुमार ग्रिगोरी  अलिक्सान्द्रोविच पोतेम्किन (1739-1791) के स्मृति में लिखलथिन हल ।
[2] आमूर - कामदेव, लेकिन हाथ में उलटा मशाल के साथ यमदूत या मृत्यु के प्रतीक ।
[3] पुश्किन के अभिप्राय विलियम शेक्सपियर (1564-1616) के नाटक "Hamlet" (1599-1602), अंक-4, दृश्य-1 से, आउ वाल्टर स्कॉट (1771-1832) के उपन्यास "The Bride of Lammermoor" (1819) के अध्याय-24 से हइ ।
[4] अठरहमी शताब्दी के उत्तरार्द्ध में एगो रहस्यवादी संगठन, जेकर लक्ष्य मानव नैतिक पुनरुत्थान हलइ । दरवाजा पर तीन दस्तक ई संगठन के सदस्य लोग के एगो संकेत हलइ ।
[5] पोगोरेल्स्की के डाकिया - काउंट अलिक्सेय पिरोव्स्की (1787-1836), उपनाम अन्तोन पोगोरेल्स्की के कहानी-संग्रह "Двойник, или Мои вечера в Малороссии" (जुड़मा, या यूक्रेन में हमर शाम) में से एगो कहानी "Лафертовская маковница" (लाफ़ेर्त के नानबाइन) (1825) के एगो पात्र के नाम ।
[6] "परशु के साथ आउ घर के बन्नल कवच में " - अलिक्सान्द्र इज़मायलोव (1779-1831) के काव्यात्मक कहानी "Дура Пахомовна" (बेवकूफ पख़ोमोव्ना) से उद्धृत (दे॰ पोल्नए सब्रानिए सचिनेनी आ.ये. इज़मायलोवा, खंड-1, मास्को, 1890, पृ॰186) ।
[7] "जेकर चेहरा लाल मराको (morocco) में  जिल्द चढ़ल लग रहले हल" - रूसी साम्राज्ञी एकातेरिना महान के शासनकाल में प्रसिद्ध नाटककार याकोब बरीसोविच क्न्याज़निन (1742- 1791) के प्रहसन "Хвастун" (शेखीबाज) (1786) से कुछ परिवर्तित पंक्ति (अंक 3, दृश्य 6) ।

[8] "मरल बुढ़िया टेबुल पर पड़ल हलइ" - रिवाज के अनुसार मुरदा के टेबुल पर पाड़के तब तक रक्खल जा हलइ जब तक कि ताबूत नयँ लावल जा हलइ ।

Monday, December 04, 2017

2.20 रूसी कहानी "बरफीला तूफान"

बरफीला तूफान
मूल रूसी शीर्षकः Метель (मितेल) ; कहानीकार - पुश्किन ;    मगही अनुवाद - नारायण प्रसाद
घोड़वन टिल्हा पर दौड़ल जा हइ,
रौंदते बरफ के गहराई तक ...
अइकी, बगली में एगो गिरजाघर
दिखाय दे हइ बिलकुल एकांत ...
. . . . . . . . . . . . . . . . . . . .
अचानक बरफीला तूफान उट्ठऽ हइ चारो दने;
बरफ गिरऽ हइ लोंदे-लोंदे;
कार कौआ, सरसर करते डैना से,
मँड़रा हइ स्लेज के उपरे;

भविष्यसूचक कराह संकेत दे हइ कोय दुख के !
घोड़वन जल्दीबाजी में
ध्यान से देखऽ हइ धुँधला दूर के,
उठइते अपन अयाल के ...
--- झुकोव्स्की [1]


सन् 1811 के अंत में, हमन्हीं लगी एगो स्मरणीय युग में, गव्रीला गव्रीलोविच र** नामक सज्जन अपन जागीर (estate) नेनारादोवो में रहऽ हलथिन । ऊ अपन पूरे इलाका में अतिथि सत्कार आउ सहृदयता खातिर प्रसिद्ध हलथिन; पड़ोसी लोग मिनट-मिनट उनका हीं खाय, पीए, आउ उनकर पत्नी प्रस्कोवा पित्रोव्ना के साथ बोस्टन में पाँच कोपेक के दाँव लगाके जुआ खेले लगी अइते रहऽ हलइ, आउ कुछ लोग उनकर सुग्घड़, पीयर आउ सतरह साल के सुंदरी बेटी, मारिया गव्रीलोव्ना के एक नजर देखे लगी । ओकरा एगो धनगर भावी दुलहिन मानल जा हलइ, आउ कइएक लोग ओकरा से या तो खुद चाहे अपन बेटवन के साथ शादी करे के इरादा कइले हलइ ।
मारिया गव्रीलोव्ना के पालन-पोषण फ्रेंच उपन्यास सब पर होले हल आउ ओहे से प्रेमासक्त हो गेलइ । ओकर चुन्नल पात्र हलइ एगो निर्धन फौजी प्रापोर्शिक (अधिकृत अर्थात् कमीशन-प्राप्त अफसर में से निम्नतम रैंक के अफसर) हलइ, जे छुट्टी पर अपन गाँव अइले हल । ई बतावे के जरूरत नयँ हइ कि युवक के दिल में प्यार के ओतनहीं आग सुलग रहले हल, कि ओकर प्रेयसी के माता-पिता ओकन्हीं के परस्पर आकर्षण के नोटिस करके अपन बेटी के ओकरा बारे सोचहूँ से मना कर देते गेलथिन, आउ ओकरा एगो सेवा-निवृत्त कर-निर्धारक (assessor) से भी बत्तर तरह से स्वागत करते जा हलथिन ।
हमन्हीं के ई प्रेमी-युगल के बीच पत्राचार होवऽ हलइ, आउ हरेक दिन एकांत में चीड़ के झुरमुट में चाहे पुरनका छोटका गिरजाघर (chapel) के पास मिल्लऽ हलइ । हुआँ परी ओकन्हीं परस्पर शाश्वत प्रेम के कसम खा हलइ, अपन भाग्य पर रोवऽ हलइ आउ विभिन्न तरह के योजना बनावऽ हलइ । पत्राचार करते आउ ई तरह बातचीत करते, ओकन्हीं (जे अत्यंत स्वाभाविक हलइ) निम्नलिखित निष्कर्ष पर पहुँचते गेलइ - अगर हमन्हीं एक दोसरा के बेगर साँस नयँ ले सकऽ हिअइ, आउ क्रूर माता-पिता के इच्छा हमन्हीं के खुशी में बाधा डालऽ हइ, त की हमन्हीं एकरा बेगर काम नयँ चलइते जा सकऽ हिअइ ? जाहिर हइ, कि ई सुखद विचार पहिले नवयुवक के दिमाग में अइलइ आउ ई मारिया गव्रीलोव्ना के रोमानी कल्पना के बहुत निम्मन लगलइ ।
शरत्काल आ गेलइ आउ ओकन्हीं के मिलना-जुलना बंद हो गेलइ; लेकिन पत्राचार आउ अधिक सजीव हो गेलइ । व्लादीमिर निकोलायेविच हरेक पत्र में ओकरा अनुरोध करऽ हलइ कि ऊ ओकरा समर्पित कर दे, गुप्त रूप से शादी कर ले, कुछ समय खातिर छिपके रहल जाय, फेर माता-पिता के गोड़ पर गिर पड़ल जाय, जिनकर दिल निस्संदेह आखिरकार प्रेमी-युगल के वीरतापूर्ण निष्ठा आउ दुख से पिघल जइतइ आउ पक्का ओकन्हीं से कहथिन - "बच्चो ! आवऽ आउ हमर गले लग जइते जा ।"
मारिया गव्रीलोव्ना बहुत समय तक हिचकिचाहट में रहलइ; कइएक योजना ठुकरा देल गेलइ । आखिरकार ऊ राजी हो गेलइ - निश्चित कइल दिन के ओकरा रात के भोजन नयँ करे के हलइ आउ सिरदर्द के बहाने अपन कमरा में चल जाय के हलइ । ओकर नौकरानी साजिश में शामिल हलइ; दुन्नु के पिछलौका ड्योढ़ी से बहरसी निकसके बाग में चल जाय के हलइ, बाग के पीछू स्लेज (बरफगाड़ी) तैयार मिलतइ, ओकरा में बैठ जाय के हलइ आउ पाँच विर्स्ता नेनारादोवो से झाद्रिनो गाँव तक चल जाय के हलइ, सीधे गिरजाघर तक, जाहाँ परी व्लादिमिर ओकन्हीं के इंतजार करते मिलतइ ।
निर्णायक दिन के ठीक एक दिन पहिले मारिया गव्रीलोव्ना के रात भर नीन नयँ अइलइ; ऊ पैक कइलकइ, कपड़ा-लत्ता बन्हलकइ, एगो लमगर पत्र अपन भावुक सहेली के लिखलकइ, आउ दोसर अपन माता-पिता के। ऊ उनकन्हीं से अत्यंत मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति में विदा लेलकइ, भावावेश के अदम्य शक्ति के वश में अपन दुष्कर्म लगी माफी मँगलकइ, आउ अंत में लिखलकइ कि ऊ परम सुख के क्षण ओकरा मानतइ जब ओकरा अत्यंत प्रिय माता-पिता के गोड़ पर गिरे के अनुमति मिलतइ । दुन्नु पत्र के तूला [2] के मुहर लगाके बंद करके, जेकरा पर एगो उत्तम आलेख के साथ दू गो दहकइत दिल अंकित हलइ, ऊ भोर होवे के पहिले बिस्तर पर गिर पड़लइ आउ ओकरा झुकनी बरे लगलइ; लेकिन तइयो हियाँ परी ओकरा भयंकर सपना मिनट-मिनट पर ओकरा जगइते रहलइ । कभी ओकरा लगइ कि ठीक ओहे पल जब ऊ शादी करे खातिर प्रस्थान करे लगी स्लेज में बैठलइ, कि ओकर पिताजी ओकरा रोक लेलथिन आउ कष्टकारक गति से ओकरा बरफ पर घसीटते ले गेलथिन आउ एगो अन्हार अतल (bottomless) तहखाना में फेंक देलथिन ... आउ ऊ हृदय के अवर्णनीय स्तब्धता के साथ सिर के बल उड़ते निच्चे जाब करऽ हइ; त कभी लगइ कि ऊ घास पर बैटल व्लादिमिर के देख रहले ह, जेकर चेहरा पीयर होल आउ खून से लथपथ हइ । ऊ मरते-मरते ओकरा तीक्ष्ण स्वर में अपन साथ शादी करे में शीघ्रता करे के निवेदन कर रहले ह ... आउ दोसर-दोसर भद्दा, अनर्गल सपना ओकरा सामने एक पर एक देखाय देते रहलइ । आखिरकार हमेशे के अपेक्षा अधिक पीयर आउ बिन ढोंग वला सिरदर्द के साथ ऊ उठलइ। माता-पिता के ओकर बेचैनी पर दृष्टि गेलइ; उनकन्हीं के स्नेहमय चिंता आउ लगातार प्रश्न - "तोरा की हो गेलो ह, माशा ? कहीं तूँ बेमार तो नयँ हँ, माशा ?" ओकर हृदय के टुकड़े-टुकड़े कर रहले हल । ऊ उनकन्हीं के शांत करे, प्रसन्न देखाय देवे के प्रयास कइलकइ, आउ कर नयँ पइलकइ । शाम हो अइलइ । ई विचार कि अब आखिरी तुरी अपन परिवार के बीच दिन बिताब करऽ हइ, ओकर दिल बैठल जाब करऽ हलइ । ऊ मोसकिल से जिंदा हलइ; ऊ गुप्त रूप से अपन आसपास के सब लोग से, सब चीज से, विदा ले रहले हल ।
रात के भोजन परसल गेलइ; ओकर दिल जोर-जोर से धड़क रहले हल । काँपते स्वर में ऊ कहलकइ कि ओकरा खाय के मन नयँ करऽ हइ, आउ माता-पिता से विदा होवे लगलइ । उनकन्हीं ओकरा चुमलथिन आउ हमेशे नियन आशीर्वाद देलथिन - ऊ लगभग कन्ने-कन्ने नियन हो गेलइ । अपन कमरा में आके ऊ अरामकुरसी पर पड़ गेलइ आउ फूट-फूटके कन्ने लगलइ । ओकर नौकरानी ओकरा शांत होवे आउ हिम्मत बान्हे लगी समझइलकइ-बुझइलकइ । सब कुछ तैयार हलइ । आध घंटा के बाद माशा हमेशे लगी अपन माता-पिता के घर, अपन कमरा, शांत कुमारी जीवन के छोड़े वली हलइ ... बहरसी बरफीला तूफान हलइ; हावा सायँ-सायँ करब करऽ हलइ, शटर हिल आउ बज रहले हल; सब कुछ ओकरा खतरा आउ दुखद पूर्वलक्षण (शकुन) लगलइ। जल्दीए घर में सब कुछ शांत हो गेलइ आउ सब कोय सुत गेलइ । माशा शाल लपेट लेलकइ, गरम कपोत *  पेन्ह लेलकइ, हाथ में अपन बक्सा ले लेलकइ आउ पिछुऔनी वली ड्योढ़ी से बहरसी अइलइ । नौकरानी ओकर पीछू-पीछू दू गो मोटरी लेले आ रहले हल । ओकन्हीं बाग में गेलइ । बरफीला तूफान शांत नयँ होले हल; तेज हावा मुँह पर थपेड़ा मार रहले हल, मानूँ नवयुवती अपराधिनी के बलपूर्वक रोके के प्रयास करब कर रहल होवे । कठिनाई से ओकन्हीं बाग के अंतिम छोर तक पहुँचते गेलइ । रोड पर स्लेज ओकन्हीं के प्रतीक्षा कर रहले हल । ठिठुरल घोड़वन जगह पर खड़ी नयँ हो पा रहले हल; व्लादिमिर के कोचवान व्यग्र घोड़वन के काबू में रखते स्लेज के बम (shafts) के सामने चहलकदमी कर रहले हल । ऊ सुकुमारी आउ ओकर नौकरानी के बैठे आउ मोटरी रक्खे में मदत कइलकइ, रास पकड़लकइ आउ घोड़वन उड़ चललइ । सुकुमारी के भाग्य के संरक्षण आउ कोचवान तेरेश्का के दक्षता पर सौंपके अब अपन नवयुवक प्रेमी के तरफ मुड़ल जाय ।
पूरा दिन व्लादिमिर के स्लेज में घुमतहीं बितलइ । सुबह में ऊ झादरिनो के पादरी हीं गेलइ; मोसकिल से ओकरा समझा-बुझा पइलकइ; फेर आसपास के जमींदार लोग के बीच गोवाह खोजे लगी गेलइ । पहिला, जेकरा हीं ऊ पहुँचलइ, एगो सेवानिवृत्त चालीस साल के कॉर्नेट द्राविन हलइ जे स्वेच्छा से मान गेलइ । ऊ विश्वास देलइलकइ कि ई साहसिक कार्य ओकरा पहिलौका समय आउ हुस्सार लोग के शरारत के आद देलाब करऽ हइ । ऊ व्लादिमिर के दुपहर के भोजन तक रुक जाय के अनुरोध कइलकइ आउ ओकरा विश्वास देलइलकइ कि बाकी दू गो गोवाह खोजे में कोय दिक्कत नयँ होतइ । वास्तव में, भोजन के तुरते बाद अइलइ मोछैल आउ महमेज ** लगल बूट में सर्वेयर (अमीन) श्मिट (Schmidt) आउ कप्तान-इस्प्राव्निक *** के सोल्लह साल के बेटा, जे हाले में ऊलान **** में योगदान कइलके हल । ओकन्हीं व्लादिमिर के खाली प्रस्तावे के स्वीकार नयँ करते गेलइ, बल्कि ओकरा खातिर अपन जिनगी के बलिदान करे लगी तैयारी के भी कसम खइते गेलइ । भावावेश में ऊ ओकन्हीं के गले लगइलकइ आउ तैयारी करे लगी घर चल गेलइ ।  
अन्हेरा कब के छा चुकले हल । ऊ अपन विश्वासी तेरेश्का के अपन त्रोयका (तीन घोड़ा द्वारा घिंच्चल जाय वला घोड़ागाड़ी) के साथ आउ विस्तृत चरणबद्ध निर्देश (instructions) के साथ नेनारादोवो भेज देलकइ, आउ खुद लगी एक घोड़ा वला छोटकुन्ना स्लेज जोते लगी आदेश देलकइ, आउ अकेल्ले बिन कोचवान के झादरिनो रवाना हो गेलइ, जाहाँ परी दू घंटा के बाद मारिया गव्रीलोव्ना भी आवे वली हलइ । रस्ता ओकरा मालुम हलइ, आउ खाली बीस मिनट के यात्रा हलइ ।
लेकिन व्लादिमिर मोसकिल से गाँव के छरदेवाली (fence) से बहरसी मैदान दने अइलइ कि हावा जोर पकड़ लेलकइ आउ अइसन बरफीला तूफान चालू हो गेलइ कि ओकरा कुछ नयँ देखाय देवे लगलइ । मिनट भर में रस्ता बरफ से ढँक गेलइ; आसपास के सब कुछ धुँधला आउ पीयर कुहरा में गुम हो गेलइ, जेकरा से होके बरफ के उज्जर गोला उड़ रहले हल; आकाश जमीन के साथ मिल गेलइ । व्लादिमिर खुद के मैदान में पइलकइ आउ रोड पर वापिस आवे के व्यर्थ प्रयास कइलकइ; घोड़ा अंदाज से गोड़ आगू बढ़ाब करऽ हलइ आउ मिनट-मिनट पर कभी ऊ बरफ के ढेर पर चल जाय, त कभी गड्ढा में ढुलक जाय; स्लेज मिनट-मिनट पर पलट जाय; व्लादिमिर खाली वास्तविक दिशा नयँ खोवे के प्रयास कर रहले हल । लेकिन ओकरा लगलइ कि आध घंटा से जादे गुजर चुकले ह, आउ ऊ झादरिनो के झुरमुट तक पहुँच नयँ पइलके ह । आउ दस मिनट गुजर गेलइ;
       
*    कपोत - capote - (फ्रेंच) घर में पेन्हल जाय वला औरतानी कोट.
**   महमेज - spur; घुड़सवार के बूट के पीछू लगल एगो दाँतेदार चाहे चिकना पहिया वाला धातु के एक प्रकार के नाल, जे घोड़ा के एड़ी लगाके नियंत्रित करे में काम आवऽ हइ ।
***  कप्तान-इस्प्राव्निक - जिला स्तर के पुलिस चीफ़, जे हुएँ के जमींदार लोग द्वारा चुन्नल जा हलइ ।
**** ऊलान - uhlans; घुड़सवार भालाबरदार.


झुरमुट अभियो नयँ नजर आब करऽ हलइ । व्लादिमिर गहिड़ा गड्ढा (दर्रा) सब से आरपार काटल मैदान से जाब करऽ हलइ । बरफीला तूफान शांत नयँ होब करऽ हलइ, आसमान साफ नयँ हो रहले हल । घोड़वा के थकावट होवे लगलइ, आउ ओकर देह पसेना से तर-बतर हो रहले हल, ई बात के बावजूद कि ऊ मिनट-मिनट पर जाँघ तक बरफ में धँस जा हलइ । आखिर ऊ समझ गेलइ कि ऊ सही तरफ नयँ जाब करऽ हइ । व्लादिमिर रुक गेलइ - सोचे, आद करे, समझे लगलइ आउ ऊ आश्वस्त हो गेलइ कि ओकरा दहिना दने मुड़े के चाही हल। ऊ दहिना दने चल पड़लइ । ओकर घोड़ा मोसकिल से पग आगू बढ़ा पा रहले हल । ओकरा रस्ता पर चलते एक घंटा से जादे हो चुकले हल । झादरिनो नगीच होवे के चाही हल । ऊ  स्लेज से आगू बढ़ते जा रहले हल, आगू बढ़ते जा रहले हल, लेकिन मैदान के कोय अंत नयँ हो रहले हल । बस, खाली बरफ के ढेर आउ दर्रा हलइ; मिनट-मिनट स्लेज पलट जा रहले हल, मिनट-मिनट ऊ ओकरा उठाब करऽ हलइ । समय गुजर रहले हल; व्लादिमिर अत्यंत बेचैन होवे लगलइ ।
आखिरकार एक तरफ कुछ तो कार होते देखाय देवे लगलइ । व्लादिमिर ओद्धिर मुड़लइ । नगीच अइते ऊ एगो झुरमुट देखलकइ । "भगमान के किरपा हइ", ऊ सोचलकइ, "अब नगीच आ गेलूँ ।" ऊ झुरमुट के चक्कर लगइते आगू बढ़लइ, ई आशा करते कि तुरतम्मे जानल-पछानल रोड पर पहुँच जइतइ, चाहे झुरमुट के परिक्रमा कइल जइतइ - झादरिनो ठीक एकर पीछू में हलइ । जल्दीए ओकरा रोड मिल गेलइ आउ शरत्काल में झड़ल पत्ता वला पेड़ सब के बीच से अन्हरवे में गाड़ी घुसइलकइ । हावा हियाँ परी तेज नयँ हलइ; रोड समतल हलइ; घोड़ा के हिम्मत बढ़ गेलइ, आउ व्लादिमिर के चैन पड़लइ ।
लेकिन ऊ गाड़ी से आगू चलते रहलइ, चलते रहलइ, लेकिन झादरिनो नजर नयँ आब करऽ हलइ; झुरमुट के कोय अंत नयँ होब करऽ हलइ । व्लादिमिर ई समझके आतंकित हो गेलइ कि ऊ एगो अनजान जंगल में चल अइले हल । निराशा ओकरा पर हावी हो गेलइ । ऊ घोड़वा के चाबुक लगइलकइ; बेचारा जीव दुलकी चाल से चले लगलइ, लेकिन तुरतम्मे थक्के लगलइ आउ अभागल व्लादिमिर के केतनो जोर लगइला पर भी पनरह मिनट में ऊ एक-एक कदम करके आगू बढ़े लगलइ ।
धीरे-धीरे पेड़ कम होवे लगलइ, आउ व्लादिमिर जंगल से बहरसी अइलइ; झादरिनो कहीं देखाय नयँ दे हलइ। लगभग आधी रात हो चुकले होत । ओकर आँख से अश्रु फूट पड़लइ; ऊ अंदाज से जाय लगलइ । मौसम शांत पड़ गेलइ, बादर बिखर गेलइ आउ ओकरा सामने लहरदार उज्जर दरी से आच्छादित मैदान हलइ । रात काफी साफ हलइ । ओकरा थोड़हीं दूर पर चार या पाँच घर के एगो छोटकुन्ना गाँव देखाय देलकइ । व्लादिमिर गाड़ी ओधरे हँकलकइ । पहिला इज़्बा (लकड़ी के बन्नल झोपड़ी) के पास ऊ स्लेज से उछलके निच्चे उतर गेलइ, खिड़की बिजुन गेलइ आउ ओकरा खटखटावे लगलइ । कुछ मिनट बाद लकड़ी के खिड़की उपरे उठलइ, आउ एगो बुढ़उ अपन उज्जर दाढ़ी बाहर कइलकइ ।
"तोहरा की चाही ?"
"की झादरिनो दूर हइ ?"
"की, झादरिनो दूर हइ ?"
"हाँ, हाँ, दूर हइ ?"
"जादे दूर तो नयँ; कोय दस विर्स्ता होतइ ।"
ई उत्तर सुनके व्लादिमिर अपन सिर के बाल पकड़ लेलकइ आउ बुत नियन खड़ी रहलइ, एगो अइसन अदमी नियन, जेकरा मृत्यु-दंड के निर्णय सुनावल गेले ह ।
"आउ तूँ काहाँ से आ रहलऽ ह ?" बुढ़उ बात जारी रखलकइ ।
व्लादिमिर प्रश्न के उत्तर देवे के हालत में नयँ हलइ ।
"की तूँ, बाबा", ऊ कहलकइ, "झादरिनो पहुँचे खातिर घोड़ा के इंतजाम कर सकऽ ह ?"
"हमन्हीं हीं घोड़ा काहाँ से ?" मुझीक उत्तर देलकइ ।
"अच्छऽ त कोय गाइड मिल सकऽ हइ ? जेतना ऊ चाहतइ, हम भुगतान कर देबइ ।"
"ठहरऽ", शटर निच्चे करते बुढ़उ कहलकइ, "हम तोरा लगी अपन बेटवा के भेज दे हियो; ऊ तोरा साथ जइतो।"
व्लादिमिर इंतजार करे लगलइ । एक्को मिनट नयँ होले हल कि ऊ फेर से खिड़की खटखटावे लगलइ । शटर उपरे उठलइ, दाढ़ी नजर अइलइ ।
"तोरा की चाही ?"
"तोहर बेटवा कन्ने हको ?"
"अभी अइतो, जुत्ता पेन्ह रहलो ह । तूँ शायद ठिठुर गेलऽ होत । अंदर आके जरी गरमाऽ ल ।"
"नयँ, धन्यवाद, जल्दी से अपन बेटवा के भेज द ।"
दरवाजा चरमरइलइ; एगो छोकरा लाठी लेले निकसलइ आउ कभी रस्ता देखइते, त कभी बरफ के ढेरी से ढँक्कल रस्ता खोजते आगू-आगू जाय लगलइ ।
"केतना समय होले होत ?" व्लादिमिर ओकरा पुछलकइ ।
"अब फरीछ होहीं वला हको" , नौजवान मुझीक जवाब देलकइ । व्लादिमिर आगू कोय शब्द नयँ बोललइ ।
मुर्गा बांग देब करऽ हलइ आउ फरीछ हो चुकले हल, जब ओकन्हीं झादरिनो पहुँचते गेलइ । गिरजाघर में ताला लगल हलइ । व्लादिमिर गाइड के भुगतान कइलकइ आउ गाड़ी से पादरी के घर गेलइ । प्रांगण (अहाता) में ओकर त्रोयका नयँ हलइ । कइसन समाचार ओकर इंतजार कर रहले हल !
लेकिन अब हम नेनारादोवो के भला जमींदार के घर चलके देखते जा हिअइ कि हुआँ अभी की हो रहले ह ।
आउ कुछ नयँ ।
बुजुर्ग लोग जग गेते गेलथिन आउ बहरसी अतिथिकक्ष में अइते गेलथिन । गव्रीला गव्रीलोविच रात के टोपी आउ सूती फलालेन जैकेट में, प्रकोव्या पित्रोव्ना रूई के अस्तर लगल ड्रेसिंग गाउन में । सामोवार लावल गेलइ, आउ गव्रीला गव्रीलोविच एगो लड़की (नौकरानी) के मारिया गव्रीलोव्ना के पास ई जाने लगी भेजइलथिन कि ओकर स्वास्थ्य कइसन हइ आउ रात के नीन कइसन अइलइ । लड़की वापिस अइलइ, सूचित कइलकइ कि सुकुमारी बतइलथिन कि उनका रात के ठीक से नीन नयँ अइलइ, लेकिन अभी जरी बेहतर लगऽ हइ आउ अभिए अतिथिकक्ष में आ जइथिन । वास्तव में, दरवाजा खुललइ, आउ मारिया गव्रीलोव्ना अपन प्रिय पापा आउ मम्मी के अभिवादन करे लगी अइलइ ।
"तोर सिर-दर्द कइसन हउ, माशा ?" गव्रीला गव्रीलोविच पुछलथिन ।
"बेहतर हइ, पापा", माशा उत्तर देलकइ ।
"माशा, तोरा शायद कोयला के विषाक्त गैस से अइसे होलो ह", प्रस्कोव्या पित्रोव्ना कहलथिन ।
"हो सकऽ हइ, माय", माशा उत्तर देलकइ ।
दिन तो निम्मन से गुजर गेलइ, लेकिन रात में माशा बेमार पड़ गेलइ । शहर से डाक्टर के बोलावे लगी अदमी भेजल गेलइ । ऊ शाम में अइलइ आउ रोगी के बड़बड़इते पइलकइ । ओकरा तेज बोखार चढ़ गेलइ, आउ बेचारी रोगी दू सप्ताह तक लगभग मृत्यु-मुख में पड़ल रहलइ ।
घर में केकरो प्रस्तावित पलायन के बारे मालुम नयँ हलइ । पूर्वसंध्या पर के लिक्खल पत्र सब के आग के हवाले कर देल गेले हल; मालिक के गोस्सा के डर से ओकर नौकरानी केकरो कुछ नयँ बतइलके हल । पादरी, सेवनिवृत्त कॉर्नेट, मोछैल जमींदार आउ छोटकुन्ना ऊलान चुप हलइ, आउ बिन कारण नयँ । कोचवान तेरेश्का कभियो कुच्छो फालतू नयँ बकलइ, नशा में धुत्त रहलो पर नयँ । ओहे से आधा दर्जन से अधिक षड्यंत्रकारी द्वारा ई रहस्य सुरक्षित रहलइ । लेकिन मारिया गव्रीलोव्ना खुद्दे लगातार के बड़बड़ाहट में अपन रहस्य के खोल देलकइ । तइयो ओकर शब्द एतना असंबद्ध हलइ कि ओकर पलंग से कभियो अलगे नयँ होवे वली माय खाली एतने समझ पइलथिन कि उनकर बेटी व्लादिमिर निकोलायेविच के साथ जी-जान से प्रेमासक्त होल हइ, कि हो न हो, ई प्रेम ही ओकर बेमारी के कारण हइ । ऊ अपन पति आउ कुछ पड़ोसी के साथ राय-मशविरा कइलथिन, आउ आखिरकार सब कोय सर्वसम्मति से निर्णय करते गेलथिन कि ई मारिया गव्रीलोव्ना के भाग्य में शायद एहे बद्दल हइ, कि होनहार होहीं के रहऽ हइ, कि गरीबी कोय गुनाह नयँ हइ, कि धन-दौलत के साथ नयँ बल्कि अदमी के साथ जिनगी गुजारल जा हइ, इत्यादि । नैतिक कहावत ऊ परिस्थिति में आश्चर्यजनक रूप से उपयोगी होवऽ हइ, जब हम सब खुद के स्पष्टीकरण में खुद कम सोच पावऽ हिअइ ।
एहे दौरान सुकुमारी चंगा होवे लगलइ । व्लादिमिर बहुत दिन से गव्रीला गव्रीलोविच के घर में देखाय नयँ दे हलइ । हमेशे नियन (उपेक्षा भाव से) होल स्वागत से ऊ डर गेले हल । ओकरा बोलावे के निर्णय कइल गेलइ आउ ओकरा लगी अप्रत्याशित सौभाग्य के घोषणा करे के  - शादी लगी सहमति । लेकिन नेनारादोवो के जमींदार लोग के कइसन हैरानी होलइ, जब उनकन्हीं के आमंत्रण के जवाब में उनकन्हीं के ओकर अधपगला-पत्र मिललइ ! ऊ उनकन्हीं के बतइलके हल कि ओकर गोड़ कभी उनकन्हीं के घर में नयँ पड़तइ, आउ अभागल के बारे भूल जाय के अनुरोध कइलके हल, जेकरा लगी मौत ही एकमात्र आशा हलइ । कुछ दिन के बाद उनकन्हीं के पता चललइ किव्लादिमिर सेना में भरती हो गेले हल । ई सन् 1812 के घटना हइ [3] ।
लंबा समय तक उनकन्हीं, चंगा हो रहल माशा के ई बात बतावे के हिम्मत नयँ करते गेलथिन । ऊ व्लादिमिर के कभी उल्लेख नयँ कइलकइ । कइएक महिन्ना बाद  बोरोदिनो के लड़ाई [4] में पराक्रमी आउ गंभीर रूप से घायल लोग के सूची में ओकर नाम देखके ऊ मूर्छित हो गेलइ, आउ उनकन्हीं ई बात से आतंकित हो गेते गेलथिन कि कहीं ओकर बोखार वापिस नयँ आ जाय । लेकिन, भगमान के दया से, ई मूर्छा के कोय दुष्परिणाम नयँ होलइ ।
एगो दोसर दुख ओकरा घेर लेलकइ - गव्रीला गव्रीलोविच गुजर गेलथिन, आउ ओकरा पूरा जागीर के उत्तराधिकारिणी छोड़ गेलथिन । लेकिन उत्तराधिकार ओकरा सांत्वना नयँ देलकइ; ऊ (अपन माय) बेचारी प्रस्कोव्या पित्रोव्ना के शोक में दिल से हिस्सा बँटावऽ हलइ, आउ ओकरा से कभी अलग नयँ होवे के कसम खइलकइ; ओकन्हीं दुन्नु नेनारादोवो छोड़ देते गेलइ, जे दुखद स्मृति के जगह हलइ, आउ जागीर *** में रहे लगी चल गेते गेलइ ।
विवाहेच्छुक लड़कन हियों परी विवाह योग्य प्यारी आउ धनी माशा के घेरले रहऽ हलइ; लेकिन ऊ केकरो लेशमात्र आशा भी नयँ देलकइ । ओकर माय कभी-कभार ओकरा खुद लगी एगो जीवन साथी चुन लेवे लगी समझावऽ हलइ; मारिया गव्रीलोव्ना सिर हिला दे हलइ आउ विचारमग्न हो जा हलइ । व्लादिमिर अभी जीवित नयँ हलइ - फ्रेंच लोग के मास्को में प्रवेश के पूर्वसंध्या पर ऊ मर गेले हल । ओकर स्मृति माशा लगी पवित्र लगऽ हलइ; कम से कम ऊ सब कुछ संजोगले हलइ, जे ओकरा आद करे में सहायता कर सकऽ हलइ; ओकर कभी पढ़ल पुस्तक, ओकर चित्रांकन, माशा लगी ओकर नकल कइल संगीत के स्वर आउ कविता । पड़ोसी लोग ई सब जानके ओकर प्रेम-निष्ठा से आश्चर्यचकित हो गेते गेलइ आउ उत्सुकतापूर्वक ऊ हीरो के प्रतीक्षा कर रहते गेले हल, जेकर ई कुमारी अर्तेमिसिया [5] के करुण निष्ठा पर आखिरकार विजय प्राप्त करे के कर्तव्य हलइ।
एहे दौरान युद्ध गौरव के साथ अंत हो गेले हल । हमन्हीं के रेजिमेंट विदेश से वापिस आब करऽ हलइ । लोग ओकन्हीं के स्वागत करे लगी दौड़ब करऽ हलइ । जित्तल गीत के धुन में संगीत बज रहले हल - "Vive Henri-Quatre" [वीव हेन्री-कात्र - (फ्रेंच) हेन्री-चतुर्थ दीर्घायु हो], तिरोली वाल्ज़ आउ जोकोन्द (Joconde) ऑपेरा के धुन [6] । अफसर लोग, जे अभियान पर लगभग किशोरावस्था में गेते गेला हल, युद्धक्षेत्र के हावा में तगड़ा होके आउ पदक लटकइले वापिस आ रहते गेला हल । सैनिक सब आनंदित मुद्रा में आपस में बात कर रहले हल, मिनट-मिनट अपन बातचीत में जर्मन आउ फ्रेंच के शब्द के मिश्रित करते । एगो कभी नयँ भुलाय वला समय ! गौरव आउ भावावेश के समय ! पितृभूमि  शब्द पर रूसी दिल केतना जोर से धड़कऽ हलइ ! मिलन के अश्रु केतना मधुर हलइ ! राष्ट्र-गौरव आउ सम्राट् के प्रति प्यार के भावना के हम सब कइसन सर्वसम्मति से जोड़ देते जा हलिअइ ! आउ उनका लगी कइसन पल हलइ!
नारी, रूसी नारी ऊ बखत अद्वितीय हलइ । ओकन्हीं के हमेशे के उदासीनता गायब हो गेले हल । ओकन्हीं के हर्षातिरेक वस्तुतः आनंददायक हलइ, जब विजेता लोग से मिलते समय ओकन्हीं चिल्ला हलइ - हुर्रा !
आउ हावा में टोपी उछालऽ हलइ [7] ।
ऊ बखत के अफसर लोग में से केऽ नयँ स्वीकार करतइ कि ऊ अपन सर्वोत्तम आउ सबसे अधिक मूल्यवान पुरस्कार लगी रूसी नारी के आभारी हइ ? ...
अइसन उज्ज्वल समय में मारिया गव्रीलोव्ना अपन माय के साथ *** प्रांत में रहऽ हलइ आउ ई नयँ देख पावऽ हलइ कि दुन्नु रजधानी में सेना के वापसी के कइसे उदसो (उत्सव) मनाब करऽ हलइ । लेकिन जिला आउ गाँव में लोग के हर्षातिरेक, शायद, आउ जादे तीव्र हलइ । ई सब स्थान में अफसर के आगमन ओकरा लगी एगो वास्तविक विजय हलइ, आउ फ्रॉक-कोट में एगो (असैनिक) प्रेमी लगी ओकरा सामने भारी गुजरऽ हलइ ।
हम पहिलहीं उल्लेख कर चुकलिए ह कि अपन उदासीनता के बावजूद मारिया गव्रीलोव्ना हमेशे पहिलहीं नियन विवाहेच्छुक लोग से घिरल रहऽ हलइ । किन्तु सबके पीछू हट जाय पड़लइ, जब घायल हुस्सार कर्नल बुर्मीन ओकर किला में अइलइ, अपन काज (buttonhole) में सेंट जॉर्ज के पदक के साथ आउ चेहरा पर मनोहर पीलापन  के साथ, जइसन कि स्थानीय नवयुवती सब कहते जा हलइ । ऊ लगभग छब्बीस साल के हलइ । मारिया गव्रीलोव्ना के गाँव के पास के अपन जागीर पर ऊ अवकाश पर अइले हल । मारिया गव्रीलोव्ना के ऊ बहुत विशेष लगलइ । ओकरा सामने ओकर हमेशे के विचारमग्नता गायब हो जाय आउ ओकरा में सजीवता आ जाय । ई नयँ कहल जा सकऽ हलइ कि ऊ ओकरा साथ अपन भाव-भंगिमा के प्रदर्शन करऽ हलइ; लेकिन एगो कवि ओकर आचरण के देखके कह सकऽ हलइ -
Se amor non è, che dunque?.. [8]
[से आमोर नोन ए, चे दुनक्वे ? (इटैलियन) - अगर ई प्रेम नयँ हइ, त फेर की हइ ? ...]
बुर्मीन वास्तव में एगो बहुत प्रिय नवयुवक हलइ । ऊ बिलकुल ओहे प्रकार के व्यक्ति हलइ, जे नारी जाति के पसीन पड़ऽ हइ - शिष्टाचार आउ अवलोकन के समझ वला, बिन कोय देखावा के आउ बेफिकर होके हँसमुख। मारिया गव्रीलोव्ना के साथ ओकर व्यवहार सहज आउ उन्मुक्त हलइ; लेकिन मारिया कुच्छो कहइ चाहे करइ, ओकर आत्मा आउ दृष्टि ओकरे पीछा करऽ हलइ । ऊ शांत आउ नम्र स्वभाव के लगऽ हलइ, लेकिन अफवाह ई बात के आश्वासन दे हलइ कि कभी तो ऊ लंपट हलइ, लेकिन ई बात मारिया गव्रीलोव्ना के दृष्टि में ओकरा कोय हानि नयँ पहुँचइलकइ, जे (साधारणतः सब्भे नवयुवती नियन) खुशीपूर्वक ओकर ऊ सब हरक्कत के माफ कर दे हलइ, जे ओकर साहस आउ जोश अभिव्यक्त करऽ हलइ ।
लेकिन सबसे अधिक ... (ओकर कोमलता से अधिक, मनोहर बातचीत से अधिक, मनोरम पीलापन से अधिक, पट्टी बन्हल हाथ से अधिक) युवक हुस्सार के चुप्पी सबसे अधिक ओकर उत्सुकता आउ कल्पना के उत्तेजित करऽ हलइ । ऊ ई बात समझले बेगर नयँ रहलइ कि युवक के ऊ बहुत पसीन पड़ऽ हलइ; शायद ओहो अपन बुद्धि आउ अनुभव से ई नोटिस कर चुकले हल कि मारिया ओकरा विशेष समझऽ हलइ - ई कइसे होलइ कि मारिया ओकरा अभी तक अपन गोड़ पर पड़ल नयँ देखलकइ आउ ओकर (प्रेम के) स्वीकारोक्ति अभियो तक नयँ सुनलकइ ? कउची ओकरा रोक रहले हल ? की ई सच्चा प्रेम से अविच्छेद्य (inseparable) लज्जा हलइ, कि गौरव चाहे धूर्त औरतबाज के नाज-नखरा हलइ ? ई ओकरा लगी पहेली हलइ । निम्मन से सोच-विचार करके ऊ निश्चय कइलकइ कि लज्जा एकमात्र एकर कारण हइ, आउ ओकरा अधिक ध्यानपूर्वक हौसला बढ़ावे के निश्चय कइलकइ, आउ परिस्थिति के अनुसार, स्नेहपूर्वक भी । ऊ अत्यंत अप्रत्याशित परिणाम के तैयारी कइलकइ आउ अधीरतापूर्वक रोमानी प्रेम-स्वीकृति के पल के प्रतीक्षा करे लगलइ । रहस्य, चाहे ऊ कइसनो प्रकार के रहइ, हमेशे नारी-हृदय लगी कष्टदायक होवऽ हइ । ओकर दाँव से वांछित सफलता मिललइ - कम से कम बुर्मीन अइसन विचारमग्न हो जा हलइ आउ ओकर करिया आँख मारिया गव्रीलोव्ना पर अइसन उद्दीप्त रूप में जम जा हलइ कि लगइ, निर्णायक पल नगीच आ चुकले ह । पड़ोसी लोग तो विवाह के बारे में एगो पक्का हो चुकल बात के रूप में बोलते जा हलइ, आउ नेकदिल प्रस्कोव्या पित्रोव्ना के ई बात से खुशी होवऽ हलइ कि ओकर बेटी के आखिरकार योग्य वर मिल गेलइ ।
बूढ़ी एक दिन अतिथि-कक्ष में ग्राँद-पाश्याँस (grande patience, ताश के एगो खेल) खेल रहला हल, जब बुर्मीन कमरा के अंदर प्रवेश कइलकइ आउ तुरते मारिया गव्रीलोव्ना के बारे पुछलकइ ।
"ऊ बाग में हको", बूढ़ी उत्तर देलथिन, "ओकरा पास जा, आउ हम तोहर हियाँ परी इंतजार करबो ।"
बुर्मीन चल गेलइ, आउ बूढ़ी क्रॉस कइलका आउ सोचे लगला - "शायद मामला आझे तय हो जइतइ !"
बुर्मीन मारिया गव्रीलोव्ना के पोखरा के पास पइलकइ, जे एगो भिसा (willow) वृक्ष के निच्चे हाथ में किताब लेले उज्जर पोशाक में कोय उपन्यास के वास्तविक नायिका लग रहले हल । पहिला कुछ प्रश्न के बाद मारिया गव्रीलोव्ना जान-बूझके बातचीत के जारी रक्खे लगी बंद कर देलकइ, आउ ई तरह से आपसी परेशानी बढ़ा देलकइ, जेकरा से वास्तव में अचानक आउ निर्णायक प्रेम-निवेदन द्वारा हीं छुटकारा मिल सकऽ हलइ । आउ अइसीं होलइ - बुर्मीन अपन विकट स्थिति के अनुभव करते घोषणा कइलकइ कि बहुत दिन से अइसन संयोग के प्रतीक्षा कर रहले हल ताकि ऊ ओकरा सामने अपन दिल खोल सकइ, आउ कुछ समय ध्यान देवे लगी निवेदन कइलकइ । मारिया गव्रीलोव्ना किताब बंद कर देलकइ आउ सहमति के रूप में आँख निच्चे कर लेलकइ।
"हम अपने के प्यार करऽ हिअइ", बुर्मीन कहलकइ, "हम अपने के दिलोजान से प्यार करऽ हिअइ ..." (मारिया गव्रीलोव्ना के चेहरा लाल हो गेलइ आउ ऊ अपन सिर आउ निच्चे कर लेलकइ ।) "हम असावधानी में व्यवहार कइलिअइ कि खुद के एगो मधुर हिसका (आदत) में डाल देलिअइ, अपने के रोज दिन देखे आउ सुन्ने के हिसका..." (मारिया गव्रीलोव्ना के St. Preux [9] के पहिला पत्र के आद पड़लइ ।) "अभी हमरा अपन किस्मत से लड़े खातिर बहुत देर हो चुकले ह; अपने के बारे आद, अपने के प्रिय अनुपम छवि अब से हमर जिनगी के यातना आउ आनंद होतइ; लेकिन हमरा अभियो एगो भारी उत्तरदायित्व पूरा करे के हइ, अपने के सामने एगो भयंकर रहस्य खोले के हइ आउ हमन्हीं बीच एगो अलंघ्य बाधा खड़ी करे के हइ ..."
"ई बाधा हमेशे अस्तित्व में हलइ", मारिया गव्रीलोव्ना सजीवता से बीच में बात काटते बोललइ, "हम कभियो अपने के पत्नी नयँ बन सकऽ हलिअइ ..."
"जानऽ हिअइ", ऊ ओकरा शांतिपूर्वक उत्तर देलकइ, "जानऽ हिअइ कि कभी अपने प्यार करऽ हलथिन, लेकिन मौत आउ तीन साल के शोक ... दयालु आउ प्रिय मारिया गव्रीलोव्ना ! हमरा ई आखरी सांत्वना से वंचित करे के प्रयास नयँ करथिन - ई विचार कि अपने हमरा सुखी बनावे लगी सहमत हो सकऽ हलथिन, अगर  ... अपने चुप रहथिन, भगमान के वास्ते, चुप रहथिन । अपने हमरा यातना देब करऽ हथिन । हाँ, हम जानऽ हिअइ, हम अनुभव करऽ हिअइ कि अपने हम्मर हो सकऽ हलथिन, लेकिन -- हम एगो सबसे अभागल जीव हिअइ ... हम विवाहित हिअइ !"
मारिया गव्रीलोव्ना ओकरा दने हैरत से नजर डललकइ ।
"हम विवाहित हिअइ", बुर्मीन बात जारी रखलकइ, "हमर विवाह होल चार साल हो गेलइ आउ हमरा ई नयँ मालुम कि केऽ हमर पत्नी हइ, ऊ काहाँ हइ, आउ हमर ओकरा से कभी भेंट होवो करतइ कि नयँ !"
"अपने की बोल रहलथिन हँ ?" मारिया गव्रीलोव्ना आश्चर्य के उद्गार प्रकट कइलकइ, "ई केतना विचित्र बात हइ ! बात जारी रखथिन; हम बाद में बतइबइ ... लेकिन अपने बात जारी रखथिन, किरपा करथिन ।"
"सन् 1812 के शुरू में", बुर्मीन कहलकइ, "हम विल्नो पहुँचे के जल्दी में हलिअइ, जाहाँ परी हमन्हीं के रेजिमेंट हलइ । एक रोज देर रात के डाक स्टेशन पहुँचके हम जल्दी से जल्दी घोड़ा जोते के औडर देवे कइलिए हल कि अचानक बरफीला तूफान उठलइ, आउ स्टेशन मास्टर आउ कोचवान लोग हमरा तूफान शांत पड़े तक इंतजार करे के सलाह देते गेलइ । हम ओकन्हीं के बात मान लेलिअइ, लेकिन एगो अबोध बेचैनी हमरा पर हावी हो गेलइ; हमरा लग रहले हल कि कोय तो हमरा ढकेल रहल ह । ई दौरान तूफान के जोर कम नयँ होलइ; हम खुद के रोक नयँ पइलिअइ, फेर से घोड़ा जोते लगी औडर देलिअइ आउ ठीक तूफाने में चल पड़लिअइ । कोचवान के दिमाग में नदी के किनारे-किनारे गाड़ी ले जाय के विचार अइलइ, जेकरा से हमन्हीं के रस्ता तीन विर्स्ता से कम हो जइते हल । नदी के तट बरफ से आच्छादित हलइ; कोचवान ऊ जगह से गुजर गेलइ, जाहाँ परी से रोड पर पहुँचल जा सकऽ हलइ, आउ ओहे से हमन्हीं एगो अनजान क्षेत्र में चल गेलिअइ । तूफान बंद नयँ होलइ; हमरा रोशनी देखाय देलकइ आउ ओद्धिर गाड़ी ले जाय के औडर देलिअइ । हमन्हीं एगो गाँव में पहुँचलिअइ; लकड़ी के बन्नल गिरजाघर में रोशनी हलइ । गिरजाघर खुल्लल हलइ, बाड़ के अंदर कइएक स्लेज खड़ी हलइ; (गिरजाघर के) ड्योढ़ी से होके लोग आब-जाब करऽ हलइ । " एन्ने आवऽ ! एन्ने आवऽ !" कइएक अवाज चिल्लइलइ । हम कोचवान के पास चल्ले के औडर देलिअइ । "अरे भाय, तूँ काहाँ रह गेलऽ हल?" कोय तो हमरा पुछलकइ, "दुलहिन तो मूर्छित हइ; पादरी के तो समझ में नयँ आ रहले ह कि की कइल जाय; हम सब तो वापिस जाय वला हलिअइ । जल्दी से बाहर आवऽ न ।" हम स्लेज से चुपचाप कूदके निच्चे उतर गेलिअइ आउ गिरजाघर में प्रवेश कइलिअइ, जेकरा में दू-तीन मोमबत्ती से मद्धिम-मद्धिम रोशनी हलइ। एगो लड़की गिरजाघर के अन्हार कोना में एगो बेंच पर बैठल हलइ; आउ एगो दोसर लड़की ओकर कनपट्टी सहलाब करऽ हलइ ।
"भगमान के किरपा", ऊ कहलकइ, "आखिर तो अपने आ गेलथिन । अपने तो सुकुमारी के लगभग जाने ले लेलथिन हल ।"
वृद्ध पादरी हमरा भिर अइलइ आउ पुछलकइ - "की शुरू कइल जाय ?"
"शुरू करथिन, शुरू करथिन, फ़ादर", हम अन्यमनस्कता से उत्तर देलिअइ ।
लड़की के उठावल गेलइ । ऊ हमरा देखे में काफी सुंदर लगलइ ... विचित्र आउ अक्षम्य छिछोरापन ... हम बेदी में ओकर बगल में खड़ी हो गेलिअइ; पादरी शीघ्रता कर रहले हल; तीन पुरुष आउ नौकरानी दुलहिन के सहारा देले हलइ आउ खाली ओकरे में व्यस्त हलइ । हमन्हीं दुन्नु के विवाह हो गेलइ ।
"एक दोसरा के चुंबन लेते जाथिन", हमन्हीं के कहल गेलइ । हमर पत्नी अपन पीयर चेहरा हमरा दने कइलकइ। हम ओकरा चुमहीं जाब करऽ हलिअइ ... ऊ चिल्ला उठलइ - "अरे, ई तो ऊ नयँ हइ ! ऊ नयँ हइ !" - आउ बेहोश होके गिर पड़लइ । गोवाह सब अपन भयभीत दृष्टि से हमरा एकटक देखे लगलइ । हम मुड़लिअइ, बिन कोय बाधा के हम गिरजाघर से निकस गेलइ, किबित्का में झट से बैठ गेलिअइ आउ चिल्लइलिअइ - "चल !"
"हे भगमान !" मारिया गव्रीलोव्ना चिल्ला उठलइ, "आउ अपने के मालुम नयँ कि अपने के बेचारी पत्नी के की होलइ ?"
"मालुम नयँ", बुर्मीन उत्तर देलकइ, "हमरा नयँ मालुम कि ऊ गाँव के की नाम हइ, जाहाँ हमर शादी होलइ; हमरा आद नयँ कि कउन डाक स्टेशन से हम रवाना होलिअइ । ऊ बखत हम अपन अपराधपूर्ण शरारत के एतना कम महत्त्व दे हलिअइ कि गिरजाघर से गाड़ी में रवाना होला पर हमरा नीन आ गेलइ आउ दोसरा दिन सुबह में हमर नीन टुटलइ, जब हम तेसरा स्टेशन पहुँच चुकलिए हल । ऊ नौकर, जे तखने हमरा साथ हलइ, अभियान के दौराने मर गेलइ, ओहे से हमरा कोय आशा भी नयँ हइ कि ओकरा हम ढूँढ़ सकबइ, जेकरा साथ हम एतना क्रूरतापूर्वक मजाक कइलिअइ आउ जेकरा पर अब एतना क्रूरतापूर्वक बदला लेल गेले ह ।"
"हे भगमान, हे भगमान !" ओकर हाथ पकड़के मारिया गव्रीलोव्ना कहलकइ, "त ई अपने हलथिन ! आउ अपने हमरा नयँ पछानऽ हथिन ?"
बुर्मीन के चेहरा पीयर पड़ गेलइ ... आउ ओकर गोड़ पर गिर पड़लइ ...
टिप्पणी:
[1] झुकोव्स्की - रूसी कवि, अनुवादक आउ राजकीय परिवार के निजी शिक्षक वसिली अन्द्रेयेविच झुकोव्स्की (1783-1852) पुश्किन के मित्र आउ परामर्शदाता हलथिन ।
[2] तूला - मास्को से लगभग 193 कि.मी. दक्षिण में ऊपा नदी के किनारे बसल एगो शहर, जे बारहमी शताब्दी से हीं धातुशिल्प (सामोवार, छूरी, काँटा, चम्मच, अग्नि-शस्त्र, मुहर), अदरक ब्रेड आउ अकॉर्डियन लगी प्रसिद्ध हलइ ।
[3] 1812 - 24 जून 1812 के नैपोलियन अपन विशाल सेना के नेमेन नदी पार करे के औडर देलकइ आउ रूस पर फ्रेंच आक्रमण चालू होलइ ।
[4] बोरोदिनो - मास्को से लगभग 120 कि.मी. पश्चिम में एगो गाँव (अभी शहर), जाहाँ परी 26 अगस्त (ग्रिगोरियन कैलेंडर के अनुसार 7 सितंबर) 1812 के नैपोलियन के विशाल सेना आउ रूसी सेना के बीच एगो बहुत घातक लड़ाई होले हल, जेकरा में कम से कम 70 हजार सैनिक मारल गेले हल ।
[5] अर्तेमिसिया - कारिया के अर्तेमिसिया (ग्रीक - Ἀρτεμισία ; मृत्यु 350 ई॰पू॰) अपन पति (आउ भाई) मौसुलुस के मौत के बाद 353 से 351 ई॰पू॰ तक राज्य कइलके हल । इतिहास में ऊ अपन पति के मौत पर असाधारण शोक करे लगी प्रसिद्ध हइ । रोज दिन  ऊ अपन पेय में पति के राख के मिलाके पीयऽ हलइ आउ अपन दू साल के शासन के दौरान शोक में धीरे-धीरे अपन देह के क्षीण करते गेले हल ।
[6] "Vive Henri-Quatre" . . . Joconde - गीत "Vive Henri-Quatre" (हेन्री चतुर्थ दीर्घायु हो) राजा हेन्री चतुर्थ (1553-1610) के समय के हीं हइ । फ्रेंच नाटककार चार्ल्स कोल (1709-1783) के हास्य नाटक "हेन्री चतुर्थ के शिकार पार्टी" (1770) में ई दोबारा लोकप्रियता प्राप्त कइलकइ । फ्रेंच कैदी लोग द्वारा "युद्ध आउ शांति" के अंत में गावल जा हइ । जोकोन्द (1814) फ्रेंच-माल्टीज़ संगीतकार निकोलो इसोउआर (Nicolo Isouard) (1773-1818) के हास्य ऑपेरा हइ ।
[7] "आउ हावा में टोपी उछालऽ हलइ" -  रूसी कवि, नाटककार आउ राजनीतिज्ञ अलिक्सांद्र ग्रिबऽयेदव (1795-1829) के नाटक "गोरे आत ऊमा" (बुद्धि से शोक) (1825)  में से एक पंक्ति (अंक-2, दृश्य-5)।
[8] Se amor non è, che dunque?.. - इटैलियन विद्वान आउ कवि फ़्रान्सेस्को पेत्रार्का (1304-1374) के काव्य "कान्ज़ोन्येरे" (गीतपुस्तक) से चतुर्दश-पदी (sonnet) सं॰132 के प्रारंभिक शब्द; संपूर्ण पंक्ति हइ - "S'amor non è, che dunque e quel ch'io sento?" (अगर ई प्यार नयँ हइ, त फेर ई की हइ जे हम अनुभव करऽ हिअइ ?)

[9] St. Preux - जाँ-जाक रूसो (Jean-Jacques Rousseau) (1712-1778) के पत्रात्मक (epistolary) उपन्यास “Julie, ou fa nouvelle Héloïse” (1761) में एगो पात्र के नाम, जे मध्यम वर्ग के एगो प्राइवेट शिक्षक हइ, आउ जे अपन अभिजातवर्गीय (aristocratic) छात्रा जूली के साथ प्रेमासक्त हो जा हइ ।  

Sunday, October 29, 2017

2.19 रूसी कहानी "काला पान के बीवी" ; अध्याय-6

6
" आतान्दे !" [1]
"अपने हमरा आतान्दे कहे के जुर्रत कइसे कइलथिन ?"
"महामहिम, हम तो आतान्दे-स् [2] कहलिअइ !"

दू अटल विचार, नैतिक प्रकृति में एक साथ विद्यमान नयँ रह सकऽ हइ, ठीक ओइसीं, जइसे कि दू पिंड (bodies)  भौतिक विश्व में एक्के स्थान में अवस्थित नयँ रह सकऽ हइ । तिक्का, सत्ता, एक्का - जल्दीए हेर्मान के कल्पना में मृत बुढ़िया के प्रतिमा के धुँधला कर देलकइ । तिक्का, सत्ता, एक्का - ओकर मस्तिष्क से निकस नयँ पावऽ हलइ आउ ओकर होंठ पर हिलते-डुलते रहऽ हलइ । जवान लड़की के देखके ऊ बोल उठऽ हलइ - "केतना सुग्घड़ हइ ऊ ! ... बिलकुल लाल पान के तिक्का ।" जब ओकरा पुच्छल जा हलइ - "केतना बजले ह ?", त ऊ उत्तर दे हलइ - "सत्ता में पाँच मिनट बाकी" । हरेक तोंदल अदमी ओकरा एक्का के आद देलावऽ हलइ । तिक्का, सत्ता, एक्का - ओकरा नीन में पीछा करऽ हलइ, सब तरह के संभव रूप धारण करके - तिक्का एगो बड़का गो फूल के रूप में खिल जा हलइ, सत्ता गोथिक शैली के फाटक के रूप में प्रकट होवऽ हलइ, एक्का बड़का गो मकड़ा के रूप में । ओकर सब विचार एक्के में मिल जा हलइ - ऊ राज (secret) के सदुपयोग करना, जेकरा लगी ओकरा एतना बड़गो कीमत चुकावे पड़लइ । ऊ सेवानिवृत्ति आउ यात्रा के बारे सोचे लगलइ । ऊ पेरिस के सार्वजनिक कासिनो (जुआखाना) में सम्मोहित भाग्य (enchanted Fate) से खजाना हथियावे लगी चाहऽ हलइ । संयोग ओकरा धौड़धूप से बचा देलकइ ।
मास्को में धनी जुआड़ी लोग के एगो दल बन्नल हलइ, चेकलिन्स्की के अध्यक्षता में, जे अपन पूरा जिनगी ताश के जुआ खेले में बितइलके हल आउ वचनपत्र (promissory notes) जीतते आउ नगद रकम हारते, कभी करोड़ो बनइलके हल । दीर्घकाल के अनुभव ओकरा लगी सथीवन के विश्वास अर्जित कइलके हल, आउ ओकर खुल्लल घर, निम्मन रसोइया, सहृदयता आउ प्रसन्नचित्तता ओकरा लगी आम लोग के मान-मर्यादा । ऊ पितिरबुर्ग अइलइ । युवा वर्ग, ताश के जुआ के सामने बॉल-नृत्य के भूलके आउ इश्कबाजी के प्रलोभन के अपेक्षा फ़ारो के सम्मोहन के प्राथमिकता देते, ओकरा हीं जमघट लगावे लगलइ । नारूमोव ओकरा हीं हेर्मान के लइलकइ । 
ओकन्हीं शानदार कमरा के कतार (series) पार करते गेलइ, जेकरा में शिष्ट बैरा सब भरल हलइ । कुछ जेनरल (सेनापति) आउ प्रिवी काउंसिलर (सम्राट् या गवर्नर-जेनरल के निजी सलाहकार) लोग कोटपीस (whist) खेल रहते गेले हल; नवयुवक लोग बेल-बूटेदार कपड़ा से मढ़ल सोफा पर पसरके बैठल हलइ, आइसक्रीम खा रहले हल आउ पाइप पी रहले हल । अतिथि-कक्ष में लगभग बीस खेलाड़ी एगो लमगर टेबुल के चारो तरफ जामा हलइ, जेकर पीछू गृह-स्वामी बैठल हलइ आउ ओहे बैंकर बनल हलइ । ऊ लगभग साठ साल के अत्यंत आदरणीय रंगरूप के हलइ; सिर पर रुपहला केश हलइ; भरल आउ ताजा चेहरा उदारता चित्रित करऽ हलइ; सदा मुसकान छाल रहे से सजीव आँख चमकऽ हलइ । नारूमोव ओकरा हेर्मान के परिचय देलकइ । चेकलिन्स्की मित्रतापूर्ण ढंग से ओकरा साथ हाथ मिलइलकइ, औपचारिकता नयँ बरते लगी कहलकइ आउ पत्ता बाँटना जारी रखलकइ ।     
खेल के पारी (round) देर तक चललइ । टेबुल पर तीस से अधिक पत्ता हलइ ।
चेकलिन्स्की हरेक दाँव के बाद रुक जाय ताकि खेलाड़ी सब के अपन इंतजाम करे के समय मिल जाय, (ओकन्हीं के) हारल रकम के लिख लेइ, ओकन्हीं के निवेदन शिष्टतापूर्वक सुन्नइ, (ओकन्हीं के) अन्यमनस्क हाथ से मोड़ल कोना के आउ अधिक शिष्टतापूर्वक सीधा कर देइ । आखिरकार खेल के पारी समाप्त होलइ । चेकलिन्स्की पत्ता फेंटलकइ आउ दोसर पारी खातिर पत्ता बाँटे के तैयारी कइलकइ ।
"एक दाँव लगावे के अनुमति देथिन", हिएँ परी दाँव लगा रहल एगो मोटगर अदमी के पीछू से हाथ बढ़इते हेर्मान कहलकइ । चेकलिन्स्की मुसकइलइ आउ चुपचाप सहमति के संकेत के रूप में सिर झुकइलकइ । नारूमोव हँसते हेर्मान के लमगर अवधि के व्रत के तोड़े के निर्णय पर बधाई देलकइ आउ ओकरा लगी शुभारंभ के कामना कइलकइ ।
"त अइकी हइ !" अपन पत्ता पर खल्ली से बड़गो रकम लिखके हेर्मान कहलकइ ।
"केतना के दाँव हइ जी ?" बैंकर अपन आँख जरी सिकोड़ते पुछलकइ, "माफ करथिन जी, हमरा ठीक से देखाय नयँ दे हइ ।"
"सनतालीस हजार", हेर्मान उत्तर देलकइ । एतना सुनला पर सबके सिर क्षण भर में मुड़ गेलइ आउ सब आँख हेर्मान पर टिक गेलइ । "ई पगलाऽ गेले ह !" नारूमोव सोचलकइ ।
"ई अपने के बतावे के अनुमति देथिन", चेकलिन्स्की अपन अपरिवर्तनीय मुसकान के साथ कहलकइ, "कि अपने के दाँव बड़गर हइ - कोय भी खेल के सबसे पहिला चरण (simple) में अभी तक दू सो पचत्तर से जादे के दाँव नयँ लगइलके ह ।"
"एकरा से की ?" हेर्मान एतराज कइलकइ, "हमर दाँव अपने के स्वीकार हइ कि नयँ ?" चेकलिन्स्की ओइसने विनयपूर्ण सहमति के मुद्रा में अपन सिर झुकइलकइ ।
"हम खाली अपने के सूचित करे लगी चाहऽ हलिअइ", ऊ कहलकइ, "कि मित्र लोग के विश्वासपात्र होवे के नाते हम नगद रकम के अलावा कोय आउ तरह से बैंकर के भूमिका अदा नयँ कर सकऽ हिअइ । जाहाँ तक हमर खुद के तरफ से संबंध हइ त हम निस्संदेह आश्वस्त हिअइ कि अपने के वचन ही काफी हइ, लेकिन खेल आउ हिसाब के व्यवस्था खातिर हम अपने से दाँव पर पैसा रक्खे के निवेदन करऽ हिअइ ।"
हेर्मान अपन जेभी से एगो बैंकनोट निकसलकइ आउ चेकलिन्स्की के सौंप देलकइ, जे एकरा विहंगम दृष्टि से देखके हेर्मान के पत्ता पर रख देलकइ । ऊ पत्ता बाँटे लगलइ । दहिना दने नहला अइलइ आउ बामा दने तिक्का।
"(हमर पत्ता) जीत गेलइ !" अपन पत्ता देखइते हेर्मान कहलकइ ।
खेलाड़ी लोग के बीच खुसुर-फुसुर होवे लगलइ । चेकलिन्स्की नाक-भौं सिकुड़लकइ, लेकिन तुरतम्मे ओकर चेहरा पर मुसकान लौट अइलइ ।
"की अभी प्राप्त करे लगी चाहऽ हथिन ?" ऊ हेर्मान के पुछलकइ ।
"मेहरबानी करथिन ।"

चेकलिन्स्की जेभी से कुछ बैंकनोट निकसलकइ आउ तुरतम्मे हिसाब चुकता कर देलकइ । हेर्मान अपन पैसा लेलकइ आउ टेबुल भिर से चल गेलइ । नारूमोव तो अपन होश भी सम्हार नयँ पइलकइ । हेर्मान एक गिलास लेमू-शरबत (lemonade) पिलकइ आउ घर रवाना हो गेलइ ।
दोसरा दिन शाम के ऊ फेर से चेकलिन्स्की के हियाँ प्रकट होलइ । गृह-स्वामी पत्ता बाँट रहले हल । हेर्मान टेबुल भिर अइलइ; पुंटर लोग (punters) ओकरा तुरतम्मे जगह दे देते गेलइ । चेकलिन्स्की स्नेहपूर्वक ओकरा सामने सिर झुकइलकइ ।
हेर्मान नयका पारी के इंतजार कइलकइ, पत्ता दाँव पर रखलकइ, जेकरा पर अपन सनतालीस हजार आउ कल्हे वला अपन जित्तल रकम लगइलकइ ।
चेकलिन्स्की पत्ता बाँटे लगलइ । गुलाम के पत्ता दहिना दने गिरलइ, आउ सत्ता बामा दने ।
हेर्मान सत्ता खोलके देखइलकइ ।
सब कोय आह भरलकइ । चेकलिन्स्की स्पष्टतः परेशान हो उठलइ । ऊ चौरानबे हजार गिनके हेर्मान के सौंप देलकइ । हेर्मान भावशून्यता के साथ ई लेलकइ आउ तखनिएँ चल गेलइ ।
अगले शाम हेर्मान फेर टेबुल भिर प्रकट होलइ । सब कोय ओकर प्रतीक्षा कर रहले हल । जेनरल आउ प्रिवी काउंसिलर लोग अपन ताश के ह्विस्ट खेल बीच में छोड़ देते गेलइ ताकि एतना असाधारण खेल के देख सकइ। नवयुवक अफसर सब सोफा पर से उछलके आ गेते गेलइ; सब बैरा अतिथि-कक्ष में जामा हो गेते गेलइ । सब लोग हेर्मान के घेर लेते गेलइ । दोसर खेलाड़ी लोग अपन दाँव नयँ लगइते गेलइ, अधीरतापूर्वक इंतजार करते गेलइ कि एकर नतीजा की निकसऽ हइ । हेर्मान टेबुल भिर खड़ी हलइ, आउ पीयर पड़ल, लेकिन हमेशे मुसकइते चेकलिन्स्की के विरुद्ध अकेल्ले दाँव लगावे लगी तैयारी कर रहले हल । हरेक अपन-अपन ताश के गड्डी खोललकइ । चेकलिन्स्की पत्ता फेंटलकइ । हेर्मान अपन पत्ता निकसलकइ आउ ओकरा बैंकनोट के गड्डी से झाँकके दाँव लगइलकइ । ई एगो द्वन्द्वयुद्ध नियन हलइ । सगरो गहरा सन्नाटा छाल हलइ ।
चेकलिन्स्की पत्ता बाँटे लगलइ, ओकर हाथ काँप रहले हल । दहिना दने बेगम पड़लइ, बामा दने एक्का ।
"एक्का जीत गेलइ !" हेर्मान बोल उठलइ आउ अपन पत्ता खोलके देखइलकइ ।
"अपने के बेगम हार गेलइ", चेकलिन्स्की स्नेहपूर्वक कहलकइ ।
हेर्मान चौंक गेलइ - वास्तव में एक्का के बजाय सामने काला के बीवी पड़ल हलइ । ओकरा अपन आँख पर विश्वास नयँ हो रहले हल, समझ में नयँ आ रहले हल कि कइसे ओकरा से गलत पत्ता निकस गेलइ ।
तखनिएँ ओकरा लगलइ कि काला के बीवी अपन आँख सिकुड़इलकइ आउ व्यंग्यपूर्वक मुसकइलइ । असाधारण सादृश्य से ऊ दंग रह गेलइ ...
"बुढ़िया !" ऊ भय से काँप उठलइ ।
चेकलिन्स्की (हेर्मान द्वारा हारल) रकम के अपना भिर घींच लेलकइ । हेर्मान बुत बन्नल खड़ी रहलइ । जब ऊ टेबुल भिर से गेलइ, त शोर-शराबेदार बातचीत उठलइ । "शानदार दाँव लगइलकइ !" खेलाड़ी लोग बोललइ। चेकलिन्स्की फेर से पत्ता फेंटे लगलइ - खेल हमेशे नियन चलते रहलइ ।

उपसंहार
हेर्मान पागल हो गेलइ । ऊ ओबुख़ोव अस्पताल में कमरा नम्बर 17 में बैठल रहऽ हइ, कउनो प्रश्न के उत्तर नयँ दे हइ आउ असाधारण गति से बड़बड़ा हइ - "तिक्का, सत्ता, एक्का ! तिक्का, सत्ता, बीवी ! ..."
लिज़ावेता इवानोव्ना एगो बहुत सुशील नवयुवक से शादी कर लेलकइ; ऊ कहीं तो सरकारी सेवा में हइ आउ बड़ी धनवान हइ - ऊ बुढ़िया काउंटेस के भूतपूर्व बराहिल (steward) के बेटा हइ । लिज़ावेता इवानोव्ना के हियाँ एगो गरीब रिश्तेदार लड़की के पालन-पोषण हो रहले ह ।
तोम्स्की के कप्तान पद पर प्रोन्नति (promotion) मिल गेले ह आउ राजकुमारी पोलिना से शादी करे वला हइ।

टिप्पणी:
[1] "आतान्दे !" - पुश्किन मूल रूसी में फ्रेंच शब्द "Attendez!" (“ठहरथिन !”) के फ़ारो में प्रयुक्त रूसीकृत रूप "Атàнде!" के प्रयोग कइलथिन हँ, जेकर प्रयोग करके जुआड़ी लोग कोय दाँव पर खेल समाप्त होवे के पहिले लगावल दाँव में परिवर्तन करे लगी बैंकर के कहऽ हलइ । जब ई शब्द के प्रयोग उत्तेजित अवस्था में जोर देके कहल जा हलइ त ई एगो अशिष्ट आदेश नियन लग सकऽ हलइ, जे बैंकर लगी अपमानजनक हलइ, विशेष करके जब ऊ कोय अधेड़ उमर के आउ उँचगर पद पर होवऽ हलइ । प्योत्र व्याज़ेम्स्की (1792-1878) अपन "पुरनका नोटबुक" में रेकर्ड करऽ हथिन कि काउंट गुदोविच, जेकर प्रोन्नति कर्नल रैंक में हो गेले हल, अपन सहकर्मी लोग के साथ फ़ारो खेल में बैंकर के भूमिका अदा करे लगी बंद कर देलके हल, ई स्पष्टीकरण देते - "कोय बुजुर्ग के ई शोभा नयँ दे हइ कि ऊ खुद के कोय दुधपिलुआ वारंट अफसर के माँग के चक्कर में डालइ, जे अपने के विरुद्ध दाँव लगाके लगभग अशिष्ट ढंग से चिल्ला हइ - आतान्दे !" [दे॰ प्योत्र व्याज़ेम्स्की - "स्तारयऽ ज़पिस्नयऽ क्निझका" (पुरनका नोटबुक); संपादकः एल.या. लिन्ज़बुर्ग, प्रकाशकः इज़दातेल्स्त्वा पिसातेलेय, लेनिनग्राद, 1927, लेख सं॰124; "पोलनए सब्रानिए सचिनेनी क्न्याज़्या पे॰ आ॰ व्याज़ेम्स्कवऽ" (राजकुमार प्योत्र अन्द्रेयेविच व्याज़ेम्स्की के सम्पूर्ण रचनावली), 12 खंड में, खंड-8 (1883), पितिरबुर्ग, पृ॰189 (रूसी में)] शायद एहे उपाख्यान, जे पितिरबुर्ग में 1830 के दशक में प्रचलन में हलइ, पुश्किन के ई अध्याय में सूक्ति के रूप में प्रयोग करे लगी प्रेरित कइलकइ ।
[2]  आतान्दे-स् ( Атàнде-c! ) - कोय रूसी भाषा के आज्ञार्थक (imperative) क्रियारूप में "-स्" जोड़ देवे से उच्च दर्जा के सम्मान सूचित करऽ हइ । अतः फ्रेंच-रूसी मिश्रित ई शब्द के अर्थ हइ - "ठहरथिन जी", "ठहरथिन श्रीमान", आदि ।