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Friday, June 23, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-5 ; दृश्य-2

दृश्य-2
(ओहे सब आउ व्यापारी लोग)
मेयर - ओह ! निम्मन स्वास्थ्य के कामना, प्यारे बाज !
व्यापारी सब - (झुकते) निम्मन स्वास्थ्य के कामना, महोदय !
मेयर - की प्यारे, की हालचाल हको ? तोहन्हीं सब के व्यापार कइसन चल रहलो ह ? समोवार आउ कपड़ा के व्यापारी लोग, कइसन शिकायत हलो ? एक नंबर के धोखेबाज, महाधूर्त्त, सांसारिक ठग ! शिकायत हलो? आउ एकरा चलते बहुत कुछ मिल गेलो ? त सोचऽ हलहो कि हमरा जेल में ठूँस देल जइतइ ! ... की तोहन्हीं के मालुम हको, सात शैतान आउ एक डायन तोहन्हीं के दाँत में, कि ...
आन्ना अंद्रेयेव्ना - हे भगमान, कइसन-कइसन शब्द तूँ मुँह से निकासऽ ह, अंतोशा !
मेयर - (नराज होके) अभी हमर भाषा पर ध्यान नयँ द ! तोहन्हीं सब के मालुम हको, कि ओहे अफसर, जेकरा से शिकायत करते गेलहो, अब हमर बेटी के साथ शादी करे वला हथिन ? की ? ऐं ? अभी की कहते जइबहो? अब हम तोहन्हीं के ... हूँ ! ... लोग के ठग्गऽ हो ... सरकार से ठेका लेबहो, लेकिन सड़ल कपड़ा के सप्लाय करके एकरा एक लाख के चूना लगइबहो, आउ बाद में बीस अर्शीन (1 अर्शीन = 28 इंच) के दान करभो आउ एकरा लगी पुरस्कारो चाहभो ? अगर ओकन्हीं के मालुम चल गेलो त तोरा ... आउ पेट आगू निकासऽ हइ - ऊ व्यापरी हइ, ओकरा स्पर्श नयँ करहीं । बोलऽ हइ, "हम सब तो भद्रजन के सामने भी नयँ झुक्कऽ हिअइ ।" आउ भद्रजन ... ओह, मोटगर थोपड़ा ! - भद्रजन शिक्षित होवऽ हइ - ओकरा बल्कि स्कूल में पिटम्मस भी कइल जा हइ, त कोय कारण से, ताकि ऊ उपयोगी बात सीख सकइ । लेकिन तूँ ? - धोखेबाजी से शुरू करऽ हीं; तोरा मालिक ई लगी पिट्टऽ हउ कि तूँ ठीक से धोखा नयँ दे पावऽ हीं । तूँ अभियो बुतरू हकँऽ, "हमर पिता" के नयँ जानऽ हीं, तौले बखत कोती मारऽ हीं; आउ जइसीं मोटाऽ जाहीं आउ जेभी भर जा हउ, ओइसीं ऐंठी देखावे लगऽ हीं ! कइसन अचरज के बात हइ ! त एक दिन में सोल्लह समोवार (के चाय) गड़क जा हीं, आउ सोचऽ हीं कि ऐंठ सकऽ हीं ? हम तोर सिर पर आउ तोर ऐंठन पर थुक्कऽ हिअउ !
व्यापारी सब - (झुकते) हमन्हीं सब दोषी हिअइ, अंतोन अंतोनोविच !
मेयर - शिकायत करते जइम्हीं ? आउ ऊ केऽ हलइ जे तोरा धोखा देवे में मदत कइलकउ, जब तूँ पुल बनाब करऽ हलहीं आउ लकड़ी के नाम बीस हजार रूबल चढ़ा देलहीं, जबकि ओकर कीमत सोवो रूबल नयँ हलइ? हम तोरा मदत कइलियो हल, बकड़-दाढ़ी ! तूँ ई बात भूल गेलहीं ? ई बात के खोलके तोरा साइबेरिया भेजवा दे सकऽ हलिअउ । की कहऽ हीं ? ऐं ?
एक व्यापारी - भगमान कसम, हमन्हीं सब दोषी हिअइ, अंतोन अंतोनोविच ! शैतान हमन्हीं के भटका देलके हल । आउ कसम से इंदे कभी नयँ शिकायत करते जइबइ । अपन मर्जी के मोातबिक संतुष्टि कर लेथिन, लेकिन खाली गोस्सा नयँ करथिन !
मेयर - "गोस्सा नयँ करथिन !" अखने हमर गोड़ रगड़ते जा हीं । काहे लगी ? - ई लगी, कि हमर पलड़ा भारी हो गेलइ; आउ जरिक्को सुनी तोहन्हीं के पलड़ा भारी होतो हल, त हमरा तो, सूअर कहीं के, सीधे कादो में सौन देतहीं हल, ओकरो पर उपरे से लकड़ी के लट्ठा के ढेर डाल देतहीं हल ।
व्यापारी सब - (गोड़ तक झुकके) हमन्हीं के बरबाद नयँ करथिन, अंतोन अंतोनोविच !
मेयर - "बरबाद नयँ करथिन !" अभी - "बरबाद नयँ करथिन !" आउ पहिले की हलइ ? हम तोहन्हीं के ... (हाथ लहराके) अच्छऽ, भगमान माफ करथुन ! बहुत हो गेलउ ! हम गुर्रह नयँ रक्खे वला हिअउ; खाली अब सवधान रहिहँऽ ! हम कोय साधारण भद्रजन के अपन लड़की नयँ देब करऽ हिअइ - (ओहे से अइसन बेशकीमती उपहार होवे के चाही कि) शाबासी मिल्ले ... समझलहीं ? कहीं ई न समझिहँऽ कि कइसनो मसालेदार मछली चाहे बन (sugarloaves) से छुटकारा मिल जइतउ ... अच्छऽ, अब दफा हो जइते जो !
(व्यापारी सब के प्रस्थान ।)

  
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